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Latest Religious News:दिवाली उत्सव की शुरुआत आज 18 अक्टूबर शनिवार को धनतेरस से हो रही है। इस दिन मां लक्ष्मी, भगवान कुबेर और आरोग्य के देवता धन्वंतरि की पूजा की जाती है। माना जाता है कि इसी दिन समुद्र मंथन से भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे, इसलिए यह दिन सुख-समृद्धि और अच्छी सेहत के लिए बहुत खास है।
धनतेरस पर जहां लोग सोना-चांदी और नए बर्तन खरीदते हैं, वहीं दीपदान की परंपरा भी निभाई जाती है। इस दिन यमराज के नाम का एक दीपक जलाया जाता है, जिसे यम दीपम कहते हैं। यह दीपदान परिवार के सदस्यों को अकाल मृत्यु के भय से बचाता है और उन्हें संकटों से सुरक्षा देता है।
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धनतेरस पर दीया कहां-कहां जलाना चाहिए
धनतेरस पूजा (धनतेरस की पूजा विधि) पर अलग-अलग जगहों पर दीया जलाना शुभ माना जाता है। हिंदू धर्म की परंपरा के मुताबिक, इस दिन कुल 13 दीए जलाना सबसे ज्यादा शुभ माना गया है।
यम के नाम का दीपक
जगह और दिशा:
यह सबसे जरूरी दीपक है। इसे घर के बाहर या घर के किसी कोने के पास जलाना चाहिए। इसकी दिशा हमेशा दक्षिण होनी चाहिए, क्योंकि यह यमराज की दिशा मानी जाती है।
विधि:
इसके लिए आटे का चौमुखी दीपक बनाना शुभ होता है। इस दीपक में सरसों का तेल इस्तेमाल करें। दीप जलाने से पहले अन्न या खील की ढेरी पर इसे रखें।
महत्व:
यह दीपदान यमराज को समर्पित होता है, जिससे वे प्रसन्न होते हैं और परिवार को अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति मिलती है।
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पूजा घर का दीपक
धनतेरस की शाम को लक्ष्मी जी, कुबेर जी और धन्वंतरि जी की पूजा के समय पूजा घर में दीया जलाना चाहिए।
इस दीपक में घी का प्रयोग करें और इसे पूजा स्थल पर मां लक्ष्मी और कुबेर देवता के सामने रखें।
महत्व: पूजास्थल पर दीया लगाने से जीवन में सुख-समृद्धि, खुशहाली और सकारात्मकता आती है।
अन्य 11 दीये
परंपरा के मुताबिक, यम दीपम और पूजा घर के दीये के अलावा बाकी दीये घर के इन स्थानों पर जलाए जाते हैं:
तुलसी के पौधे के पास
घर की छत पर
घर के आंगन में
रसोई घर में
उस जगह पर जहां धन रखा जाता है (तिजोरी या अलमारी)
पीपल के पेड़ के पास
बाथरूम को छोड़कर अन्य सभी कोनों में।
जानें धनतेरस का शुभ मुहूर्त
धनतेरस के दिन यम दीपम जलाना यानी दीपदान करना अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इसके लिए प्रदोष काल (सूर्यास्त के बाद का समय) सबसे सही होता है। इस साल 18 अक्टूबर 2025 को यम दीपदान का शुभ मुहूर्त शाम को है।
यम दीपम जलाने का शुभ समय शाम 05 बजकर 48 मिनट से शुरू होकर शाम 07 बजकर 04 मिनट तक रहेगा। यह शुभ अवधि कुल 1 घंटा 16 मिनट की है। इस विशेष मुहूर्त में यमराज के नाम का दीपक जलाकर आप अपने परिवार के लिए उत्तम आरोग्य और दीर्घायु की कामना कर सकते हैं।
डिस्क्लेमर: इस आर्टिकल में दी गई जानकारी पूरी तरह से सही या सटीक होने का हम कोई दावा नहीं करते हैं। ज्यादा और सही डिटेल्स के लिए, हमेशा उस फील्ड के एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें। धार्मिक अपडेट | Hindu News
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