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Photograph: (THESOOTR)
2025 में टेक कंपनियों में छंटनी का एक नया दौर देखने को मिल रहा है। इन कंपनियों में प्रमुख रूप से TCS, माइक्रोसॉफ्ट और अमेजन बड़े पैमाने पर कर्मचारियों को हटाया जा रहा है।
इस साल अब तक 218 कंपनियों ने 1.12 लाख से ज्यादा कर्मचारियों को नौकरी से निकाला है। इसके पीछे मुख्य कारण AI तकनीक, धीमी अर्थव्यवस्था और लागत कटौती है। इन कंपनियों का कहना है कि AI और ऑटोमेशन के बढ़ते प्रभाव के कारण अब कम कर्मचारियों की आवश्यकता है।
TCS ने सबसे बड़ी छंटनी की घोषणा की है, जबकि अमेजन और माइक्रोसॉफ्ट ने भी अपने कर्मचारियों की संख्या में कमी की है। इन छंटनियों से टेक इंडस्ट्री में एक नया बदलाव आ रहा है, जो आने वाले समय में अन्य कंपनियों को भी प्रभावित कर सकता है।
टेक कंपनियों में छंटनी का बड़ा कारण
2025 में, बड़ी टेक कंपनियां जैसे TCS (टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज), माइक्रोसॉफ्ट और अमेजन ने अपने कर्मचारियों की संख्या में भारी कटौती की है। ये छंटनियां AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) और ऑटोमेशन (Automation) के बढ़ते प्रभाव के कारण हो रही हैं।
AI के कारण अब कई काम ऑटोमेटेड हो गए हैं, जिससे मैनुअल कार्यों की आवश्यकता कम हो गई है। इसके अलावा, कंपनियों का ध्यान अब अधिक लागत कटौती और दक्षता पर केंद्रित हो गया है।
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TCS में अब तक की सबसे बड़ी छंटनी
TCS, जो भारत की सबसे बड़ी आईटी कंपनी है, ने 2025 में 19,755 कर्मचारियों की छंटनी की घोषणा की। यह कंपनी का अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है।
TCS का कहना है कि यह कदम ऑटोमेशन और AI (Artificial Intelligence) फोकस के चलते उठाया गया है, जिससे मिड और सीनियर लेवल के पद समाप्त किए गए हैं। TCS का हेडकाउंट अब 6 लाख से नीचे आ गया है। यह कॉर्पोरेट छंटनी विशेष रूप से उन पदों को प्रभावित करेगी जो अब AI के द्वारा ऑटोमेटेड किए जा रहे हैं।
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माइक्रोसॉफ्ट और अमेजन ने भी हटाए
माइक्रोसॉफ्ट ने इस साल 9,000 कर्मचारियों की छंटनी की, जो इसके कुल वर्कफोर्स का 4% है। माइक्रोसॉफ्ट का कहना है कि AI और क्लाउड निवेश बढ़ाने के लिए यह कदम उठाया गया है।
वहीं, अमेजन ने 14,000 कर्मचारियों को निकाला, और कहा कि यह कदम कंपनी के मैनेजमेंट की लेयर्स को कम करने और अपनी कार्यप्रणाली को बेहतर बनाने के लिए उठाया गया है। अमेजन की योजना है कि ये छंटनियां 30,000 तक पहुंच सकती हैं।
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इंटेल और अन्य कंपनियों में कटौती
इंटेल ने लगभग 24,000 कर्मचारियों को निकालने का फैसला किया है, जो इसकी ग्लोबल वर्कफोर्स का करीब 22% है। इंटेल ने यह कदम पीसी डिमांड की गिरावट और AI रेस में पिछड़ने के कारण उठाया है। इसके अलावा, अन्य कंपनियां जैसे गूगल, मेटा (फेसबुक), और सेल्सफोर्स ने भी AI के बढ़ते प्रभाव के कारण कर्मचारियों की संख्या में कटौती की है।
तकनीकी कंपनियों में AI का बढ़ता प्रभाव
AI और ऑटोमेशन तकनीकों का बढ़ता प्रभाव कंपनियों की कार्यप्रणाली को बदल रहा है। जहां एक ओर इन तकनीकों से कार्यकुशलता और उत्पादकता में वृद्धि हो रही है, वहीं दूसरी ओर कर्मचारियों की आवश्यकता घट रही है। इससे बड़ी संख्या में कर्मचारियों की छंटनी हो रही है। कंपनियां अब उन कर्मचारियों को रख रही हैं जिनकी भूमिका नई तकनीकों के अनुरूप हो।
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अन्य कंपनियों की छंटनी
सिर्फ TCS, माइक्रोसॉफ्ट और अमेजन ही नहीं, बल्कि अन्य कंपनियों ने भी अपनी वर्कफोर्स में कटौती की है। जैसे-
- इक्सेंचर ने 11,000 से ज्यादा नौकरियों को खत्म किया।
- सिस्को ने 4,250 नौकरियों को समाप्त किया।
- फोर्ड ने इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के कारण 13,000 नौकरियों की छंटनी की।
- PwC ने ग्लोबली 5,600 कर्मचारियों को निकाला।
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