मौत को हरा नहीं पाया अपना राहुल, कजाकिस्तान से जयपुर लाकर इलाज कराने की कोशिश रही नाकाम

राजस्थान के जयपुर के शाहपुरा निवासी राहुल घोसल्या, जो कजाकिस्तान में एमबीबीएस कर रहा था, आखिरकार ब्रेन हेमरेज के कारण अपनी जिंदगी की जंग हार गया। सभी की लाख कोशिशों के बावजूद अपने राहुल को बचाया नहीं जा सका। राहुल का डॉक्टर बनने का सपना अधूरा रह गया।

author-image
Amit Baijnath Garg
New Update
rahukl ghosalya

Photograph: (the sootr)

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

Jaipur. राजस्थान के जयपुर जिले के शाहपुरा निवासी राहुल घोसल्या, जो कजाकिस्तान में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा था, अचानक ब्रेन हेमरेज का शिकार हो गया।

8 अक्टूबर को जब उसे ब्रेन हेमरेज हुआ, तो उसके साथी छात्रों ने उसे स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन वह होश में नहीं आया। बाद में उसे कजाकिस्तान से एयरलिफ्ट कर जयपुर लाया गया, जहां 13 दिनों तक इलाज के बाद उसकी बिना किसी सुधार के मौत हो गई।

कजाकिस्तान में जिंदगी की जंग लड़ रहे MBBS स्टूडेंट राहुल को जयपुर लाए, SMS में शुरू हुआ इलाज

राहुल का कठिन इलाज

राहुल के दोस्तों के जरिए उसके परिजनों को ब्रेन हेमरेज होने की सूचना मिली। इस खबर ने उसके परिवार को घेर लिया, क्योंकि कजाकिस्तान में कोई दूसरा सदस्य परिवार से नहीं पहुंच सकता था। सरकार के प्रयासों के बावजूद राहुल के स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं हो पाया।

तब राजस्थान सरकार और विदेश मंत्रालय के सहयोग से एयर एंबुलेंस के जरिए उसे जयपुर लाया गया, लेकिन अंततः राहुल की जान नहीं बचाई जा सकी।

वेंटिलेटर पर चल रहे MBBS स्टूडेंट राहुल को एयर एंबुलेंस से लाएंगे जयपुर, SMS अस्पताल में करेंगे भर्ती

7 बहनों का इकलौता भाई

राहुल शाहपुरा तहसील के नयाबास गांव का रहने वाला था। वह अपने परिवार में सात बहनों का इकलौता भाई था। सभी बहनें उससे बड़ी थीं और वह सबकी आंखों का तारा था। राहुल के माता-पिता ने उसे डॉक्टर बनाने का सपना देखा था। इसलिए उन्होंने उसे कजाकिस्तान भेजा था, ताकि वह एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी कर सके। उनका सपना था कि राहुल डॉक्टर बनेगा और वापस लौटकर लोगों की सेवा करेगा। दुर्भाग्यवश वह अपने परिवार और दोस्तों का सपना पूरा नहीं कर सका।

राजस्थान में 58 हजार से ज्यादा कुत्ते पकड़े, 52 हजार की नसबंदी, सरकार का सुप्रीम कोर्ट में जवाब

सरकार के प्रयासों के बावजूद नाकामी

राहुल के इलाज में सरकार और अधिकारियों ने पूरा सहयोग किया। राज्य सरकार और विदेश मंत्रालय ने मिलकर उसे एयर एंबुलेंस के जरिए वापस लाने का प्रयास किया। हालांकि इतने बड़े प्रयासों के बावजूद राहुल की स्थिति में सुधार नहीं हो सका और उसकी मौत हो गई। राहुल ने एसएमएस हॉस्पिटल में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया।

राजस्थान में भीषण सड़क हादसा : फलोदी में टेंपो ट्रैवलर ने खड़े ट्रेलर में मारी टक्कर, 18 की मौत

परिवार का गहरा शोक

राहुल के निधन से उसके परिवार और मित्रों में गहरा शोक है। वह अपनी सात बहनों का इकलौता भाई था और सभी के लिए वह एक प्रेरणा था। उसकी मौत ने न केवल उसके परिवार को, बल्कि उसके गांव और क्षेत्र को भी बहुत प्रभावित किया है। राहुल का सपना डॉक्टर बनने का था, लेकिन दुर्भाग्यवश उसे पूरा करने का मौका नहीं मिला।

हजारों यात्रियों के लिए बड़ा झटका, एमपी से राजस्थान जाने वाली स्लीपर बसें बंद, जानें वजह

...और अधूरा रह गया सपना

राहुल के माता-पिता और उसके परिवार के सदस्य उसे डॉक्टर बनाने का सपना देखते थे। उन्होंने राहुल को एमबीबीएस की पढ़ाई करने के कजाकिस्तान भेजा था। राहुल की सातों बहनें भी चाहती थीं कि उनका इकलौता भाई डॉक्टर बने। वह अपनी सभी बहनों का दुलारा भाई था। वह गांव और दोस्तों में भी सबका प्यारा था।

एसएमएस हॉस्पिटल विदेश मंत्रालय राजस्थान सरकार एमबीबीएस ब्रेन हेमरेज राहुल घोसल्या राजस्थान
Advertisment