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बॉलीवुड से आज एक बहुत ही दुखद खबर आई है। दिग्गज अभिनेता मनोज कुमार का निधन हो गया है। उन्होंने 87 साल की उम्र में मुंबई के कोकिलाबेन धीरुभाई अंबानी अस्पताल में अंतिम सांस ली। उनका फिल्मी करियर देशभक्ति पर आधारित फिल्मों के लिए मशहूर रहा और उन्हें प्यार से 'भारत कुमार' के नाम से जाना जाता था। उनके कुछ प्रमुख फिल्मों में क्रांति, उपकार और शहीद जैसी देशभक्ति की धारा से जुड़ी हुई थीं।
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फैंस और सेलेब्स ने जताया शोक
मनोज कुमार के निधन की खबर ने उनके फैंस को गहरे दुःख में डाल दिया है। सोशल मीडिया पर उनके फैंस और फिल्म इंडस्ट्री के सेलेब्स उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं और नम आंखों से उन्हें विदाई दे रहे हैं। अभिनेता ने अपनी फिल्मों से न सिर्फ भारतीय सिनेमा को आकार दिया, बल्कि उनके गाने भी आज तक लोगों की जुबां पर हैं। उपकार फिल्म का गाना 'मेरे देश की धरती' आज भी हर दिल में बसा हुआ है।
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मनोज कुमार का फिल्मी सफर
बता दें कि, मशहूर अभिनेता मनोज कुमार ने 1957 में फैशन फिल्म से अपने अभिनय करियर की शुरुआत की थी। 1965 में आई फिल्म शहीद ने उनके करियर को एक नई दिशा दी और इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने अपने अभिनय में जो विविधता दिखाई, वह हर रोल को जीवंत बना देती थी। इसके बाद उन्होंने एक के बाद एक शानदार फिल्मों की झड़ी लगाई, जिनमें सहारा, चांद, हनीमून, पूरब और पश्चिम, नसीब, मेरी आवाज सुनो, नील कमल, पत्थर के सनम, पिया मिलन की आस जैसी फिल्मों ने दर्शकों के दिलों में अपनी जगह बनाई।
उनकी फिल्में न केवल बॉक्स ऑफिस पर सफल रहीं, बल्कि उनके गानों ने भी भारी लोकप्रियता हासिल की। मनोज कुमार को फिल्म उपकार के लिए नेशनल अवॉर्ड मिला था और उनकी देशभक्ति आधारित फिल्मों ने उन्हें भारतीय सिनेमा का महत्वपूर्ण हिस्सा बना दिया।
अशोक पंडित ने जताया शोक
फिल्म निर्माता अशोक पंडित ने मनोज कुमार के निधन पर शोक व्यक्त किया और कहा, "मनोज कुमार, दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड विजेता, हमारे प्रेरणा स्रोत और भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के शेर थे। उनका निधन हमारे लिए एक बड़ा नुकसान है। हम उन्हें हमेशा याद रखेंगे।"
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व्यक्तिगत जीवन और राजनीति में कदम
मनोज कुमार का जन्म 24 जुलाई 1937 को पाकिस्तान के एबटाबाद (अब पाकिस्तान) में हुआ था। उनका असली नाम हरिकृष्ण गिरी गोस्वामी था। भारत-पाकिस्तान विभाजन के बाद उनका परिवार दिल्ली आ गया था। दिलीप कुमार की फिल्म शबनम में उनके द्वारा निभाए गए करैक्टर के नाम से उन्होंने अपना नाम मनोज कुमार रखा।
उन्होंने अपने अभिनय करियर को 1995 में आई फिल्म मैदान-ए-जंग के बाद छोड़ दिया था। इसके बाद उन्होंने 1999 में अपने बेटे कुणाल गोस्वामी को फिल्म जय हिंद में निर्देशित किया, जो बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप साबित हुई। फिल्म इंडस्ट्री से रिटायरमेंट के बाद मनोज कुमार ने राजनीति में कदम रखा और 2004 में बीजेपी में शामिल हो गए थे।
मनोज कुमार की छवि और उनके योगदान को हमेशा भारतीय सिनेमा में याद रखा जाएगा। उनका निधन भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के लिए एक अपूरणीय क्षति है।
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