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PTJNMC Medical College Raipur: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर स्थित पं. जवाहरलाल नेहरू स्मृति मेडिकल कॉलेज एक बार फिर गंभीर आरोपों के चलते सुर्खियों में है। कॉलेज की एक छात्रा ने पूर्व विभागाध्यक्ष (HOD) डॉ. आशीष सिन्हा पर यौन शोषण, छेड़छाड़ और मानसिक प्रताड़ना जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं।
इस मामले में रायपुर के मौदहापारा थाना में आरोपी डॉक्टर के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 74 और 75(2)(3) के तहत FIR दर्ज की गई है।
पीड़िता के अनुसार, आरोपी सिन्हा लंबे समय से उन्हें परेशान कर रहे थे। उन्होंने अपनी शिकायत में विस्तृत रूप से घटनाओं का ब्यौरा दिया है, जो कॉलेज और विभागीय गतिविधियों के दौरान घटित हुईं।
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क्या हैं आरोप? पीड़िता की आपबीती
छात्रा ने पुलिस को बताया कि डॉ. आशीष सिन्हा शुरू से ही उनके प्रति गलत नीयत रखते थे। वे अश्लील टिप्पणियां, घूरना, और शारीरिक छेड़छाड़ करते थे। 13 जुलाई 2024 को, फिजियोलॉजी विभाग में अश्लील फोटो दिखाने और हाथ खींचकर पास बैठाने की कोशिश की गई।
26 सितंबर 2024 को एक कैंसर सम्मेलन के दौरान, छोटे कपड़ों में फोटो भेजने की मांग की गई। 2 और 10 जनवरी 2025 को, विभागीय आयोजनों के दौरान शारीरिक छेड़छाड़ की गई।
छात्रा ने कहा कि शिकायत करने पर डॉ. सिन्हा ने करियर बर्बाद करने की धमकी दी और परीक्षा में फेल करने की बात कही।
सबूत और शिकायत की लंबी लड़ाई
पीड़िता ने अपनी शिकायत में कहा है कि उसने व्हाट्सएप चैट, कॉल रिकॉर्डिंग और अन्य डिजिटल सबूत पुलिस को दिए हैं। पहले सहपाठियों, फैकल्टी, डीन, और यहां तक कि डायरेक्टर ऑफ मेडिकल एजुकेशन (DME) तक भी शिकायत पहुंचाई गई, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
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7 मार्च 2025 को कॉलेज की आंतरिक शिकायत समिति (ICC) ने जांच के बाद डॉ. सिन्हा को दोषी ठहराया और उन्हें HOD पद से हटाया गया। बावजूद इसके, आरोपी कॉलेज में आकर पीड़िता को धमकाते रहे। 20 जून 2025 को दोबारा शिकायत की गई, लेकिन कॉलेज प्रशासन ने चुप्पी साधे रखी।
अब FIR दर्ज, लेकिन गिरफ्तारी नहीं
छात्रा ने आखिरकार 4 जुलाई 2025 को मौदहापारा थाने में लिखित शिकायत दी, जिसके आधार पर पुलिस ने FIR दर्ज कर ली है। लेकिन अब तक आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है, जबकि जानकारी के अनुसार डॉ. आशीष सिन्हा विदेश जाने की तैयारी में हैं और उनका टिकट भी हो चुका है।
छात्रा ने अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है और कहा है कि आरोपी की राजनीतिक पहुंच के चलते उसे और भी खतरा है।
कानूनी धाराएं और कार्रवाई की स्थिति
मामला भारतीय न्याय संहिता (BNS) की निम्नलिखित धाराओं के तहत दर्ज किया गया है:
धारा 74: यौन उत्पीड़न से संबंधित अपराध
धारा 75(2)(3): बार-बार छेड़छाड़ और मानसिक उत्पीड़न
मामले की जांच पुलिस ने शुरू कर दी है, लेकिन आरोपी की गिरफ्तारी को लेकर अब भी सस्पेंस बना हुआ है।
प्रशासन और मेडिकल शिक्षा विभाग की चुप्पी पर सवाल
इस गंभीर मामले में अभी तक स्वास्थ्य विभाग या DME की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। पिछली जांच में दोषी पाए जाने के बावजूद डॉ. सिन्हा का कॉलेज में सक्रिय रहना और पीड़िता को धमकी देना, प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल खड़े करता है।
क्या बोले महिला अधिकार कार्यकर्ता?
महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने इस मामले को बेहद संवेदनशील और गंभीर बताया है और मांग की है कि "आरोपी को तुरंत गिरफ्तार किया जाए और पीड़िता की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। ऐसे मामलों में देरी से पीड़िता का मनोबल टूटता है और न्याय की प्रक्रिया कमजोर होती है।"
यह मामला सिर्फ एक छात्रा के शोषण का नहीं, बल्कि पूरे मेडिकल शिक्षा तंत्र की जवाबदेही का भी सवाल है।जहाँ एक ओर छत्तीसगढ़ सरकार भ्रष्टाचार और पारदर्शिता की बात करती है, वहीं दूसरी ओर ऐसे मामलों में प्रशासन की धीमी प्रतिक्रिया व्यवस्था की संवेदनहीनता को उजागर करती है। अब सबकी नजर इस बात पर है कि क्या आरोपी डॉक्टर की गिरफ्तारी समय रहते हो पाएगी, या फिर मामला धीरे-धीरे ठंडे बस्ते में चला जाएगा।
मेडिकल कॉलेज में छात्रा से यौन उत्पीड़न | PTJNMC मेडिकल कॉलेज | PTJNMC Medical College Raipur | Dr. Ashish Sinha
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