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स्कूल में पढ़ते हुए अगर आपको अपने सब्जेक्ट को अपनी लोकल लैंग्वेज में समझने का मौका मिल जाए तो कितना मजा आएगा। अब यह सपना सच होने जा रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 में यह साफ कहा गया है कि बच्चों को उनकी स्थानीय भाषा में पढ़ाया जाना चाहिए।
इसी बड़े लक्ष्य को पूरा करने के लिए, देश के दो टॉप संस्थान, NCERT ((National Council of Educational Research and Training) और IIT मद्रास ने एक साथ मिलकर काम करने का फैसला किया है।
NCERT और IIT मद्रास ने किया मेगा समझौता
शिक्षा मंत्रालय के अंडर आने वाले इन दोनों संस्थानों के बीच हाल ही में एक बड़ा समझौता (MOU) हुआ है। इसका मेन फोकस है:
22 भाषाओं में कंटेंट: स्कूली किताबों और डिजिटल स्टडी मटेरियल को 22 भारतीय भाषाओं में ट्रांसलेट करना।
AI का इस्तेमाल: इस पूरे प्रोसेस को तेज करने और क्वॉलिटी को बेहतर बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग (ML) जैसे लेटेस्ट टूल्स का इस्तेमाल करना।
इससे क्या होगा? इससे हर स्टूडेंट को अपनी मदर टंग में क्लास का लेक्चर सुनने और सब्जेक्ट को अच्छी तरह से समझने का मौका मिलेगा।
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टीचर्स बनेंगे टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट
सिर्फ स्टूडेंट्स ही नहीं, बल्कि टीचर्स के लिए भी यह बहुत अच्छी खबर है।
NCERT के डायरेक्टर प्रो. दिनेश प्रसाद सकलानी के मुताबिक, IIT मद्रास की टीम टीचर्स को खास AI टूल्स की ट्रेनिंग देगी। इस ट्रेनिंग से टीचर्स अपने पढ़ाने के तरीकों को और ज्यादा इफेक्टिव बना सकेंगे।
साथ ही, दोनों संस्थान मिलकर रिसर्च करेंगे कि AI और टेक्नोलॉजी की मदद से बच्चों को सबसे बेहतर तरीके से कैसे सिखाया जा सकता है और सीखने की प्रक्रिया में क्या-क्या नए बदलाव लाए जा सकते हैं। यानी अब पढ़ाने और सीखने का तरीका पूरी तरह से डिजिटल और स्मार्ट होने वाला है।
डिजिटल होगी अपनी स्कूली शिक्षा
इस पार्टनरशिप से स्कूली शिक्षा पूरी तरह से डिजिटल होने की तरफ बढ़ रही है।
वीडियो लेक्चर: अलग-अलग भाषाओं में वीडियो लेक्चर तैयार होंगे, ताकि हर बच्चा अपनी भाषा में टॉपिक समझ सके।
सरल अनुवाद: किताबों का ट्रांसलेट करते समय यह इनश्योर किया जाएगा कि कॉन्सेप्ट का मूल अर्थ (Core Meaning) न बदले, लेकिन भाषा एकदम आसान और सरल रहे।
डेटा एनालिटिक्स: स्टूडेंट्स की लर्निंग को ट्रैक करने और उन्हें बेहतर रिजल्ट देने के लिए डेटा एनालिटिक्स का इस्तेमाल होगा।
AI और मशीन लर्निंग अब क्लास 11th में
यह बदलाव सिर्फ किताबी अनुवाद तक सीमित नहीं है। अब तो टेक्नोलॉजी खुद पढ़ाई का हिस्सा बन रही है।
शिक्षा मंत्रालय ने बताया है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) यानी नई शिक्षा नीति के तहत, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग (ML) को अब स्कूल करिकुलम में शामिल किया गया है। CBSE स्कूलों की 11वीं क्लास की कंप्यूटर साइंस की किताबों में अब ये मॉडर्न टेक्नोलॉजी भी पढ़ाई जाएगी।
इस समझौते का सीधा मतलब है कि भारत अपनी शिक्षा व्यवस्था को ग्लोबल लेवल पर ले जाने के लिए पूरी तरह से तैयार है। अब हर बच्चे को क्वालिटी एजुकेशन उसकी अपनी भाषा में मिलेगी।
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