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Photograph: (the sootr)
मध्य प्रदेश में बीजेपी ने कांग्रेस की नई टीम बनाने की स्ट्रेटजी की भी हवा निकालने की तैयारी कर ली है। हालात ये हैं कि कांग्रेस एक छलांग लगाती है तो बीजेपी चार छलांग मारकर उससे आगे निकल जाती है। चुनाव के बाद से कांग्रेस का हाल ऐसा है जैसे चार दिन चले अढाई कोस और बीजेपी की रफ्तार इतनी तेज है कि कांग्रेस उसे पकड़ ही नहीं पा रही है। अब बीजेपी अपनी नई टीम बनाने की तैयारी में जुट गई है। ये टीम आप की काट होगी और कांग्रेस की फ्यूचर प्लानिंग पर बड़ी चोट होगी। इस खबर को पूरा पढ़िए, समझिए और कमेंट सेक्शन में बताइए कि क्या आप को भी लगता है कि बीजेपी, अपनी नई प्लानिंग से कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा सकती है।
इस बार का विधानसभा चुनाव हारने के बाद कांग्रेस लगातार इस कोशिश में है कि वो अपनी टीम मजबूत कर सके। ये पहले भी बहुत बार बताया जा चुका है कि लीडरशिप के फेस बदलकर कांग्रेस इसकी पहल कर चुकी है। लेकिन, अब बात आगे टीम बनाने की है। इसके लिए मूल जम्मेदारी कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार को सौंपी गई। जो अलग अलग जिलों में जाकर बैठकें और मंथन कर रहे हैं ताकि नई टीम बना सकें।
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कांग्रेस से इस मामले में आगे निकली बीजेपी
इसे कांग्रेस की चींटी की चाल न कहें तो क्या कहें। चुनाव हुए डेढ़ साल से ज्यादा का वक्त हो चुका है, पर कांग्रेस अब तक नई टीम बनाने के लिए चेहरे ही तलाश रही है। इधर बीजेपी जिलाध्यक्षों की घोषणा कर चुकी है। ये बात अलग है कि जिलाध्यक्ष चुनते समय बीजेपी में भी खूब खींचतान हुई, लेकिन जैसे तैसे ये काम पूरा हो ही गया। ये बात अलग है कि बीजेपी फिलहाल प्रदेशाध्यक्ष पर किसी फैसले पर नहीं पहुंच सकी है, पर बाकी टीम बनाने का काम जोर शोर से चल रहा है।
मिसाल बना बीजेपी का नया प्रयोग
चुनाव अभी तीन साल की दूरी पर हैं, फिर भी नई टीम बनाने के लिए बीजेपी ने मशक्कत शुरू कर दी है। इसकी मिसाल बना है बीजेपी का एक नया प्रयोग। इस प्रयोग के तहत बीजेपी का फोकस अब खांटी राजनेताओं से इतर प्रदेश के प्रोफेशनल्स पर है। पार्टी ने प्रदेशभर से करीब ऐसे कई लोग तलाश भी लिए हैं जो अपने अपने क्षेत्र के सूरमा हैं और अब बीजेपी के साथ हो गए हैं। इसे बीजेपी की फ्यूचर टीम का नाम दिया गया है। आपको याद दिला दें कि बीती 15 अगस्त को पीएम नरेंद्र मोदी ने लाल किले से कहा था कि राजनीति में ऐसे लोगों को लाने की जरूरत है जिनके परिवार का कोई सियासी बैकग्राउंड नहीं रहा है। हालांकि ये उनका सुझाव सिर्फ बीजेपी के लिए या किसी राज्य विशेष के लिए नहीं था। लेकिन, एमपी में बीजेपी ने इसी तर्ज पर काम किया और फ्यूचर टीम बना डाली।
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6 महीने लंबी प्रोसेस के बाद चुनी गई बीजेपी की फ्यूचर टीम
