केंद्र सरकार गर्भवती महिलाओं को डिलवरी होने के बाद पूरी तरह से रिकवर होने के लिए खास योजना के तहत आर्थिक मदद देती है।
सरकार गर्भवती महिलाओं को स्ट्रांग बनाने के लिए आर्थिक मदद के रूप में इंदिरा गांधी मातृत्व सहयोग स्कीम चलाती है। इस स्कीम के तहत गर्भवती महिलाओं को मदद के लिए 6 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी जाती है।
इस योजना का लाभ 19 साल या उससे अधिक आयु की महिलाएं लें सकती हैं। ये मदद राशि दो किस्तों में दी जाती है।
✍इस योजना का उद्देश्य
इंदिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना का उद्देश्य उन सभी महिलाओं को स्वस्थ रखना है, जो डिलवरी होने के बाद काफी कमजोर हो जाती हैं।
डिलवरी होने के बाद उनको आर्थिक मदद की जरूरत पड़ती है। इसी को ध्यान में रखकर सरकार, उन सभी गर्भवती महिलाओं को 6 हजार रुपए आर्थिक मदद के रूप में देती है।
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📅इन आयु की महिलाओं को मिलेगा लाभ
इस स्कीम के तहत 19 साल या उससे अधिक आयु की महिलाओं को 6 हजार रुपए की आर्थिक मदद दी जाती है।
इस मदद राशि को दो भागों में बांटा गया है। पहली किस्त में 3 हजार रुपए की मदद राशि और दूसरी किस्त 3 हजार रुपए की दी जाती है।
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💷पहली किस्त
पहली किस्त तब जारी की जाती है,जब गर्भधारण के चार महीने के अंदर आंगनवाड़ी केंद्र (AWC) में गर्भावस्था रजिस्ट्रेशन की गई हो।
साथ ही इस योजना का लाभ माँ को तब मिलता जब आयरन-फोलिक गोलियाँ ली हो, या फिर माँ किसी भी स्वास्थ्य सेवा केंद्र या AWC में से किसी एक परामर्श केंद्र गई हो।
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💷दूसरी किस्त
दूसरा किस्त तब दिया जाता है, जब कोई गर्भवती महिला डिलवरी के लिए रजिस्ट्रेशन करवाने जाती हैं।
या फिर जब गर्भवती महिला बच्चे के जन्म के बाद पहले तीन महीनों में कम से कम दो डेवलपमेंट मॉनिटरिंग सेशनों में भाग ली हों।
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