लोकसभा चुनाव में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। हालांकि, उसे 2019 के मुकाबले 63 सीटों का बड़ा नुकसान उठाना पड़ा। 2019 में भाजपा को 303 सीटें मिली थीं, जबकि मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस को 52 सीटें मिली थीं। इस बार कांग्रेस करीब- करीब दोगुनी 99 सीटें जीतने में कामयाब रही।
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मौजूदा चुनावों में भी भाजपा की जीत का औसत अंतर (वोट मार्जिन) कांग्रेस से ज्यादा रहा है, लेकिन SC/ST के लिए आरक्षित सीटों पर कांग्रेस ने भाजपा से कहीं ज्यादा औसत अंतर से जीत हासिल की है।
चुनाव के आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि 240 सीटों पर भाजपा की औसत जीत का अंतर लगभग 3.36 लाख वोट है, जबकि कांग्रेस की 99 सीटों पर औसत जीत का अंतर करीब 2.96 लाख वोट है।
पांच साल पहले यानी 2019 में भाजपा ने 303 सीटें जीती थीं। इन सीटों पर भाजपा की जीत का औसत अंतर करीब 2.32 लाख वोट था, जबकि कांग्रेस ने 52 सीटें जीती थीं। तब कांग्रेस की जीत का औसत अंतर करीब 1.21 लाख वोट था। इस तरह से पांच साल में भाजपा का औसत अंतर 44% और कांग्रेस का 144% बढ़ गया है ( rise in congress vote share )।
उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश और हरियाणा जैसे राज्यों में भाजपा की जीत का औसत अंतर करीब 2.76 लाख वोट है, जबकि इन राज्यों में कांग्रेस की जीत का औसत अंतर करीब 2.05 लाख वोट का है। बता दें कि उत्तर प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा में भाजपा को भारी नुकसान हुआ है, जबकि कांग्रेस मध्य प्रदेश में एक भी सीट जीत पाने में नाकाम रही है।
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SC पर कांग्रेस का बढ़त
जब SC/ST के लिए आरक्षित सीटों पर हार-जीत के आंकड़ों का विश्लेषण करते हैं तो पता चलता है कि अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित देशभर की कुल 84 सीटों में से 30 पर भाजपा ने 2.91 लाख वोटों के औसत अंतर से जीत दर्ज की है।
दूसरी ओर कांग्रेस ने सिर्फ़ 20 सीटों पर ही जीत दर्ज की, लेकिन उसकी औसत जीत का अंतर 3.17 लाख वोट रहा, जो भाजपा से ज्यादा है। पांच साल पहले यानी 2019 में भाजपा ने 2.03 लाख वोटों के औसत अंतर से SC के लिए आरक्षित 46 सीटें जीती थीं, जबकि कांग्रेस ने 1.29 लाख वोटों के अंतर से सिर्फ 6 सीटें जीती थीं।
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ST सीटों पर भी कांग्रेस को बढ़त
इसी तरह अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए आरक्षित देश की 47 सीटों में से 25 पर भाजपा ने 3.31 लाख वोटों के औसत अंतर से जीत दर्ज की, जबकि कांग्रेस ने 4.29 लाख वोटों के औसत अंतर से सिर्फ 12 सीटें जीतीं।
2019 के चुनावों में भाजपा ने 1.63 लाख वोटों के अंतर से 31 सीटें जीती थीं, जबकि कांग्रेस ने 66,796 वोटों के अंतर से सिर्फ़ 4 ST सीटें जीती थीं। इस तरह 2019 की तुलना में इन सीटों पर भाजपा की जीत का अंतर लगभग दोगुना हो गया, जबकि कांग्रेस का अंतर सात गुना बढ़ गया।
इससे साफ है कि भाजपा ने देश में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित अधिकांश सीटों पर भले ही जीत हासिल की है ( bjp on st sc seats ), लेकिन ऐसी सीटों पर कांग्रेस की जीत का औसत अंतर भाजपा से ज्यादा है।
माना जा रहा है कि संविधान और आरक्षण के मुद्दे पर विपक्षी इंडिया गठबंधन ने SC/ST समुदाय के बीच अपने चुनावी अभियान को सही तरीके से चलाने में कामयाबी हासिल की है, जिसके नतीजतन इन सीटों पर कांग्रेस की औसत जीत मार्जिन में इजाफा हुआ है ( congress on st sc seats )।
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