त्योहारों में गिग इकोनॉमी की धूम: क्विक कॉमर्स और लॉजिस्टिक्स सेक्टर में आएंगी हजारों नौकरियां

त्योहारों के सीजन में गिग इकोनॉमी में बड़ी उछाल देखने को मिल रही है। क्विक कॉमर्स और लॉजिस्टिक्स सेक्टर में इस बार करीब 2 लाख नई नौकरियां पैदा होने का अनुमान है, जिससे देशभर में युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।

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Manya Jain
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त्योहारों का सीजन हर साल भारत के बिजनेस सेक्टर में उछाल लेकर आता है। इस बार, गिग इकोनॉमी ने भी इस सीजन में नई नौकरियों का वादा किया है।

दावा किया जा रहा है कि इस साल त्योहारों के दौरान गिग कामगारों (गिग वर्कर्स) के लिए करीब 2 लाख नई नौकरियां पैदा हो सकती हैं। खासकर, क्विक कॉमर्स और लॉजिस्टिक्स जैसे क्षेत्रों में नौकरी के अवसर तेजी से बढ़ रहे हैं, जो पूरे देश में रोजगार के नए दरवाजे खोलने में मदद करेंगे।

गिग इकॉनोमी और त्योहारों का कनेक्शन

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त्योहारों के दौरान खुदरा, ई-कॉमर्स, लॉजिस्टिक्स और कंज्यूमर सर्विसेज जैसे क्षेत्रों में भर्तियां बढ़ने का अनुमान है। विशेष रूप से क्विक कॉमर्स और थर्ड पार्टी लॉजिस्टिक्स कंपनियां इस बार अन्य क्षेत्रों की तुलना में ज्यादा रोजगार पैदा करने की संभावना है। यह गिग कामगारों की बढ़ती मांग को पूरा करेगा।

एनएलबी सर्विसेज की रिपोर्ट के अनुसार, इस साल भर्तियों में 20 से 25 फीसदी की वृद्धि होगी, जो पिछले साल के मुकाबले एक बड़ी छलांग है। इनमें से 70 फीसदी नई नौकरियां गिग भूमिकाओं के रूप में और 30 फीसदी स्थायी नौकरियों के रूप में होंगी। लेकिन, गिग कामगारों की भर्ती अब केवल एक मौसमी उछाल तक सीमित नहीं रह गई है।

एनएलबी सर्विसेज (NLB Services) क्या है?

एनएलबी सर्विसेज एक प्रमुख टेक और टैलेंट सॉल्यूशंस कंपनी है। यह कंपनियों में कर्मचारी भर्ती, हायरिंग और HR सेवा प्रदान करती है। यह कंपनी विशेष रूप से डिजिटल, एआई, मशीन लर्निंग, क्लाउड कंप्यूटिंग, लॉजिस्टिक्स, वित्तीय सेवाएं और कई इंडस्ट्रीज में विशेषज्ञता रखती है।

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बदलाव की लहर

एनएलबी सर्विसेज के मुख्य कार्य अधिकारी सचिन अलग बताते हैं- "कई बड़ी क्विक कॉमर्स कंपनियां इन बढ़े हुए कर्मचारियों में से 26 फीसदी तक को त्योहारों के बाद भी रख सकती हैं।

यह दर्शाता है कि अब भर्तियां सिर्फ एक अस्थायी बदलाव नहीं हैं, बल्कि अब बुनियादी तौर पर इस श्रेणी में एक स्थायी परिवर्तन देखा जा रहा है।" 

उनका कहना है कि पहले त्योहारों के बाद 70 से 75 फीसदी गिग कामगार काम छोड़ देते थे, लेकिन अब उनकी मांग लगातार बढ़ने की उम्मीद है।

मझोले शहरों में रोजगार का विस्तार

गिग इकोनॉमी (Gig Economy in India) में वृद्धि से मझोले शहरों और कस्बाई इलाकों में भी नई नौकरियों की बौछार हो रही है। इस बदलाव का सबसे बड़ा कारण इन क्षेत्रों में कामकाजी खर्च कम होना है, जो कंपनियों को इन स्थानों पर भर्तियां करने के लिए आकर्षित कर रहा है।

एनएलबी सर्विसेज के मुताबिक जयपुर, इंदौर, भोपाल और रायपुर जैसे शहरों में गिग कामगारों की भर्तियों में वृद्धि होने की संभावना है। ये शहर अब खुदरा और ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए छोटे फुलफिलमेंट हब के रूप में उभर रहे हैं।

इस साल के त्योहारों के दौरान मझोले शहरों में गिग कामगारों की भर्ती में 47 फीसदी तक वृद्धि की उम्मीद जताई जा रही है, जो अगले वित्त वर्ष में बढ़कर 50 फीसदी तक पहुंचने का अनुमान है।

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महिलाओं की बढ़ती भागीदारी

इस साल त्योहारों के लिए हो रही भर्तियों में महिलाओं की संख्या भी उल्लेखनीय रूप से बढ़ने वाली है। गिग इकॉनमी, खासकर ग्राहक अनुभव, डिलिवरी, ग्रूमिंग और खाद्य सेवाओं में महिलाओं की भागीदारी में भी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। एनएलबी सर्विसेज के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 के मुकाबले इस साल महिलाओं की गिग आधारित भूमिकाओं में 30 से 35 फीसदी तक की वृद्धि हो सकती है।

यह वृद्धि मनमुताबिक काम, डिजिटल तरीके से भर्ती प्रक्रिया और स्थानीय स्तर पर रोजगार (JOBS 2025) के अवसरों से प्रेरित है। पिछले साल गिग कामगारों में 72 फीसदी पुरुष और 28 फीसदी महिलाएं थीं, जबकि इस साल के प्रारंभिक आंकड़े संकेत दे रहे हैं कि शहरी और कस्बाई इलाकों में महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ सकती है।


त्योहारों के दौरान गिग इकॉनोमी (क्विक कॉमर्स मार्केट) की वृद्धि देश के विभिन्न हिस्सों में रोजगार के अवसरों का विस्तार करने वाली है। खासकर क्विक कॉमर्स और लॉजिस्टिक्स जैसे क्षेत्रों में यह वृद्धि और भी तेजी से देखने को मिलेगी। मझोले शहरों और कस्बों में भर्तियों की बाढ़ के साथ-साथ महिलाओं की भागीदारी में भी जबरदस्त बढ़ोतरी हो रही है।

 इससे साफ संकेत मिलता है कि गिग कामगारों के लिए यह सीजन सिर्फ एक अस्थायी रोजगार नहीं, बल्कि लंबी अवधि के लिए संभावनाओं से भरा हुआ है।

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FAQ

क्या गिग इकोनॉमी में इस बार ज्यादा नौकरियां आएंगी?
हां, एनएलबी सर्विसेज के मुताबिक, इस बार गिग इकोनॉमी में 2 लाख नई नौकरियां आने का अनुमान है, विशेष रूप से क्विक कॉमर्स और लॉजिस्टिक्स क्षेत्रों में।
कहां-कहां गिग कामगारों की भर्ती बढ़ेगी?
मझोले शहरों जैसे भुवनेश्वर, कोच्चि, इंदौर, सूरत और नागपुर में गिग कामगारों की भर्ती में 30 से 40 फीसदी वृद्धि हो सकती है।
महिलाओं की गिग इकोनॉमी में कितनी भागीदारी है?
इस साल त्योहारों के दौरान महिला कामगारों की संख्या में 30 से 35 फीसदी तक वृद्धि होने की उम्मीद है।

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