Leave to Meet Parents : भारत में कर्मचारियों को CL, SL और मैटरनिटी लीव दी जाती है, लेकिन अब एक विशेष छुट्टी (स्पेशल केजुअल लीव) भी इसमें जुड़ने वाली है। यह स्पेशल केजुअल लीव माता- पिता और सास- ससुर से मिलने के लिए दी जाएगी। यह दो दिनों की पेड छुट्टी होगी। इसको लेकर साल 2021 में घोषणा की गई थी।
दरअसल, आसाम सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए दो दिनों की छुट्टी का ऐलान किया है। इन छुट्टियों में वह अपने माता-पिता या सास-ससुर से मिलने उनको घुमाने या उनके साथ घर में क्वालिटी टाइम स्पेंड कर पाएंगे। राज्य सरकार के कर्मचारियों को 6 और 7 को दो दिन की छुट्टी होगी। यह शनिवार और रविवार (8 और 9) को साथ मिलाकर कुल चार दिन की छुट्टी होगी।
लॉन्ग वीकेंड
नवंबर के महीने में 7 नवंबर को छठ पूजा, 9 नवंबर को सेकेंड सैटरडे और 10 नवंबर को रविवार की छुट्टी है। इन्हीं छुट्टी वाले दिनों के बीच यानी 6 और 8 नवंबर को इन छुट्टियों को लिया जा सकता है। साथ ही आवश्यक सेवाओं में काम कर रहे कर्मचारी चरणबद्ध तरीके से ये छुट्टियां ले सकते हैं। कर्मचारी स्पेशल छुट्टियों को निजी मनोरंजन के लिए इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। साथ ही जिन कर्मचारियों के माता-पिता या सास-ससुर नहीं हैं, उन्हें ये छुट्टियां नहीं मिलेंगी।
2021 में की थी घोषणा
असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने साल 15 अगस्त 2021 स्वतंत्रता दिवस पर घोषणा की थी कि बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार अपने कर्मचारियों को अपने बुजुर्ग माता-पिता के साथ समय बिताने के लिए हर साल एक अतिरिक्त सप्ताह की छुट्टी देगी। सरकारी कर्मचारियों को स्पेशल छुट्टी देने की घोषणा पर तीसरे साल में अमल किया गया है।
पहले भी की गयी थी पहल
इससे पहले भी तात्कालिक सर्बानंद सोनोवाल कैबिनेट में वित्त मंत्री रहते हुए हिमंता बिस्वा सरमा ने 2018 में घोषणा की थी कि सरकारी कर्मचारी अगर अपने आश्रित माता-पिता की देखभाल करने में विफल रहते हैं तो उनके वेतन का 10% काट लिया जाएगा और सीधे माता-पिता को दिया जाएगा।
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बता दें कि असम एम्प्लाइज पैरेंट रिस्पॉन्सिबिलिटी एंड नॉर्म्स फॉर एकाउंटेबिलिटी एंड मॉनिटरिंग एक्ट, 2017 के अनुसार कर्मचारियों के लिए आश्रित माता-पिता के साथ-साथ विकलांग भाई-बहनों की देखभाल करना अनिवार्य है।
छुट्टी का उद्देश्य
इस विशेष छुट्टी का उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों को अपने परिवार के साथ समय बिताने और पारिवारिक मूल्यों को प्रोत्साहित करने के लिए है। असम सरकार की इस योजना के अंतर्गत, जनवरी और फरवरी में विशेष कैजुअल लीव दी जाती है, जिससे कर्मचारियों को माता-पिता के साथ समय बिताने के लिए मिल सके। फिलहाल, असम एकमात्र ऐसा राज्य है जिसने इस तरह की विशेष छुट्टी की व्यवस्था लागू की है।
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