UP : महराजगंज में लालच के चक्कर में अब भाई-बहन ने लिए 7 फेरे, खुला राज

उत्तर प्रदेश से एक चौकाने वाला मामला सामने आया है। यहां भाई ने शादीशुदा बहन के साथ सात फरे लिए हैं। मामला महाराजगंज जिले का है। यहां इनाम की लालच में बिचौलियों ने भाई-बहन के ही सात फेरे लगवा दिए।

Advertisment
author-image
Sandeep Kumar
New Update
उेिुु

यूपी में फर्जी शादी का खुला राज

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

BHOPAL. उत्तर प्रदेश के महराजगंज ( Maharajganj ) जिले में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह ( Chief Minister Group Marriage ) योजना फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। फर्जीवाड़ा का मामले उजागर हुआ है भाई-बहन  ( brother and sister ) की आपस में कराई गई शादी की घटना के  बाद। दरअसल ये पूरा मामला है महराजगंज जिले के लक्ष्मीपुर ब्लॉक का जहां पर मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह कार्यक्रम पांच मार्च को  आयोजित किया गया था।  इसमें हैरान करने वाली खबर ग्राम पंचायत कजरी से मिली है। सभी तैयारियों के साथ वर-वधू पक्ष के लोग ब्लॉक परिसर में पहुंचे। वर भी आया था, लेकिन रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद किन्ही कारणों से ब्लॉक परिसर से चला गया। चयनित दूल्हे ने मंडप में बैठने से इन्कार कर दिया था। उसने कहा कि मंडप में बैठने में शर्म आ रही है। कार्यक्रम के जिम्मेदार वर-वधू को सामान देने के लिए बुलाने लगे तो दूल्हे की जगह पर भाई को ही मंडप में बैठा दिया गया। इतना ही नहीं शासन से लाभ पाने के लिए बहन-भाई में ही वर माला पहनाकर शादी कार्यक्रम भी कराया गया। खंड विकास अधिकारी अमित मिश्रा ने आनन-फानन में लाभार्थियों को नोटिस जारी कर सामान वापस कराया। लड़की पक्ष को मिलने वाले 35 हजार धनराशि पर रोक लगा दी गई। 

ये खबर भी पढ़िए...EC ने 6 राज्यों के गृह सचिव को हटाया, सभी संभाल रहे थे दोहरे प्रभार

लालच के चक्कर में भाई-बहन के बीच लगवाए फेरे

बताया जा रहा है कि युवती की शादी एक साल पहले ही हो चुकी है और उसका पति कमाने के लिए घर से बाहर गया हुआ है। इसके बाद भी बिचौलियों ने युवती को शादी के लिए फिर से तैयार कर लिया, लेकिन जिस लड़के को बुलाया गया था वो नहीं आया। इसके बाद बिचौलियों ने अनुदान राशि में मिलने वाले कमीशन के लिए युवती और उसके भाई के बीच ही फेरे करवा दिए।  

ये खबर भी पढ़िए...शक्ति पर विवाद : आचार संहिता के बाद ये क्या बोल गए राहुल, नाम में ही तो सब रखा है

शादी में दिया गया सामान वापस ले लिया 

इस मामले की जानकारी सामने आने पर क्षेत्र विकास अधिकारी ( BDO ) ने विवाह में दिया गया गृहस्थी का सामान वापस मंगवा लिया है। साथ ही अनुदान के रूप में दी जाने वाली 35 हजार रुपये की राशि के भुगतान पर भी रोक लगाने की सिफारिश की है। बता दें कि बीते 5 मार्च को मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत लक्ष्मीपुर ब्लॉक में 38 जोड़ों की शादी हुई थी। इसमें लक्ष्मीपुर क्षेत्र के एक गांव की युवती का भी रजिस्ट्रेशन कराया गया था।  

ये खबर भी पढ़िए..शक्ति पर विवाद : राहुल के बयान पर पीएम ने कहा शक्ति की रक्षा के लिए जान दे दूंगा

झांसी-बलिया में भी हो चुका था फर्जीवाड़ा 

इससे पहले झांसी में आयोजित हुए मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह समारोह में भी फर्जीवाड़ा सामने आया था। बुंदेलखंड महाविद्यालय में हुए सामूहिक विवाह में 96 जोड़ों ने शादी की थी, हालांकि यहां किसी दुल्हन ने खुद से ही मांग भर ली तो कई जोड़ों ने सात फेरे ही नहीं लिए थे। झांसी से पहले बलिया में सामूहिक विवाह योजना में फर्जीवाड़ा सामने आया था। यहां 25 जनवरी को 537 जोड़ों की शादी कराई गई थी, लेकिन इसमें दर्जनों जोड़े नकली निकले थे। किसी की पहले ही शादी हो चुकी थी, तो कोई पैसे देकर लाया गया था। इसका एक वीडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें कई दुल्हनें खुद को ही वरमाला डालती हुई दिखाई दी थीं। इस मामले में डीएम के निर्देश पर केस दर्ज कर 15 आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया था।

ये खबर भी पढ़िए...TRAI का नया नियम - सिम से जुड़े ऑन-लाइन फ्रॉड रोकने वाला यह नियम जरूर जान लें

BDO Chief Minister Group Marriage Maharajganj