News Strike: उत्तम स्वामी के कार्यक्रम में क्यों नहीं पहुंचे सीएम मोहन यादव, वजह जान ऐसा होगा आपका रिएक्शन

मध्यप्रदेश के सीएम मोहन यादव को शरद पूर्णिमा के दिन उत्तमसेव धाम आश्रम के कार्यक्रम में शामिल होना था, लेकिन वह नहीं पहुंचे। संत उत्तम स्वामी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जोड़ने पर गुस्सा जताया और सीएम को फटकार लगाई।

author-image
Manish Kumar
New Update
news strike 10 oct

Photograph: (The Sootr)

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

मध्यप्रदेश में किसी की क्या बिसात की वो सबके सामने मुख्यमंत्री का डांट सके। बात सिर्फ मध्यप्रदेश की नहीं किसी भी सूबे से सीएम को सबके सामने फटकार लगाने वाला कोई आम व्यक्ति नहीं हो सकता। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव को भरे मंच से एक संत ने फटकार लगाई। सीएम ने चुपचाप वो डांट सुनी और माफी भी मांगी। उन्हें फटकार लगाने वाला ये संत कौन था। ये तो बात होगी ही। लेकिन ये भी जानेंगे कि ऐसी कौन सी अहम वजह थी जिसकी वजह से सीएम ने संत के आशीर्वाद को भी गंवा दिया। हो सकता है ये वजह प्रदेश की आम जनता को जानना भी जरूरी हो। 

पहले आपको पूरा वाक्या बता देते हैं। मामला शरद पूर्णिमा के दिन का है। सलकनपुर के उत्तमसेव धाम आश्रम में खास कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल भी मौजूद थे। कार्यक्रम में सीएम मोहन यादव को भी पहुंचना था। लेकिन वो नहीं जा सके। कार्यक्रम में शामिल होने के लिए उत्तम स्वामी महाराज भी खासतौर से आए थे। सीएम के न आने से वो सबके सामने नाराज हो गए। जब उन्हें ये पता चला कि सीएम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जोड़ा जाएगा। तब वो और भी ज्यादा गुस्साए और कहा कि मुख्यमंत्री को वर्चुअली जोड़ने की भी क्या जरूरत है। जो हमारे मंच पर नहीं आ सकता उसे ऐसे जोड़ने की भी क्या जरूरत है।

ये भी पढ़ें... कार्यक्रम में न आने पर सीएम से नाराज हुए महामंडलेश्वर उत्तम स्वामी, मुस्कुराकर मुख्यमंत्री बोले-डांट सुन ली, अब डबल रोटी खाऊंगा

सीएम ने ऐसे हैंडल किया सिचुएशन

एक सीएम को भरे मंच से इस तरह बोल दिया जाए तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि उस सभा का क्या माहौल होगा। शायद सभी लोग टेंशन में आ गए होंगे। क्योंकि एक तरफ तो सीएम का ये फरमान था कि उन्हें वीडियो कॉनफ्रेंस से जोड़ा जाए दूसरी तरफ एक संत का गुस्सा की उन्हें जोड़ा ही क्यों जाए। जाहिर हर अधिकारी से लेकर कार्यकर्ता तक सकते में आ ही गया होगा। कुछ लोगों को तो शायद ये अंदेशा भी हो कि अब सीएम भी गुस्से से बिफर जाएंगे। या कार्यक्रम में वर्चुअली भी शामिल नहीं होंगे या फिर कम से कम उनके मिजाज में तल्खी जरूर नजर आएगी। लेकिन जिस तरह से मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस पूरी सिचुएशन को हैंडल किया उसने सभी लोगों को हैरान कर दिया। 

सीएम ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़ने के बाद बेहद संयम के साथ और मुस्कुराते हुए बात की। उन्होंने कहा कि संतों का आशीर्वाद समाज के लिए बहुत जरूरी होता है। उन्होंने उत्तम स्वामी महाराज से माफी भी मांगी और बताया कि वो पहले ही इस बात की जानकारी दे चुके थे कि वो कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सकेंगे। संत की नाराजगी को भी उन्होंने अपने लिए आशीर्वाद बताया।

ये भी पढ़ें... NEWS STRIKE: ब्राह्मण वर्सेज दलित की लड़ाई, सीएम तक आई, सोशल मीडिया टीम हुई फेल, पर्दे के पीछे किसका खेल?

