18 लाख बालिकाओं को नहीं मिल रही लाड़ली लक्ष्मी योजना की राशि, जानें क्या है मामला

लाड़ली लक्ष्मी योजना में 18 लाख बालिकाओं के समग्र सत्यापन न होने के कारण राशि नहीं मिल रही है। मध्य प्रदेश सरकार ने 15 जनवरी तक सत्यापन पूरा करने का लक्ष्य तय किया है।

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Anjali Dwivedi
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लाड़ली लक्ष्मी योजना में प्रदेशभर में 52.02 लाख बालिकाओं का रजिस्ट्रेशन हुआ है। लेकिन इनमें से 18.22 लाख बालिकाओं को योजना की राशी नहीं मिल पा रही है। इसका कारण समग्र सत्यापन का पूरा न होना है। विभाग के लगातार निर्देशों के बावजूद इस मामले में जिला स्तर पर गंभीरता नहीं दिखायी गई है।

समग्र सत्यापन (Overall verification) का काम सही तरीके से नहीं हो पा रहा है। इसका असर सीधे राशि के भुगतान पर पड़ रहा है। जिन बालिकाओं का वेरीफइकेशन नहीं हुआ, उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। सरकार ने निर्देश दिए हैं, लेकिन इसके बाद भी सही तरीके से काम नहीं हो पा रहा।  

लाड़ली लक्ष्मी योजना क्या है?

लाड़ली लक्ष्मी योजना मध्य प्रदेश सरकार की एक सरकारी योजना है। इसका मकसद समाज में कन्या जन्म के प्रति सकारात्मक सोच फैलाना है। यह योजना बालिकाओं की शिक्षा और आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए बनाई गई है। इसके तहत सरकार बालिका के नाम पर 1.43 लाख तक का लाभ देती है। यह राशि शिक्षा और विवाह के लिए किस्तों में दी जाती है। इस योजना का उद्देश्य बालिकाओं को आत्मनिर्भर बनाना है।

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कैसे मिलती है लाड़ली लक्ष्मी योजना की किस्तें?

लाड़ली लक्ष्मी योजना में कुल 6 प्रमुख किश्तें मिलती हैं। लाड़ली लक्ष्मी योजना के तहत बालिका के जन्म के बाद हर साल 6 हजार जमा होते हैं। यह राशि कुल 30 हजार तक जमा होती है।

फिर पढ़ाई के दौरान कक्षा 6, 9, 11 और 12 में आर्थिक मदद मिलती है। 21 साल की उम्र पूरी होने पर एक लाख से ज्यादा की एकमुश्त राशि मिलती है। इसके लिए शर्त है कि 18 साल से पहले शादी न हो और 12वीं पास हो। इसमें 25 हजार कॉलेज या व्यावसायिक कोर्स के लिए मिलते हैं। 

लाड़ली लक्ष्मी योजना में आवेदन कैसे करें? 

ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया:

  1. पोर्टल पर जाएं: मध्य प्रदेश सरकार के आधिकारिक पोर्टल (जैसे mpedistrict.gov.in) या myScheme पर जाएं।

  2. रजिस्टर/लॉगिन करें: अगर नए हैं तो पंजीकरण करें और फिर लॉगिन करें।

  3. आवेदन फॉर्म: "लाडली लक्ष्मी योजना" चुनें और ऑनलाइन आवेदन फॉर्म भरें। इसमें बालिका और परिवार की जानकारी भरनी होगी।

  4. दस्तावेज अपलोड करें: जरूरी दस्तावेज (जैसे समग्र आईडी, जन्म प्रमाण पत्र, माता-पिता का पहचान पत्र, आय प्रमाण पत्र, बैंक पासबुक) अपलोड करें।

  5. सबमिट करें: फॉर्म और दस्तावेज सबमिट करें।

ऑफलाइन आवेदन प्रक्रिया:

  1. फॉर्म प्राप्त करें: आंगनवाड़ी केंद्र, ग्राम पंचायत, या लोक सेवा केंद्र (CSC/LSK) से आवेदन फॉर्म लें।

  2. फॉर्म भरें: सभी जानकारी सही-सही भरें और जरूरी दस्तावेज (फोटोकॉपी, स्व-सत्यापित) संलग्न करें।

  3. जमा करें: भरा हुआ फॉर्म और दस्तावेज लोक सेवा केंद्र (LSK) या संबंधित कार्यालय में जमा करें।

महत्वपूर्ण बातें:

  • पात्रता मानदंड और दस्तावेज राज्य के अनुसार अलग हो सकते हैं (जैसे मध्य प्रदेश, गोवा)।

  • माता-पिता का आयकरदाता न होना और परिवार नियोजन अपनाना पात्रता के लिए जरूरी है (पहली बालिका के लिए परिवार नियोजन जरूरी नहीं)।

सतना में 4 हजार 866 सत्यापन लंबित

सतना जिला मुख्यालय में ही 11 हजार पंजीकृत बालिकाओं में से 4 हजार 866 का समग्र सत्यापन नहीं हो सका है। लाड़ली लक्ष्मी योजना के शुरुआत से जितने प्रकरण स्वीकृत किए गए हैं, उनमें सभी हितग्राहियों को आधार से केवाईसी (KYC) करानी होगी।

इसके बाद आधार और स्कूल की समग्र आईडी से मिलान होना चाहिए। यदि मिलान नहीं होता है तो बालिकाओं को छात्रवृत्ति का भुगतान नहीं हो पाएगा।

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आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी

लाड़ली लक्ष्मी योजना के तहत बालिकाओं को राशि देने के लिए समग्र सत्यापन का काम आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा किया जाता है। इन कार्यकर्ताओं को यह सुनिश्चित करना होता है कि संबंधित बालिका का नाम समग्र आईडी में जुड़ा हो। समग्र आईडी में नाम जुड़ने के बाद ही बालिकाओं को छात्रवृत्ति मिलती है।

प्रदेश में कुल 52 लाख 2 हजार 939 बालिकाएं योजना के तहत रजिस्टर्ड हैं, जिनमें से 33 लाख 80 हजार 299 का समग्र सत्यापन हो चुका है, लेकिन 18 लाख 22 हजार 640 का सत्यापन अभी बाकी है।

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कलेक्ट्रेट में अभिभावक लगा रहे चक्कर

सतना और मैहर जिले में कुल 66 हजार 211 बालिकाओं को छात्रवृत्ति नहीं मिल सकी है। जानकारी के अभाव में इनके अभिभावक कलेक्ट्रेट की जनसुनवाई में बार-बार शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं। हाल ही में जनसुनवाई में रामपुर बाघेलान से आए एक अभिभावक ने अपनी बेटी को छात्रवृत्ति न मिलने की शिकायत की थी। जब जांच की गई तो पता चला कि उनका समग्र सत्यापन नहीं हो सका था।

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सत्यापन की प्रक्रिया पूरी करने का लक्ष्य

जिला महिला बाल विकास अधिकारी राजीव सिंह ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को निर्देशित किया गया है कि वह जल्द से जल्द संबंधित बालिकाओं का समग्र सत्यापन करें और उनके नाम समग्र में जोड़ें। इसके साथ-साथ एसएमएस के माध्यम से भी समग्र सत्यापन की सूचना दी जा रही है। 15 जनवरी तक यह कार्य पूरा करने का टारगेट तय किया गया है।

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