Lok Sabha चुनाव BJP से लड़ेंगे Nakulnath? होल्ड सीटों से गरमाई सियासत

मध्यप्रदेश में बीजेपी ने लोकसभा चुनाव के लिए 24 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है, साथ ही 5 सीटों को होल्ड कर दिया है। प्रदेश में घोषित 24 सीटों पर तो चर्चा कम, वहीं होल्ड सीटें चर्चा का विषय ज्यादा बन रही हैं। बताते हैं इन सीटों के बारे में...

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Jitendra Shrivastava
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मध्यप्रदेश में होल्ड सीटों से गरमाई सियासत।

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अरुण तिवारी, BHOPAL. मध्यप्रदेश में क्या नकुलनाथ की बीजेपी से लोकसभा (Lok Sabha) चुनाव लड़ने की संभावनाएं बरकरार हैं। ये सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि बीजेपी ने जो पांच सीटें होल्ड की हैं उनमें छिंदवाड़ा भी शामिल है। इस सीट पर उम्मीदवार घोषित न होने से प्रदेश की सियासत की गर्मी बढ़ गई है। छिंदवाड़ा के साथ ही इंदौर, उज्जैन, धार और बालाघाट की लोकसभा सीटों पर भी उम्मीदवारों का इंतजार है। इंदौर में कैलाश विजयवर्गीय ने तो उज्जैन में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पेंच फंसा दिया है। 

डिक्लियर से ज्यादा होल्ड सीटों की चर्चा 

बीजेपी ने लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगने से पहले प्रदेश की 29 में से 24 सीटें घोषित कर कई सवालों पर विराम लगा दिया है। लेकिन इन 24 से ज्यादा चर्चा उन पांच सीटों की हैं जो होल्ड कर दी हैं। छिंदवाड़ा, इंदौर, उज्जैन, धार और बालाघाट सीट पर उम्मीदवारों को लेकर पेंच फंस गया है। छिंदवाड़ा में फिर से धुरी कमलनाथ और नकुलनाथ की तरफ घूम गई है। इंदौर में कैलाश विजयवर्गीय, उज्जैन में मुख्यमंत्री मोहन यादव और धार में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पेंच फँसाया है। बालाघाट में गौरीशंकर बिसेन बेटी के लिए जिद पर अड़े हैं। 

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देखिए किस सीट पर किसने फंसाया पेंच... 

  1. छिंदवाड़ा : छिंदवाड़ा जैसी कांग्रेस की परंपरागत सीट होल्ड करने के पीछे दो बड़े कारण हैं। पहला कारण ये है कि अभी भी नकुलनाथ की बीजेपी से चुनाव लड़ने की संभावनाएं बरकरार हैं। हालांकि, नकुलनाथ ने एक सभा मंच से साफ कह दिया है कि वे बीजेपी में शामिल नहीं हो रहे। लेकिन राजनीति में कब बाजी पलट जाए यह कहा नहीं जा सकता। ऐसे ढेरों उदाहरण है जो अपना डीएनए कांग्रेसी बताते थे लेकिन अब बीजेपी में कद और पद दोनों बढ़ा रहे हैं। हो सकता है कि नकुलनाथ के नाम के कारण ही बीजेपी ने इस सीट को होल्ड रखा हो। दूसरा बड़ा कारण ये भी है कि यदि कांग्रेस पहले नकुलनाथ का नाम छिंदवाड़ा से घोषित कर देती है तो बीजेपी उनके खिलाफ किसी बड़े नेता को उतार दे क्योंकि इस बार उसका टारगेट पूरी 29 सीटें जीतने का है। फिलहाल वहां पर नत्थन शाह, उत्तर ठाकुर और बंटी साहू दावेदार हैं। 
  2. इंदौर : यहां पर नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने पेंच फंसा रखा है। उनके शंकर लालवानी से हमेशा मतभेद रहे हैं। मौजूदा सांसद लालवानी  कैलाश के इतर एक साईं गुट तैयार करने लगे थे। कैलाश चाहते हैं कि यहां पर बदलाव हो और जीतू जिराती को टिकट मिले। अंदरूनी तौर पर कैलाश ये भी चाहते हैं कि यदि जिराती को टिकट नहीं मिलता तो रमेश मेंदोला को उम्मीदवार बनाए जाए। वहीं ताई यानी सुमित्रा महाजन की तरफ से उनके बेटे मंदार महाजन का नाम है। यदि यहां पर महिला कार्ड चलता है तो ताई ने अंजू माखीजा का नाम भी आगे बढ़ाया है। दिव्या गुप्ता भी यहां से मजबूत दावेदार हैं। संघ की तरफ से निशांत खरे का नाम है। वहीं गौरव रणदिवे भी टिकट पाने की दौड़ में है। मराठी लॉबी को देखते हुए भय्यूजी महाराज की पत्नी डॉ आयूषी देशमुख का नाम भी दावेदारों में शामिल है। इतनी उलझन को सुलझाने के लिए ही फिलहाल यहां का टिकट होल्ड पर कर दिया गया है।  
  3. उज्जैन : उज्जैन मुख्यमंत्री मोहन यादव का गृह क्षेत्र है। ऐसे में मोहन यादव अपनी पंसद का उम्मीदवार चाहते हैं। मोहन यादव, मौजूदा सांसद अनिल फिरोजिया के नाम पर सहमत नहीं हैं। वे बीजेपी नेता प्रभुलाल जाटवा की बहू रानी जाटवा के पक्ष में हैं। प्रभुलाल पहले से मोहन यादव के करीबी रहे हैं। वहीं पूर्व महापैर मीनू जोनवाल, विधायक सतीश मालवीय और चिंतामणि मालवीय भी दावेदारों में शुमार हैं। सुरेश गिरी भी यहां से टिकट मांग रहे हैं। वे संघ से जुड़े हुए हैं। 
  4. धार : यहां से मौजूदा सांसद छतर सिंह दरबार हैं। धार पर ज्योतिरादित्य सिंधिया की नजर है। सिंधिया अपने समर्थक राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव को टिकट चाहते हैं। दत्तीगांव विधानसभा चुनाव हार चुके हैं इसलिए सिंधिया उनको दिल्ली की राजनीति में सेट करना चाहते हैं। यहां पर पूर्व मंत्री रंजना बघेल भी टिकट मांग रही हैं। वे यहां से सबसे मजबूत दावेदार मानी जा रही हैं। 
  5. बालाघाट : इस सीट पर मौजूदा सांसद ढालसिंह बिसेन हैं। पार्टी ढालसिंह बिसेन को रिपीट नहीं करना चाहती। यहां पर गौरीशंकर बिसेन अपनी बेटी मौसम के लिए टिकट चाहते हैं। बालाघाट सीट पर गौरीशंकर बिसेन बड़ा फेक्टर हैं। इनको पार्टी इग्नोर नहीं कर सकती। ढाल सिंह बिसेन भी इसी समुदाय से आते हैं, बीजेपी उनको भी नाराज नहीं करना चाहती। यही कारण है कि यहां का टिकट फिलहाल होल्ड कर दिया गया है।  

इन पांच सीटों पर भी पार्टी चुनाव की तारीखों के ऐलान के पहले उम्मीदवार घोषित कर देगी। ऐसा माना जा रहा है कि छह मार्च को बीजेपी की दूसरी लिस्ट में ये नाम आ सकते हैं।

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