महाकुंभ में रील के ट्रेंड पर भड़के धीरेंद्र शास्त्री, दे डाली बड़ी सलाह
धीरेंद्र शास्त्री ने महाकुंभ को आस्था का विषय बताया, रील बनाने पर आपत्ति जताई। हिंदू एकता और धर्मांतरण पर फोकस की अपील की। महाकुंभ में हिंदू एकता और सनातन धर्म के संरक्षण पर विचार होना चाहिए।
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने महाकुंभ को आस्था का प्रतीक बताते हुए सोशल मीडिया के चलन पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "महाकुंभ रील बनाने या सोशल मीडिया पर छाने का विषय नहीं है। यह हिंदू संस्कृति और आस्था को सशक्त करने का अवसर है।"
छतरपुर स्थित बागेश्वर धाम में आयोजित आदिवासी जनजागृति सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि महाकुंभ में हिंदू एकता और सनातन धर्म के संरक्षण पर विचार होना चाहिए।
धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि कुंभ में चर्चा का केंद्र बिंदु हिंदू धर्म की एकता और उसे बचाने के उपाय होना चाहिए। उन्होंने कहा:
"सनातन धर्म कैसे सुरक्षित रहेगा?"
"हिंदू राष्ट्र की अवधारणा को कैसे आगे बढ़ाया जाए?"
"घर वापसी का अभियान कैसे मजबूत हो?"
शास्त्री ने जोर देकर कहा कि इस्लाम और ईसाई धर्म के लोग भी मूल रूप से हिंदू हैं और उनकी घर वापसी के लिए काम करना जरूरी है।
आदिवासियों के लिए विशेष पहल
सम्मेलन में आदिवासी समुदाय को संबोधित करते हुए शास्त्री ने धर्मांतरण के खिलाफ लड़ाई का संकल्प दिलाया।
शिक्षा और जागरूकता पर जोर: आदिवासियों को समाज में मजबूत भूमिका निभाने के लिए शिक्षित और जागरूक होने की अपील की।
हनुमान चालीसा मंडल की स्थापना: शास्त्री ने कहा कि गांव, जिला, और मोहल्लों में "हनुमान चालीसा बागेश्वर मंडल" का गठन किया जाएगा। इन मंडलों के सदस्य संकट की घड़ी में सक्रिय रहेंगे।
आदिवासी सम्मेलन के बाद क्रिकेट मैच खेला गया, जिसमें धीरेंद्र शास्त्री और भाजपा विधायक राजेश शुक्ला ने भी हिस्सा लिया। शास्त्री ने जहां सिक्स लगाकर दर्शकों को प्रभावित किया, वहीं शुक्ला ने भी चौके-छक्कों से मुकाबला किया।