MP New Education Policy, कॉलेज छात्र चुन सकेंगे मनपसंद सब्जेक्ट

MP New Education Policy की घोषणा हुई है। अब छात्र अपनी पसंद के विषय चुनने के लिए स्वतंत्र होंगे। यह नीति छात्रों को अपनी पसंद के विषयों को चयन करने का मौका देगी।

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Manya Jain
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मध्य प्रदेश में उच्च शिक्षा और टेक्निकल एजुकेशन के क्षेत्र में बदलाव होने जा रहे हैं। हाल ही में, उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में विभाग की उपलब्धि बताईं हैं। इस MP Education Policy बदलाव  के अनुसार, राज्य सरकार नई शिक्षा नीति (New Education Policy) के तहत छात्रों को विषयों का चयन करने में पूर्ण स्वतंत्रता दे रही है।

यह नीति छात्रों को अपनी पसंद के विषयों में चयन करने का मौका देगी। इससे छात्रों को अपनी रुचि और भविष्य के हिसाब से पाठ्यक्रम चुनने में मदद मिलेगी।

नई शिक्षा नीति और 3 नए यूनिवर्सिटी की स्थापना

मध्य प्रदेश के शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने बड़ी घोषणा की है। उन्होंने कहा कि राज्य में शैक्षिक ढांचे को मजबूत किया जा रहा है। गुना, खरगोन और सागर में तीन नए यूनिवर्सिटी बनाए जाएंगे। अब छात्रों को अपनी पसंद के विषय चुनने की आजादी मिलेगी। इसके अलावा, वे पढ़ाई के दौरान भी विषय बदल सकेंगे।

वर्तमान में प्रदेश के कॉलेजों में 16 लाख से अधिक छात्र एनरोलड हैं। यह आंकड़ा प्रदेश की बदलती शैक्षिक स्थिति को दर्शाता है।

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प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस का विस्तार

शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए सरकार ने बुनियादी ढांचे पर भारी निवेश किया है।

  • प्रदेश के हर जिले में कुल 55 कॉलेजेस को 'प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस' (PM College of Excellence) के रूप में उन्नत किया गया है।

  • इस परियोजना के लिए 336 करोड़ रुपए की भारी राशि स्वीकृत की गई है।

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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और एग्रीकल्चरल कोर्सेज

तकनीकी युग की मांग को देखते हुए मध्य प्रदेश सरकार ने उच्च शिक्षा को आधुनिक बनाया है।

68 कॉलेजों में AI की पढ़ाई

अब प्रदेश के 68 कॉलेजेस में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (MP News) के पाठ्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। इससे मध्य प्रदेश के छात्र भविष्य की तकनीक के लिए तैयार हो सकेंगे।

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एग्रीकल्चर और टेक्निकल एजुकेशन में वृद्धि

कृषि क्षेत्र में करियर बनाने के लिए छात्रों के लिए कई मौके हैं। 6 शासकीय और 17 ऑटोनोमस कॉलेजेस में अब कृषि पाठ्यक्रम शुरू किए गए हैं। इस कदम से छात्रों को एग्रीकल्चरल सेक्टर में शिक्षा प्राप्त करने का मौका मिलेगा।

इसके अलावा, तकनीकी शिक्षा के प्रति छात्रों का रुझान भी बढ़ा है। इस साल 2025-26 के सत्र में शासकीय पॉलिटेक्निक संस्थानों में नामांकन में 21.38% की वृद्धि देखी गई है। 

मेधावी छात्रों के लिए 750 करोड़ रुपए की सहायता राशि

सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर और मेधावी छात्रों के लिए खजाना खोल दिया है। मंत्री परमार ने बताया कि:

  • मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना (MMVY) के तहत, 2024-25 में 78,218 छात्रों के खातों में सीधे 750 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए हैं। यह योजना विद्यार्थियों को शिक्षा के लिए आर्थिक सहायता करती है।

  • इसके साथ ही, छात्राओं के लिए एक विशेष पहल भी की गई है। 50 मेधावी छात्राओं को इंजीनियरिंग कॉलेजों (HIGHER EDUCATION) में अंतिम सेमेस्टर की पढ़ाई के लिए मैनिट (MANIT) भोपाल भेजा गया है।

  • इसके अलावा, अब 10वीं के बाद किए जाने वाले 3 साल के तकनीकी डिप्लोमा को 12वीं कक्षा के समकक्ष मान्यता भी मिल गई है। इससे विद्यार्थियों को अधिक अवसर और आगे बढ़ने के मौके मिलेंगे।

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