Opposition के लिए ये 14 states बनेंगे चुनौती, यहां से 2019 में BJP को मिले थे 50% से ज्यादा वोट

2019 के लोकसभा चुनावों में सत्ता में रही बीजेपी ने 105 सीटों पर 3 लाख से अधिक मतों के अंतर से जीत हासिल की। 2014 की तुलना में 63 सीटें अधिक, जो दर्शाता है कि विपक्षी दलों के सामने 2024 के आम चुनावों में चुनौती कितनी बड़ी है... 

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Jitendra Shrivastava
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विपक्ष के लिए ये 14 राज्य फिर बनेंगे चुनौति।

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BHOPAL. लोकसभा चुनाव 2024 के लिए सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपनी-अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। बीजेपी के सामने विपक्ष की मुश्किलें इस बार कम नहीं दिख रही हैं। इसका कारण 2019 में बीजेपी का अकेले 303 सीट सहित एनडीए की 351 सीटें जीतना था। 2019 में बीजेपी को 14 राज्यों में 50 फीसदी से अधिक वोट मिले थे। इस बार इन 14 राज्यों को लेकर विपक्ष ने भी कमर कस ली है वह आपस में गठबंधन कर सीट बंटवारे को लेकर भी सजग हैं। 2019 में भाजपा ने दो केंद्र शासित राज्य चंडीगढ़, दिल्ली व 14 राज्यों हिमाचल, उत्तर प्रदेश, बिहार, अरुणाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, कर्नाटक, गोवा, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, हरियाणा, उत्तराखंड में 50 फीसदी से ज्यादा वोट पाए थे। इन 14 राज्यों में लोकसभा की 244 सीटें हैं इनमें बीजेपी ने  217 सीटें जीती थीं।

विपक्ष के सामने आखिर क्या है चुनौती...

बीजेपी ने वोटों में 50 फीसदी की सीमा को पार कर लिया है। ऐसे में उसके सामने कोई भी गठबंधन आ जाए, वह टिक नहीं पाएगा। विपक्ष तब तक बीजेपी को चुनौती नहीं दे सकता है, जब तक वह उसके वोटबैंक को कम नहीं करता। विपक्ष को कोशिश करनी होगा कि वह बीजेपी के मतदाताओं में सेंध लगाए और अपने मत प्रतिशत को बीजेपी से आगे लेकर जाए। ऐसी स्थिति में ही विपक्ष बीजेपी के सामने चुनौती बनकर खड़ा हो सकता है।

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BJP के अधिकतर सांसद बड़े अंतर से जीतेंगे!

2019 में 2 लाख से अधिक वोटों के अंतर से 236 प्रत्याशी जीते थे इनमें से 164 बीजेपी के थे। तीन लाख से अधिक मतों के अंतर से जीतने वाले 131 में से 105 बीजेपी के थे, शेष 26 में डीएमके के 10, कांग्रेस के पांच और बाकी अन्य उम्मीदवार शामिल थे। बीजेपी के उम्मीदवारों ने 44 सीटों पर 4 लाख से अधिक मतों से और 15 सीटों पर 5 लाख से अधिक मतों से जीत हासिल की। जबकि कांग्रेस का वोट शेयर 2019 में 2014 की तरह ही रहा, लेकिन बीजेपी का वोट शेयर बढ़ गया। इसलिए संभावना है कि बीजेपी के अधिकतर सांसद 2024 में भी बड़े अंतर से जीत सकते हैं। 

लोकसभा चुनाव 2019 में वो दिग्गज जो बहुत कम अंतर से जीते-हारे

सत्रहवीं लोकसभा के चुनाव में कुछ ऐसी सीटें रही हैं जहां दिग्गज प्रत्याशियों की हार जीत का अंतर बहुत ही कम रहा। इनमें उत्तर प्रदेश के नतीजे देंखे तो ऐसी 9 सीटें हैं जहां हार जीत का अंतर 20 हजार वोटों से कम रहा। वहीं चार सीटों पर 10 हजार से भी कम वोटों से प्रत्याशियों की जीत हुई है। सबसे कम अंतर मछलीशहर में रहा जहां बीजेपी के भोलानाथ ने बसपा के त्रिभुवन राम को 181 वोटों से हराया।

मेनका गांधी जीतीं
सुल्तानपुर से मेनका गांधी ने बसपा के प्रत्याशी चंद्रभद्र सिंह को 14,526 वोटों से हराया। यहां कांग्रेस के उम्मीदवार संजय सिंह को 41,681 वोट मिले। 

जयंत चौधरी हारे
महागठबंधन में शामिल राष्ट्रीय लोकदल के नेता अजित सिंह और उनके बेटे जयंत चौधरी को बागपत से सत्यपाल सिंह ने 23,502 वोटों से मात दी।

स्मृति ईरानी जीतीं
सबसे उलटफेर और चौंकाने वाले नतीजे अमेठी और कन्नौज के रहे। अमेठी से स्मृति ईरानी ने कांग्रेस के राहुल गांधी को 55,120 वोटों से हराया।

डिम्पल यादव हारीं
कन्नौज में सपा मुखिया अखिलेश यादव की पत्नी डिम्पल यादव को बीजेपी के सुब्रत पाठक के हाथों 12,353 वोटों से हार का सामना करना पड़ा।

संबित पात्रा हारे
ओडिशा के पुरी से बीजेपी के मुखर नेता संबित पात्रा की हार सबसे चर्चित रही। बीजेडी की उम्मीदवार पिनाकी मिश्रा ने उन्हें 11,714 वोटों से हराया।

मीसा भारती हारीं 
बिहार की इस चर्चित सीट से राजद के संस्थापक लालू यादव की बेटी मीसा भारती मैदान में थीं, जिन्हें बीजेपी के राम कृपाल यादव ने 39,321 वोटों से हराया।

शत्रुघ्न सिन्हा हारे
पटना साहिब सीट से नेता बने शत्रुघ्न सिन्हा को बीजेपी के केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद के हाथों 2,84,657 वोटों से हार का सामना करना पड़ा।

कन्हैया कुमार
बिहार की बेगूसराय सीट कन्हैया कुमार के खड़े होने से चर्चा में रही। यहां से मोदी सरकार में मंत्री गिरिराज सिंह 4,22,217 वोटों के अंतर से कन्हैया को हराया।

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