मुंबई हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा (Tahewwur Rana) को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। मुंबई में 26 नवंबर 2008 को 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों ने हमला किया था, जिसमें 166 निर्दोष लोग मारे गए थे। राणा, जो पाकिस्तान मूल का कनाडाई व्यवसायी है, उस हमले का मुख्य साजिशकर्ता था और अमेरिकी नागरिक डेविड कोलमैन हेडली (David Coleman Headley) का करीबी सहयोगी था। अब नई जानकारी सामने आई है कि राणा ने दिल्ली में भी हमले की योजना बनाई थी।
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दिल्ली की एक अदालत ने इस मामले को लेकर आदेश जारी किया है, जिसमें कहा गया कि राणा ने मुंबई हमले के बाद दिल्ली और अन्य कई शहरों में भी आतंकवादी हमले करने की योजना बनाई थी। अदालत ने यह भी कहा कि मामले में एनआईए द्वारा पेश किए गए सबूत राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित हैं और इस मामले की गहन जांच की आवश्यकता है।
दिल्ली में आतंकवादी हमले की तैयारी
एनआईए (National Investigation Agency) ने कोर्ट में जो सबूत पेश किए, उसके मुताबिक तहव्वुर राणा ने दिल्ली को अपने हमले का मुख्य लक्ष्य चुना था। वह भारतीय शहरों में अन्य स्थानों पर भी हमले की योजना बना चुका था। अदालत ने इस योजना को राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मामला मानते हुए राणा की गिरफ्तारी और उसकी पूछताछ को बेहद जरूरी बताया।
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तहव्वुर राणा की गिरफ्तारी और एनआईए की जांच
पाकिस्तान से जुड़े आतंकवादियों की मदद से दिल्ली में हमला करने की साजिश रचने के आरोप में राणा को गिरफ्तार किया गया है। कोर्ट के आदेश के बाद, राणा को एनआईए की हिरासत में भेजा गया और उनकी लगातार पूछताछ जारी है। विशेष एनआईए न्यायाधीश चंद्रजीत सिंह ने आदेश में कहा कि राणा से गहन पूछताछ की जरूरत है, ताकि हमले की योजना के बारे में पूरी जानकारी मिल सके।
एनआईए द्वारा अपराध स्थल का दौरा
एनआईए के अधिकारी राणा को विभिन्न स्थानों पर ले जाकर घटनाओं का पुनर्निर्माण (Reconstruction) करेंगे। यह कार्य इस उद्देश्य से किया जाएगा ताकि अधिकारियों को राणा के द्वारा रचे गए आतंकवादी नेटवर्क की जानकारी मिल सके और इस साजिश को पूरी तरह से समझा जा सके। राणा को अपराध स्थल पर ले जाने के बाद, अधिकारियों को उनके बयान से संबंधित महत्वपूर्ण सबूतों और कड़ी जानकारी प्राप्त हो सकती है।
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महत्वपूर्ण सबूत और गवाहों से सामना
राणा की पूछताछ में गवाहों और दस्तावेजी सबूतों से उनका आमना-सामना कराना बेहद जरूरी है। न्यायालय ने आदेश दिया है कि राणा को उनके खिलाफ पेश किए गए महत्वपूर्ण साक्ष्यों से अवगत कराया जाए, ताकि वह साजिश की पूरी सच्चाई सामने ला सके।