जानिए कौन हैं सीएम को डांटने वाले संत

इसके बाद माहौल थोड़ा सजग हुआ। सीएम से गुस्साए उत्तम स्वामी के चेहरे पर भी शांति नजर आई और उनके भाव बदले हुए दिखे। इस पूरे घटनाक्रम से सीएम मोहन यादव के संयम और राजनीतिक मैच्योरिटी का भी उदाहरण लोगों को मिल गया। सीएम ने जिस तरह से पूरी सिचुएशन को हैंडल किया। उससे साफ जाहिर हो गया कि वो इस मामले को आगे नहीं बढ़ने देंगे और सारे विवादों पर विराम लगा देंगे। वही हुआ भी। लेकिन उसके बाद से लोग जरूर ये जानना चाहते हैं कि भरी सभा में एक सीएम को डांटने की हिमाकत करने वाला संत कौन है। और आखिर क्या वजह थी कि सीएम इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके।

चलिए पहले सवाल का जवाब आपको बता देते हैं। सीएम से नाराजगी जताने वाले उत्तम स्वामी महाराज पूरे देश में ध्यान योगी के नाम की ख्याति रखते हैं। साल 2021 में हरिद्वार में जो महाकुंभ हुआ था। उस समय उन्हें पंच अग्नि अखाड़े का महामंडलेश्वर बनाया गया था। सिर्फ भारत ही नहीं विदेशों में भी उनके लाखों अनुयायी हैं। बीजेपी नेताओं की बात करें तो पीएम मोदी भी उनमें आस्था रखते हैं। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत भी स्वामी जी के सामने आस्था से सिर झुगाते हैं। फिल्म जगत की भी बहुत सी हस्तियां हैं जो उत्तम स्वामी में आस्था रखती हैं। उनके आश्रम बांसवाड़ा, हरिद्वार में भी हैं। मप्र में भी सलकनपुर, मंदसौर और उज्जैन में उनके आश्रम हैं। महाराष्ट्र के लोहगांव में भी उत्तम स्वामी महाराज का आश्रम है।

ये भी पढ़ें... News Strike: बुंदेलखंड में बीजेपी नेताओं के बीच बढ़ रही दरार, सागर के बाद अब इन जिलों में बढ़ा टकराव !

सीएम ने क्यों मिस किया उत्तम स्वामी का कार्यक्रम

अब बात करते हैं कि सीएम ने ऐसे संत का कार्यक्रम मिस कैसे कर दिया। जिसके सामने पीएम मोदी और खुद आरएसएस प्रमुख भी विनम्रता के साथ पेश आते हैं। क्या ऐसा कोई काम हो सकता है जो इससे ज्यादा जरूरी हो। खासतौर से बीजेपी में रह कर। जिसकी परिपाटी यही रही है कि संतों को पूरा सम्मान दो और प्रायोरिटी भी। फिर भी सीएम मोहन यादव इस कार्यक्रम में नहीं गए तो कार्यक्रम जरूर इतना महत्वपूर्ण होना चाहिए जो संतों से जुड़े कार्यक्रम को छोड़ना जस्टिफाई करता हो। तो, हम आपको बताते हैं कि सीएम खुद ऐसे किस कार्यक्रम में व्यस्त थे जो उन्होंने ये फैसला लिया। फिर आप खुद ही तय कीजिएगा कि सीएम मोहन यादव ने सही किया या गलत।

असल में जिस दिन संत का ये प्रोग्राम हुआ उसी दिन मध्यप्रदेश में कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस भी थी। इस कान्फ्रेंस के लिए सभी कलेक्टर्स और कमिश्नर को भोपाल भी बुलाया गया था। कार्यक्रम की रूपरेखा, दिन और समय काफी पहले निर्धारित भी हो चुका था। मोहन यादव के सीएम बनने के बाद इस स्तर पर कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस पहली बार ही आयोजित की गई थी। इसमें प्रदेश के विकास और आम लोगों की बेहतरी से जुड़े कई जरूरी मुद्दों पर चर्चा होनी थी।

ये भी पढ़ें... News Strike : एक दूजे के बिना नहीं चलेगी सिंधिया-दिग्विजय की राजनीति, इसलिए थामा हाथ!

सीएम ने अपने सभी कार्यक्रम छोड़ कर इस कॉन्फ्रेंस के लिए पूरा समय दिया। ताकि किसी भी अफसर और जिले की सुनवाई में चूक न हो जाए। ये कॉन्फ्रेंस सात और आठ अक्टूबर को हुई। जिस दिन उत्तम स्वामी का कार्यक्रम था। उस दिन सीएम इसी कॉन्फ्रेंस में व्यस्त थे। सारा दिन कलेक्टर और कमिश्नरों के साथ बैठक बाद सीएम संत के कार्यक्रम से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े। उनकी नाराजगी झेलने के बाद भी संयम से काम लिया और उनका आशीर्वाद भी लिया। 

इस नियमित कॉलम न्यूज स्ट्राइक (News Strike) के लेखक हरीश दिवेकर (Harish Divekar) मध्यप्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार हैं

मध्यप्रदेश उत्तम स्वामी महाराज कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव न्यूज स्ट्राइक हरीश दिवेकर HARISH DIVEKAR News Strike
Advertisment