मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के बीच ताप्ती बेसिन मेगा रिचार्ज परियोजना को लेकर एक महत्वपूर्ण कदम उठाया जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जानकारी दी है कि 10 मई 2025 को इस परियोजना को लेकर दोनों राज्यों के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर होंगे। इस अवसर पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी भोपाल में मौजूद रहेंगे।
यह परियोजना मध्यप्रदेश की नदी जोड़ो योजना का हिस्सा है, जिसके तहत नदी जल को जोड़कर पानी की आपूर्ति और सिंचाई क्षेत्र को बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। इस परियोजना से दोनों राज्यों में कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाने के साथ-साथ पानी की उपलब्धता में भी सुधार होगा।
ताप्ती बेसिन मेगा रिचार्ज परियोजना का उद्देश्य
ताप्ती बेसिन मेगा रिचार्ज परियोजना का मुख्य उद्देश्य मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के विभिन्न कृषि क्षेत्रों में सिंचाई की सुविधा प्रदान करना और भूजल स्तर को पुनर्भरण करना है। इस परियोजना के तहत कुल 31.13 टीएमसी (Thousand Million Cubic Feet) जल का उपयोग किया जाएगा, जिसमें 11.76 टीएमसी जल मध्यप्रदेश और 19.36 टीएमसी जल महाराष्ट्र को आवंटित किया जाएगा।
इस परियोजना से मध्यप्रदेश के 1,23,082 हेक्टेयर और महाराष्ट्र के 2,34,706 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होगी, जो कि दोनों राज्यों के किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल साबित होगी।
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परियोजना के प्रमुख लाभ...
- सिंचाई की सुविधा: यह परियोजना मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के कृषि क्षेत्रों में सिंचाई की सुविधा को बढ़ाएगी, जिससे किसानों को फसल उत्पादन में मदद मिलेगी।
- भूजल स्तर का पुनर्भरण: इस परियोजना से भूजल स्तर को पुनर्भरण होगा, जो कि जल संकट को हल करने के लिए बेहद आवश्यक है।
- पेयजल की उपलब्धता: इस परियोजना के तहत जल संसाधनों का बेहतर प्रबंधन होगा, जिससे पेयजल की उपलब्धता भी बेहतर होगी।
- गुजरात को भी मिलेगा लाभ: यह परियोजना महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के साथ-साथ गुजरात राज्य के कुछ हिस्सों को भी लाभ पहुंचाएगी।
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परियोजना में प्रस्तावित जलसंरचनाएं
ताप्ती बेसिन मेगा रिचार्ज परियोजना के तहत कुल चार प्रमुख जलसंरचनाएं प्रस्तावित हैं, जो इस परियोजना को सफलता की ओर अग्रसर करेंगी-
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खरिया गुटीघाट लो डायवर्जन वियर
यह वियर मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र की सीमा पर स्थित होगा, जिसकी जल भराव क्षमता 8.31 टीएमसी होगी।
इस वियर के माध्यम से जल का संचयन किया जाएगा, जिससे दोनों राज्यों के लिए जल आपूर्ति की सुविधा होगी।
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दाहिनी तट नहर
यह नहर 221 किलोमीटर लंबी होगी, जिसमें से 110 किलोमीटर मध्यप्रदेश में स्थित होगा।
इस नहर से मध्यप्रदेश के 55,089 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा मिलेगी, जो कि मध्यप्रदेश के किसानों के लिए एक बड़ी राहत होगी।
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बाईं तट नहर
यह नहर 135.64 किलोमीटर लंबी होगी, जिसमें से 100.42 किलोमीटर मध्यप्रदेश में स्थित होगा।
इस नहर से मध्यप्रदेश के 44,993 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा मिलेगी।
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बाईं तट नहर द्वितीय चरण
यह नहर 123.97 किलोमीटर लंबी होगी, जिसमें से 14 किलोमीटर लंबी सुरंग भी शामिल होगी।
इस नहर से महाराष्ट्र के 80,000 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होगी।
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जल संकट को हल करने में भी मदद मिलेगी: सीएम
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि ताप्ती बेसिन मेगा रिचार्ज परियोजना मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र दोनों राज्यों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा। उन्होंने यह भी बताया कि यह मध्यप्रदेश की तीसरी नदी जोड़ो परियोजना होगी, जिसे महाराष्ट्र के सहयोग से बढ़ावा दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस परियोजना के जरिए जल संसाधनों का बेहतर उपयोग किया जाएगा, जिससे राज्य के कृषि क्षेत्र को और अधिक बल मिलेगा और जल संकट को हल करने में भी मदद मिलेगी।
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पीएम नरेंद्र मोदी और स्व. अटल बिहारी की परिकल्पना
डॉ. यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में और पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की परिकल्पना को साकार करते हुए मध्यप्रदेश को नदी जोड़ो परियोजनाओं में अग्रणी राज्य बनाने की बात की।
सीएम मोहन यादव | प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना | ताप्ती बेसिन रिचार्ज परियोजना