महिलाएं तेजी से अपना रहीं डिजिटल फाइनेंशियल सर्विस, इस रिपोर्ट में हुआ खुलासा

महिलाएं अब सिर्फ बैंकिंग सेवाओं का उपयोग ही नहीं कर रहीं। बल्कि फाइनेंशियल सर्विस प्रोवाइडर बनकर दूसरों को भी प्रेरित कर रही हैं। यह ट्रेंड भारत में फाइनेंशियल इकोसिस्टम को मजबूत कर रहा है...

author-image
Sandeep Kumar
New Update
women-digital-financial
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

भारत में महिलाएं तेजी से डिजिटल वित्तीय सेवाओं को अपना रही हैं। हालिया रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में महिलाएं आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (AePS) और अन्य वित्तीय सेवाओं का व्यापक रूप से उपयोग कर रही हैं।

महिलाएं बन रही आत्मनिर्भर

देश की महिलाएं तेजी से डिजिटल और वित्तीय सेवाओं को अपनाकर आत्मनिर्भर बन रही हैं। हाल ही में आई पेनियरबाई सर्वेक्षण रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ कि 40% महिलाएं नकदी निकालने के लिए आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (AePS) का उपयोग कर रही हैं। इसके अलावा, बीमा, बचत और लोन लेने में भी महिलाओं की भागीदारी तेजी से बढ़ रही है, खासकर ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में।

ये खबर भी पढ़िए... वकीलों के चक्काजाम, TI से मारपीट पर मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के निशाने पर अधिकारी

रिपोर्ट में क्या कहा गया?

  • 60% महिलाएं वित्तीय और डिजिटल सेवाएं प्रदान करने वाली उद्यमी बनने की इच्छा रखती हैं।
  • बचत खातों की मांग में 58% तक वृद्धि हुई है।
  • बीमा लेने की प्रवृत्ति 22% तक बढ़ी है, जिसमें स्वास्थ्य, जीवन और दुर्घटना बीमा शामिल हैं।
  • 90% महिलाएं नकद निकासी के लिए महिला संचालित खुदरा स्टोर्स का उपयोग कर रही हैं, जिनका औसत लेनदेन 1,000 से 2,500 रुपए के बीच होता है।

ये खबर भी पढ़िए... 30 मिनट में पहुंचेंगे दिल्ली से जयपुर, भारतीय रेलवे कर रहा कमर्शियल हाइपरलूप टेक्नोलॉजी पर काम

डिजिटल वित्तीय सेवाओं में बढ़ती भागीदारी

पेनियरबाय के संस्थापक और CEO आनंद कुमार बजाज ने कहा कि महिलाएं अब डिजिटल और वित्तीय सेवा प्रदाताओं के रूप में उभर रही हैं। वे न केवल अपना वित्तीय भविष्य सुरक्षित कर रही हैं, बल्कि अपने समुदायों को भी आर्थिक रूप से सशक्त बना रही हैं।

ये खबर भी पढ़िए... सऊदी अरब शुरू करेगा 4,150 करोड़ रुपए का क्रिकेट लीग, IPL को मिलेगी चुनौती!

महिलाओं के बढ़ते वित्तीय व्यवहार में बदलाव

  1. महिलाएं अब बीमा, बचत और लोन लेने की ओर तेजी से बढ़ रही हैं।
  2. लोन लेने में महिला एजेंटों की भूमिका अधिक प्रभावी हो रही है, क्योंकि वे दूसरी महिलाओं के लिए भरोसेमंद विकल्प साबित हो रही हैं।
  3. महिलाओं का डिजिटल वित्तीय सशक्तिकरण भारत में आर्थिक समावेशन को बढ़ावा दे रहा है।

ये खबर भी पढ़िए... हीटवेव का अलर्ट : देश के कई राज्यों में बारिश की चेतावनी, जानें अपने प्रदेश का मौसम

लोन लेने को तैयार महिलाएं

रिपोर्ट के अनुसार, 65% महिलाएं फॉर्मल लोन लेने के लिए तैयार हैं, खासकर मेडिकल खर्च, घर की मरम्मत, शिक्षा और कृषि निवेश के लिए। महिलाएं आमतौर पर दूसरी महिलाओं पर ज्यादा भरोसा करती हैं और महिला एजेंट इस लोन अंतर को पाटने में सहायक बन रही हैं।

महिला सशक्तिकरण

महिलाएं अब सिर्फ बैंकिंग सेवाओं का उपयोग ही नहीं कर रहीं, बल्कि फाइनेंशियल सर्विस प्रोवाइडर बनकर दूसरों को भी प्रेरित कर रही हैं। यह ट्रेंड भारत में फाइनेंशियल इकोसिस्टम को मजबूत कर रहा है और महिलाओं के आर्थिक विकास को बढ़ावा दे रहा है।

डिजिटल महिलाएं देश दुनिया न्यूज बैंकिंग सेवाएं Digital Banking hindi news digital