/sootr/media/media_files/2025/09/25/swami-chetnyanand-issue-2025-09-25-14-36-40.jpg)
Photograph: (the sootr)
दिल्ली के SRISIIM (श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट एंड रिसर्च) संस्थान में पढ़ने वाली 17 छात्राओं ने स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती के खिलाफ यौन उत्पीड़न, मानसिक उत्पीड़न, गुप्त कैमरे लगाने और धमकाने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं।
छात्राओं का कहना है कि स्वामी चैतन्यानंद उन्हें देर रात बुलाते थे और उनके खिलाफ अश्लील मैसेज भेजते थे। इसके अलावा, जो छात्राएं इन कृत्यों का विरोध करती थीं, उन्हें डिग्री रुकवाने, निलंबन और निष्कासन की धमकियां दी जाती थीं।
दिल्ली में यौन उत्पीड़न का यह मामला तब सामने आया जब वायु सेना मुख्यालय से एक शिकायत प्राप्त हुई, जिसमें SRISIIM के छात्रों ने स्वामी चैतन्यानंद के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए थे। स्वामी चैतन्यानंद के पास से कई लक्जरी कारों की फर्जी नंबर प्लेटें भी मिली हैं, जिनका उपयोग वह अपना रुतबा दिखाने के लिए करता था। इसके बाद पुलिस ने FIR दर्ज कर 300 से अधिक पन्नों का सबूत जब्त किया और मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए जांच शुरू कर दी।
/sootr/media/post_attachments/eb187556-8fa.png)
स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती पर छात्राओं के आरोपों
यौन उत्पीड़न और मानसिक उत्पीड़न के आरोप
छात्राओं का कहना है कि स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती अक्सर उन्हें रात में अपने कक्ष में बुलाते थे और अश्लील मैसेज भेजते थे। इसके अलावा, कई छात्राओं को शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ा। इन छात्राओं के मुताबिक, स्वामी चैतन्यानंद ने कई बार उन्हें विदेश यात्राओं और अन्य लाभों का लालच भी दिया, लेकिन इसका उद्देश्य उनका शोषण करना था।
गुप्त कैमरे और धमकियां
गुप्त कैमरे लगाना भी आरोपों का हिस्सा था। छात्राओं के मुताबिक, उनके हॉस्टल में गुप्त कैमरे लगाए गए थे। यह कैमरे छात्रों की सुरक्षा के नाम पर लगाए गए थे, लेकिन बाद में इनका इस्तेमाल स्वामी चैतन्यानंद की निगरानी और शोषण के लिए किया गया।
डिग्री रोकने की धमकी
जो छात्राएं इस शोषण के खिलाफ आवाज उठाती थीं, उन्हें डिग्री रुकवाने, निलंबन और निष्कासन की धमकियां दी जाती थीं। साथ ही, उनकी शिकायतों को नजरअंदाज कर दिया जाता था, और उनके परिवार वालों को भी हस्तक्षेप करने से रोका जाता था।
यह खबरें भी पढ़ें...
कृष्णा किड्स एकेडमी में बच्ची को अगरबत्ती से जलाने का आरोप,टीचर को नौकरी से हटाया,जानें पूरा मामला
प्रमोशन में आरक्षण मामला: हाईकोर्ट में सुनवाई टली, अब 16 अक्टूबर को होगी
FIR दर्ज और 300 पन्नों के सबूत पुलिस के पास
पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए FIR दर्ज की और 300 पन्नों के सबूतों को जब्त किया। इन सबूतों में छात्राओं के बयान, व्हाट्सऐप चैट और अन्य आपत्तिजनक सामग्री शामिल हैं। पुलिस का कहना है कि आरोपों की गंभीरता से जांच की जा रही है, और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
स्वामी चैतन्यानंद और उनके सहयोगियों के खिलाफ जो भी कानूनी कदम उठाए जाएंगे, वे न केवल इस मामले के आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ बल्कि समाज में इस तरह के शोषण के खिलाफ भी एक महत्वपूर्ण कदम होंगे।
आरोपों के बाद स्वामी चैतन्यानंद को आश्रम ने हटाया
SRISIIM मामले में आरोपी स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। पीड़ितों ने उन पर व्हाट्सएप (WhatsApp) पर अश्लील मैसेज भेजने, अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने और गलत तरीके से छूने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं।
आरोपी पर आश्रम का एक्शन और लुक-आउट नोटिस
- मामला सामने आने के बाद आश्रम ने चैतन्यानंद की हरकतों पर कड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें निदेशक पद से तुरंत हटा दिया है।
पुलिस ने यह सुनिश्चित करने के लिए कि आरोपी देश छोड़कर भाग न पाए, उसके खिलाफ लुक-आउट नोटिस (Look-out Notice) जारी किया है।
दिल्ली पुलिस के अनुसार, मूल रूप से ओडिशा (Odisha) के रहने वाले चैतन्यानंद पिछले 12 सालों से आश्रम में रह रहे थे और आश्रम के संचालक (Director) और केयरटेकर (Caretaker) दोनों की भूमिका निभा रहे थे।
मामला खुलते ही आश्रम ने उनसे पूरी तरह किनारा कर लिया है।
यह खबरें भी पढ़ें...
मेडिकल छात्रा से यौन उत्पीड़न का आरोप, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की डॉ. आशीष सिन्हा की याचिका
PTJNMC मेडिकल कॉलेज में छात्रा से यौन उत्पीड़न, विदेश भागने की तैयारी में है आरोपी डॉक्टर
पहले भी लग चुके हैं ऐसे आरोप
यह पहली बार नहीं है जब चैतन्यानंद सरस्वती पर ऐसे गंभीर आपराधिक आरोप लगे हैं:
2009 में: डिफेंस कॉलोनी (Defence Colony) में उनके खिलाफ धोखाधड़ी (Cheating) और छेड़छाड़ (Molestation) का मामला दर्ज किया गया था।
2016 में: वसंत कुंज (Vasant Kunj) में एक महिला ने उनके खिलाफ छेड़छाड़ की शिकायत (Molestation Complaint) दर्ज कराई थी।
चैतन्यानंद की 'लेडी गैंग' भी शामिल
SRISIIM मामले की पुलिस जाँच में एक चौंकाने वाला पहलू सामने आया है। स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती अपने इस गंदे खेल में अकेले नहीं थे, बल्कि उन्हें संस्थान की कुछ महिला फैकल्टी (Women Faculty) और वॉर्डन (Warden) का सक्रिय सहयोग मिल रहा था।
ये महिलाएँ बाबा की एक तरह की 'लेडी गैंग' (Lady Gang) बनकर काम करती थीं। उनका काम था:
छात्राओं को कभी डरा-धमकाकर तो कभी बहला-फुसलाकर बाबा चैतन्यानंद के पास भेजना।
छात्राओं के मोबाइल फोन से बाबा के अश्लील मैसेज और अन्य आपत्तिजनक सबूतों को डिलीट करना।
पुलिस अब इस 'लेडी गैंग' के सभी सदस्यों सेगहन पूछताछ कर रही है और जल्द ही उनकी गिरफ्तारी की उम्मीद है।
/sootr/media/agency_attachments/dJb27ZM6lvzNPboAXq48.png)
Follow Us