NEW DELHI. चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन (code of conduct ) की गाज केंद्र की बीजेपी सरकार पर गिरी है। चुनाव आयोग ( election commission ) का आदेश है कि व्हाट्सएप ( whatsapp ) पर विकसित भारत संदेशों की डिलीवरी तुरंत रोकी जाए। आयोग ने इस विज्ञापन को जारी करने वाले इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (IT) से इस मामले में अनुपालन रिपोर्ट मांगी है। इस मामले में मंत्रालय का जवाब खासा दिलचस्प व अजीब है। दूसरी ओर लोकसभा चुनाव को देखते हुए आयोग का विभिन्न राज्याों में अफसरों के ट्रांसफर करने के आदेश भी लगातार चल रहे हैं।
कांग्रेस व अन्य दलों ने लगाए थे आरोप
कांग्रेस ने विकसित भारत के विज्ञापन मतदाताओं को भेजने के खिलाफ चुनाव आयोग को शिकायत की थी। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री के संदेश के साथ जुड़ी पीडीएफ फाइल को 'राजनीतिक प्रचार' कहा था। इसके अलावा टीएमसी व अन्य माध्यमों से शिकायतें मिल रही थीं, जिसके बाद चुनाव आयोग ने इन संदेशों को बंद करने का आदेश जारी कर दिया है। इस मसले पर मंत्रालय का जवाब खासा अजीब व हैरानी पैदा करने वाला है। उसने कहा है कि व्हाट्सएप पर यह संदेश और फाइल आदर्श आचार सहिंता के लागू होने से पहले भेजे गए थे। हालांकि उनमें से कुछ संदेश सिस्टम और नेटवर्क की समस्याओं के कारण लोगों को देर से प्राप्त हुए।
पीएम के संदेश में वोटरों से क्या कहा गया था
गौरतलब है कि मोदी के पत्र के साथ 'विकसित भारत संपर्क' का व्हाट्सएप संदेश लाखों भारतीयों को भेजा गया है, जो उन्हें मिला है। संदेश में नागरिकों से सरकारी योजनाओं और नीतियों से संबंधित प्रतिक्रिया और सुझाव मांगे गए थे। पीडीएफ फ़ाइल में प्रधानमंत्री आवास योजना, आयुष्मान भारत, मातृ वंदना योजना आदि जैसी सरकारी योजनाओं का उल्लेख किया गया है और इनके लिए आम जन से सुझाव व प्रतिक्रयाएं मांगी गई थी। यह ठीक है कि आचार संहिता लागू होने से पहले इन्हें भेजा गया था। लेकिन विपक्ष का आरोप है कि इसे संहिता होने के बाद भी लगातार भेजा जा रहा है।
अफसरों के तबादले की कवायद भी जारी है
इस बीच लोकसभा चुनाव को स्मूद चलाने, विभिन्न आरोपों को ध्यान में रखते हुए चुनाव आयोग का राज्यों में अफसरों को ट्रांसफर करने की कवायद जारी है। इस कड़ी में चार राज्यों गुजरात, पंजाब, ओडिशा और असम में नॉन कैडर अधिकारियों के ट्रांसफर ऑर्डर जारी किए। कलेक्टर और पुलिस के आला अधिकारी भी शामिल हैं। जिन अफसरों का तबादला किया गया, उनमें गुजरात छोटा उदेपुर और अहमदाबाद ग्रामीण जिले के एसपी और पंजाब में पठानकोट, फाजिल्का, जालंधर ग्रामीण और मलेरकोटला जिलों के एसएसपी शामिल हैं। पश्चिम बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर, झाड़ग्राम, पूर्व बर्धमान और बीरभूम जिलों के जिला कलेक्टर के अलावा ओडिशा के ढेंकनाल के डीएम और देवगढ़ और कटक ग्रामीण जिलों के एसपी को भी हटा दिया गया है। इससे पहले आयोग ने पश्चिम बंगाल के डीजीपी और छह राज्यों के गृह सचिव बदले जाने के आदेश जारी किए थे। इनमें गुजरात, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के गृह सचिव शामिल हैं।
यह भी पढ़ें:-
कांग्रेस ने कहा, खाते सील कर दिए, चुनाव कैसे लड़ें