TCS में अब इंक्रीमेंट और हायरिंग पर रोक, पहले हटा चुका है 12 हजार कर्मचारी
TCS ने हाल ही में 12000 कर्मचारियों की छंटनी और सीनियर कर्मचारियों की नियुक्ति व वेतन वृद्धि पर रोक लगाने की घोषणा की है। यह घटनाएं कंपनी के संकट में होने का संकेत देती हैं या नहीं?
TCS में इंक्रीमेंट और हायरिंग पर रोक : टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने हाल ही में 12000 कर्मचारियों की छंटनी की घोषणा की। इसके बाद सीनियर कर्मचारियों की नियुक्ति और वेतन वृद्धि पर रोक लगा दी गई। कंपनी में 6 लाख से ज्यादा कर्मचारी काम कर रहे हैं।
यह कदम क्या कंपनी के संकट का संकेत है? हम इस बारे में विस्तार से जानेंगे। आइए जानते हैं कि ये सभी घटनाएं किस ओर इशारा करती हैं और क्या TCS ( Tata Consultancy Services ) वाकई संकट में है।
12000 कर्मचारियों की छंटनी का कारण
TCS की छंटनी (TCS Layoffs) की खबर ने न केवल कर्मचारियों को बल्कि उद्योग जगत को भी चौंका दिया। रिपोर्ट्स के अनुसार, यह छंटनी मुख्य रूप से मिड और सीनियर लेवल कर्मचारियों पर की गई थी।
एक तरफ, जहां कंपनी का कहना है कि यह कदम बदलावों और पुनर्गठन के हिस्से के रूप में लिया गया है, वहीं दूसरी ओर Nascent IT Employees Senate ( NITES) ने इसे लेकर श्रम मंत्रालय से शिकायत की है।
हालांकि, कंपनी ने इस बारे में स्पष्ट रूप से कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, TCS में हो रहे बदलाव AI और तकनीकी बदलावों के कारण हो रहे हैं। दूसरी कंपनियों ने पहले ही AI में निवेश करना शुरू कर दिया था, लेकिन TCS ने इस बदलाव को धीरे-धीरे अपनाया।
हायरिंग पर रोक (Hiring Freeze) और इंक्रीमेंट पर रोक (Salary Freeze) लगाना यह संकेत देता है कि कंपनी में कुछ आंतरिक समस्याएं हो सकती हैं।
खासकर, सीनियर कर्मचारियों की नियुक्ति में 65 दिनों से ज्यादा की देरी हो रही है, और एक नई पॉलिसी के तहत कर्मचारियों को 35 दिनों के भीतर प्रोजेक्ट ढूंढने का दबाव डाला जा रहा है, वरना उन्हें नौकरी छोड़नी होगी।
ऐसे में सवाल उठता है कि क्या ये बदलाव कंपनी की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए किए जा रहे हैं या फिर यह वाकई में कोई बड़ा संकट है?
आईटी कंपनी TCS की इन रणनीतियों का कर्मचारियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा, यह एक बड़ा सवाल है। जब एक कंपनी के अंदर इतनी बड़ी संख्या में कर्मचारियों की छंटनी की जाती है और साथ ही कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि पर रोक लगाई जाती है, तो यह संकेत देता है कि कंपनी को अपने संसाधनों पर नियंत्रण करने की जरूरत है।
इन बदलावों के बावजूद, TCS अभी भी भारत की सबसे बड़ी आईटी कंपनियों में से एक मानी जाती है, और यह सुनिश्चित करना कि इन बदलावों का दीर्घकालिक प्रभाव क्या होगा, बेहद महत्वपूर्ण है।
क्या TCS संकट से उबर पाएगी?
यह कहना मुश्किल है कि क्या TCS संकट से उबर पाएगी, लेकिन वर्तमान में कंपनी अपनी संरचना और कार्यप्रणाली में बड़े बदलाव कर रही है। AI जैसे तकनीकी बदलावों के साथ तालमेल बैठाने के लिए TCS को समय और निवेश दोनों की जरूरत है। अगर यह बदलाव सही दिशा में हुए तो TCS के लिए भविष्य में बेहतर परिणाम हो सकते हैं।
FAQ- खबर से संबंधित सामान्य सवाल
TCS में कर्मचारियों की नियुक्ति क्यों नहीं हो रही है?
TCS ने नियुक्ति प्रक्रिया नहीं होने को स्वीकार किया है और इसका कारण कंपनी के पुनर्गठन और नए प्रोजेक्ट्स की आवश्यकता को बताया है। हालांकि, यह कर्मचारियों के लिए चिंता का कारण बन गया है।
क्या TCS में हायरिंग और इंक्रीमेंट पर रोक लगाना संकट का संकेत है?
यह कदम वास्तव में संकेत देता है कि कंपनी अपने संसाधनों को बेहतर तरीके से प्रबंधित करना चाहती है। हालांकि, यह भविष्य में कर्मचारियों के मनोबल पर प्रभाव डाल सकता है, खासकर यदि कर्मचारियों को नए प्रोजेक्ट्स के लिए दबाव डाला जा रहा है।