ग्वालियर में नियमों को ताक पर रखकर बना दिए परीक्षा केंद्र, JU ने 2 निजी कॉलेजों को एक दूसरे के यहां बना दिए एग्जाम सेंटर

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Pratibha Rana
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ग्वालियर में नियमों को ताक पर रखकर बना दिए परीक्षा केंद्र, JU ने 2 निजी कॉलेजों को एक दूसरे के यहां बना दिए एग्जाम सेंटर

देव श्रीमाली, GWALIOR. अपने विवादास्पद कारनामों के लिए चर्चित रहने वाली जीवाजी विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने अब एक नया ही काम कर दिया। इसके चलते उनके कॉलेजों के प्रबंधकों से मिलीभगत के आरोप लगने लगे। विश्वविद्यालय ने दो निजी कॉलेजों में परीक्षा केंद्र तो बना ही दिए साथ ही इनके सेंटर भी आपस में ही बना दिए। इसका खुलासा होते ही अब बवाल मचना शुरू हो गया है।



नियमों को ताक पर रखकर बना दिए परीक्षा केंद्र



ग्वालियर का जीवाजी विश्वविद्यालय प्राइवेट कॉलेजों को एक-दूसरे का परीक्षा केंद्र बनाकर सवालों के घेरे में आ गया है। विश्वविद्यालय ने ट्राइएंगल सिस्टम से निजी कॉलेजों को परीक्षा केंद्र बनाने के नियम को ही खत्म कर दिया। इसके बावजूद ये केंद्र बना दिए। इसको लेकर कार्यपरिषद सदस्यों ने अपना विरोध जताया है। 



छुट्टी के दिन जारी की सूची 



उधर, इसे मुद्दा बनाकर NSUI छात्रों ने प्रदर्शन कर आरोप लगाया है कि नकल कराने में बदनाम कॉलेजों को विश्वविद्यालय ने पैसा लेकर केंद्र बनाया है। बता दें कि 5 अप्रैल से परीक्षाएं शुरू हुईं है और विश्वविद्यालय 2 अप्रैल को छुट्टी के दिन परीक्षा केंद्रों की सूची जारी की थी। इसके बाद एनएसयूआई के छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन से मिलकर अपना विरोध जताते हुए कहा कि नकल कराने में बदनाम कॉलेजों को परीक्षा केंद्र बनाया गया है। इससे साफ जाहिर होता है कि विश्वविद्यालय प्रबंधन भ्रष्टाचार में फंसे है।



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कुलपति- रजिस्ट्रार को लिखा पत्र



वहीं परीक्षा केंद्रों में गड़बड़ी की आशंका व्यक्त करते हुए कार्यपरिषद् सदस्यों ने एक पत्र कुलपति और रजिस्ट्रार को लिखा है। सदस्य विवेक सिंह भदौरिया ने बताया कि पत्र में लिखा गया है कि जिस तरह से प्राइवेट कॉलेजों को एक-दूसरे का परीक्षा केंद्र बना दिया गया है,उससे प्रतीत होता है कि परीक्षा केंद्रों पर नकल कराई जाएगी। इससे नकल की प्रवृत्ति को बढ़ावा मिलेगा। जबकि 23 मार्च को हुई बैठक में कार्यपरिषद सदस्यों ने निजी कॉलेजों को सेंटर बनाने पर आपत्ति दर्ज कराई थी। 



बदले जाएंगे केंद्र



इस मामले में विश्वविद्यालय प्रबंधन का कहना है कि नकल नहीं होने दी जाएगी। परीक्षा केंद्रों पर फ्लाइंग स्क्वाड तैनात किया गया है, जिस परीक्षा केंद्र पर नकल की स्थिति मिलती है, उसे तुरंत बदल दिया जाएगा। वहीं कार्य परिषद सदस्य विवेक भदौरिया का कहना है कि इस मामले में कुलपति से हमें आश्वासन मिला है कि 5 अप्रैल की परीक्षा चिन्हित परीक्षा केंद्रों पर ही होगी। लेकिन 8 अप्रैल से होने वाली परीक्षाओं के केंद्र बदल दिए जाएंगे।



विवि बोला- छात्र संख्या अधिक होने के कारण लिया निर्णय



गौरतलब है कि जीवाजी विश्वविद्यालय प्रबंधन भिंड और मुरैना में विद्यार्थियों की संख्या अधिक होने और यहां शासकीय कॉलेज कम पड़ने का हवाला देते हुए निजी कॉलेजों को एक-दूसरे का परीक्षा केंद्र बना दिया है। अब सवाल यह है कि संख्या कम होने की जगह ज्यादा कैसे हो गई। इसके चलते निजी कॉलेजों का अधिग्रहण करने की जरूरत पड़ी जबकि पिछले साल यूजी सेकंड ईयर और फर्स्ट ईयर में यही छात्र थे, तब व्यवस्था क्यों नहीं बदलीं गई?


MP News एमपी न्यूज Jiwaji University जीवाजी विश्वविद्यालय JU feat in Madhya Pradesh allegations on JU मध्यप्रदेश में  जेयू का  कारनामा नियमो को ताक पर रखकर बनाए परीक्षा केंद्र