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मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने प्रयागराज महाकुंभ 2025 में हुई भगदड़ पर राज्यसभा में चर्चा कराने की मांग की थी। उन्होंने आरोप लगाया कि इस घटना में मृतकों और घायलों की सही संख्या को छुपाया जा रहा है। प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, संगम क्षेत्र में 30 श्रद्धालुओं की मृत्यु और 60 से अधिक लोग घायल हुए थे। दिग्विजय ने इस पर राज्यसभा में नोटिस दिया, लेकिन उनकी चर्चा की मांग सभापति ने खारिज कर दी। इसके विरोध में उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर अपनी नाराजगी व्यक्त की। दिग्विजय सिंह ने उचित भीड़ प्रबंधन, घटना की पारदर्शिता और प्रशासन की जवाबदेही पर सवाल उठाते हुए पीड़ितों के लिए न्याय की मांग की है। कई संतों ने भी इस मुद्दे पर प्रशासन को आड़े हाथों लिया है।
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चर्चा की मांग राज्यसभा में खारिज
दिग्विजय सिंह ने बताया कि उन्होंने और अन्य विपक्षी सांसदों ने घटना पर सदन में चर्चा कराने के लिए नियम 267 के तहत नोटिस दिया था। उनका कहना है कि सभापति ने न केवल चर्चा की मांग खारिज कर दी बल्कि इस दुखद घटना में मृतकों की स्मृति में शोक प्रस्ताव की अनुमति भी नहीं दी।
संत समाज ने भी उठाए सवाल
महाकुंभ में हुई व्यवस्था पर संत समाज ने भी प्रशासन की कड़ी आलोचना की है। शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद जी महाराज ने घटना की पारदर्शिता और सही आंकड़े उपलब्ध न कराए जाने पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने प्रशासन से उचित भीड़ प्रबंधन सुनिश्चित करने और घटना के सही विवरण सार्वजनिक करने की मांग की।
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दिग्विजय ने सोशल मीडिया पर जताई नाराजगी
दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए लिखा कि इतनी बड़ी घटना के बावजूद प्रशासन पारदर्शिता से काम नहीं कर रहा है। उन्होंने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए लिखा कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा के प्रति गंभीर कदम उठाने की आवश्यकता है।
कल मैंने व लगभग़ सभी राज्यसभा विपक्षी पार्टी के संसद सदस्यों ने कुंभ में दुःखद घटना पर सभी विषयों को स्थगित कर सदन में चर्चा कराने की माँग की थी। लेकिन माननीय सभापति जी ने हमारी माँग ख़ारिज कर दी। यहाँ तक सदन द्वारा इस दुखद घटना में जो श्रद्धालुओं की मृत्यु हुई है उनकी स्मृति में…
— Digvijaya Singh (@digvijaya_28) February 4, 2025
भीड़ प्रबंधन और जवाबदेही सुनिश्चित करने की मांग
इस घटना के बाद जनमानस में आक्रोश फैल गया है। दिग्विजय सिंह ने कहा कि ऐसे विशाल धार्मिक आयोजनों में उचित प्रबंधन बेहद जरूरी है। उन्होंने सदन में इस मुद्दे पर चर्चा कर प्रशासन की जवाबदेही तय करने और पीड़ितों को न्याय दिलाने की मांग की है। साथ ही, भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत पर जोर दिया है।
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