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मध्यप्रदेश के रीवा जिले से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। यहां के बैकुंठपुर थाना क्षेत्र में स्थित जेंटल शेफर्ड हायर सेकंडरी स्कूल में एक महिला शिक्षिका ने डिसिप्लिन के नाम पर क्रूरता की सारी हदें पार कर दीं।
यहां 5वीं कक्षा में पढ़ने वाले एक 11 साल के मासूम बच्चे को बेरहमी से पीटा गया। ऐसा इसलिए क्योंकि उसका होमवर्क पूरा नहीं था। ये घटना शिक्षा व्यवस्था और स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करती है।
होमवर्क नहीं होने पर टीचर ने पीटा
घटना शनिवार (20 दिसंबर) की बताई जा रही है। जेंटल शेफर्ड स्कूल के 5वीं के छात्र अपनी नियमित कक्षा में बैठे थे। तभी शिक्षिका मनीषा विश्वकर्मा ने होमवर्क चेक करना शुरू किया। आरोप है कि होमवर्क अधूरा होने पर टीचर ने छात्र का सिर दीवार पर मार दिया।
साथ ही स्टील की बॉटल से हमला कर उसका सिर फोड़ दिया। खून से लथपथ मासूम की मदद के लिए जब उसकी बहन आई तो उसके साथ भी मारपीट की गई। पुलिस ने मेडिकल के बाद जांच शुरू कर दी है।
बहन के साथ भी मारपीट
जब ये सब हो रहा था, 6वीं कक्षा की छात्रा अपनी बहन को बचाने दौड़ी। वहीं, शिक्षिका का गुस्सा इतना ज्यादा था कि उन्होंने बहन को भी मारा। पीड़ित परिवार का कहना है कि स्कूल प्रबंधन ने मामले की जांच नहीं की। इसके बजाय उन्होंने मामले को दबाने की कोशिश की।
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पुलिस की कार्रवाई और मेडिकल जांच
इस घटना क दो दिनों तक स्कूल की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। तो ऐसे में सोमवार (22 दिसंबर) को परिजनों ने बैकुंठपुर थाने पहुंचकर लिखित शिकायत दर्ज कराई। थाना प्रभारी घनश्याम मिश्रा ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत जांच के आदेश दिए है।
पुलिस ने छात्र का मेडिकल टेस्ट करवाया है। इसके साथ ही, स्कूल के सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले जा रहे हैं ताकि घटना की सच्चाई सबके सामने आ सके।
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शिक्षा विभाग और प्रशासन का रुख
बता दें कि, जिला शिक्षा अधिकारी को भी इस पूरे मामले की जानकारी दे दी गई है। परिजनों का आरोप है कि स्कूल प्रशासन ने न तो आरोपी टीचर पर कोई एक्शन लिया और न ही घायल बच्चे को तुरंत इलाज प्रोवाइड कराया।
इस घटना ने एक बार फिर स्कूलों में कॉर्पोरल पनिशमेंट (शारीरिक दंड) की पाबंदी और उसके उल्लंघन पर चर्चा छेड़ दी है। कानूनी तौर पर किसी भी छात्र को फिजिकल और मेन्टल टॉर्चर करना क्राइम के केटेगरी में आता है।
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