इस फ्यूचर टीम को बनाने के लिए बीजेपी ने करीब 45 पन्नों का गूगल फॉर्म जारी किया था। ये फॉर्म 45 साल से कम उम्र के युवाओं के लिए ही था। इस फॉर्म के जरिए उनकी शैक्षणिक योग्यता पूछी गई। इसके साथ ही विचारधारा और दूसरे अनुभवों के बारे में भी पूछा गया। जितने लोगों ने ये फॉर्म भरा, उनमें से करीब 790 लोगों को चुना गया। इन लोगों को सिलेक्ट करते समय ये बात पूरी तरह से ध्यान में रखी गई कि ऐसे लोगों का कोई पुराना पॉलिटिकल बैकग्राउंड नहीं होना चाहिए। फ्यूचर टीम बनाने के लिए बीजेपी ने इंजीनियर, डॉक्टर्स, कानून के जानकार, एंटरप्रन्योर्स जर्नलिस्ट, समाजसेवी युवाओं को चुना है। पूरे छह महीने चली लंबी प्रोसेस के बाद बीजेपी ने इन युवाओं को चुना है जिन्हें बीजेपी की रीति-नीति में ढालने की औपचारिकता भी पूरी हो चकी है। ऐसे प्रोफेशनल्स को बीजेपी की सदस्यता दिलाने के बाद दो दिन की वर्कशॉप की गई और उन्हें बीजेपी की विचारधारा और तौर तरीके समझा दिए गए हैं। खुद सीएम मोहन यादव, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव, ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे लीडर्स ने इन्हें राजनीति का ककहरा सिखाया। इस अभियान को बीजेपी ने आईएम बीजेपी फ्यूचर फोर्स नाम दिया है।
बीजेपी का मिशन कैसे होगी आप की काट
इस आर्टिकल की शुरुआत में ही बताया गया था कि बीजेपी का ये मिशन आप की काट होगा और कांग्रेस पर चोट होगा। अब आपको समझाते हैं कि ये कैसे होगा। पहले बात करते हैं आप यानी कि आम आदमी पार्टी की काट की। वैसे तो आम आदमी पार्टी मध्य प्रदेश में बहुत ज्यादा सक्रिय नहीं है। पार्टी धीरे धीरे एमपी में मजबूत हो पाती, इससे पहले दिल्ली में ही आप की जड़ें कमजोर हो गईं। इसके बाद अब वो प्रदेश में ज्यादा फल फूल सके ये मुश्किल ही लगता है। हालांकि, सियासी चौक चोबारों पर हमेशा ही ये जुमला चलता रहा कि आम आदमी पार्टी पढ़े लिखे लोगों की पार्टी है।
आपने भी ये जरूर सुना होगा कि पढ़े लिखे लोग आम आदमी पार्टी को पसंद कर रहे हैं या वो कांग्रेस का विकल्प बन सकती है। बात काफी हद तक सही भी थी क्योंकि आम आदमी पार्टी के साथ ज्यादातर ऐसे ही लोग जुड़े रहे जो अपने अपने क्षेत्र के काफी प्रतिष्ठित और पढ़े लिखे लोग थे। प्रोफेशनल्स का राजनीति की तरफ ये रुझान देखने के बाद ही बीजेपी ने भी ऐसे लोगों को पार्टी से जोड़ना शुरू किया है। ये प्रोफेशनल्स पार्टी की विचारधारा को एलिट और एजुकेशनल अंदाज में पेश कर सकेंगे।
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भविष्य की पॉलिटिक्स को समझ चुकी है बीजेपी?
कांग्रेस की मुश्किलें इसलिए बढ़ेंगी क्योंकि कांग्रेस भी नए चेहरों को जोड़ने की कोशिश में है, लेकिन बीजेपी उससे पहले ही इस मुहिम में आगे निकल गई। फ्यूचर फोर्स का नाम देकर बीजेपी ने ये हिंट भी दे ही दिया है कि वो भविष्य की राजनीति को समझ चुकी है और उस तरफ कदम भी बढ़ा चुकी है। अब देखना ये है कि कांग्रेस जिस किस्म की फ्यूचर फोर्स की तलाश में निकली है। क्या वैसी फोर्स तैयार कर सकेगी। और, जब ये फ्यूचर फोर्स एक दूसरे के आमने सामने होंगी तो सियासत का वो मुकाबला कितना दिलचस्प होगा।
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