News Strike: कर्नल सोफिया कुरैशी पर मंत्री का विवादित बयान, बीजेपी मौन, क्या दिल्ली से होगी बड़ी कार्रवाई ?

ऑपरेशन सिंदूर में कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने वीरता दिखाई, लेकिन बीजेपी के मंत्री ने कर्नल सोफिया पर अभद्र टिप्पणी की। मंत्री ने माफी मांगी, लेकिन क्या यह पर्याप्त है? हाईकोर्ट ने इस मामले में महत्वपूर्ण पहल की है।

author-image
Harish Divekar
New Update
news strike 14 may

Photograph: (the sootr)

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

ऑपरेशन सिंदूर के आगाज से लेकर पाकिस्तान को नाको चने चबवाने तक भारत की वीरता के दो चेहरे बने, कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह। इन दो चेहरों पर उंगलियां उठे तो क्या आप बर्दाश्त कर लेंगे। शायद नहीं क्योंकि पिछले दस दिन से ये दो चेहरे भारत की एकता और हिम्मत की मिसाल बन कर पेश होती रही हैं। लेकिन इन्हीं में से एक चेहरे पर बीजेपी का मंत्री अभद्र टिप्पणी करता है और फिर माफी मांग कर हर इल्जाम से फारिग हो जाता है।

हम आपसे पूछते हैं कि क्या देश की हिफाजत में जुटी किसी महिला को कुछ भी कहना और फिर माफी मांग लेना काफी है। हम बीजेपी से भी पूछते हैं कि क्या सिर्फ सार्वजनिक माफी मांग चुके नेताजी को वो यूं ही बख्श देगी। पार्टी ऐसे नेता क्यों और कब तक ढोएगी जो अपनी जुबान पर काबू नहीं रख पाते।

कभी मध्यप्रदेश की बेटियों के लिए अपशब्द कहते हैं कभी देश की हिफाजत कर रही वीरांगना का मजाक उडाते हैं। पर, हम आपको याद दिला दें कि इसी बीजेपी ने इसी नेता का मंत्री पद से इस्तीफा लेने में देर नहीं की थी जब उसने तत्कालीन मुख्यमंत्री की पत्नी पर अभद्र टिप्पणी कर दी थी। इस मामले में मध्यप्रदेश बीजेपी भले ही खामोश है लेकिन हाईकोर्ट ने इस मामले पर बड़ी पहल की है।

एक बार पहले भी गंवा चुके हैं अपना मंत्री पद 

अब तक आप समझ ही गए होंगे कि हम किस मंत्री के बारे में बात कर रहे हैं। अगर नहीं समझे तो बता दें कि हम विजय शाह और उनके ताजा बयान के बारे में चर्चा कर रहे हैं। विजय शाह हरसूद से लगातार आठवीं बार विधायक चुने गए हैं। मध्य प्रदेश की अधिकांश बीजेपी सरकारों में मंत्री रहे हैं और, खबर लिखे जाने तक मोहन कैबिनेट में आदिम जाति कल्याण मंत्री बने हुए हैं। हमने खासतौर से ये बात इसलिए बताई कि एक बार विजय शाह अपना मंत्री पद अपने ऐसे ही एक घटिया बयान के चलते गंवा चुके हैं। उस वक्त उन्होंने तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान की पत्नी साधना सिंह का नाम लेकर एक वाहियात और डबल मीनिंग टिप्पणी की थी। वो टिप्पणी ऐसी थी कि उसे यहां दोहराना भी वापस किसी महिला का अपमान ही होगा। इसलिए हम उसे दोहराएंगे नहीं। उस समय बीजेपी ने कुंवर विजय शाह से मंत्री पद से इस्तीफा ले लिया था।

यह भी पढ़ें... हाईकोर्ट के आदेश के बाद इंदौर के मानपुर थाना में मंत्री विजय शाह पर FIR दर्ज

हाईकोर्ट के जज श्रीधरन ने लिया संज्ञान

इस विवादित बयान के बारह घंटे बाद तक बीजेपी ने कुंवर विजय शाह पर कोई ठोस एक्शन नहीं लिया था। लेकिन हाइकोर्ट के जज अतुल श्रीधरन ने इस मामले में इंसाफ की आवाज को बुलंद किया है। उन्होंने संज्ञान लेते हुए मंत्री विजय शाह के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं। कर्नल सोफिया कुरैशी के भाई ने भी पीएम मोदी से संज्ञान लेने की अपील की है। मामला गृह मंत्री अमित शाह तक भी पहुंच चुका है जिसके बाद ये माना जा रहा है कि विजय शाह का इस्तीफा जल्द होगा। ये भी हो सकता है कि हम जब तक ये जानकारी आप तक पहुंचाएं, उनका इस्तीफा हो भी चुका हो। लेकिन, आपको मंत्रीजी के पुराने विवादित बयानों के बारे में जानना जरूरी है इसलिए आगे पढ़ते रहिए।

यह भी पढ़ें... NEWS STRIKE : Jyotiraditya Scindia के गढ़ में मिला चैलेंज, पूर्व विधायक के बयान से गरमाई चंबल की सियासत

कर्नल सोफिया पर की बदजुबानी

इस बार विजय शाह की जुबानी वापस का शिकार हुई हैं कर्नल सोफिया कुरैशी जिसे ओपरेशन सिंदूर का फेस बनाया गया है। पिछले कुछ दिनों से आप भी उन्हें बार बार टीवी स्क्रीन पर देख रहे होंगे। उन्हें हिंदुस्तानी सेना की वर्दी में देखकर और उनके साहस पर हम सबको नाज है। शायद पीएम मोदी ने भी सोफिया कुरैशी को इसलिए फेस बनाने की मंजूरी दी होगी क्योंकि वो सेना के साहस का प्रतीक तो हैं ही। देश में भी जाति धर्म और भाईचारे की मिसाल बन रही हैं, लेकिन इस बारे में मोदी की पार्टी के मंत्री कुंवर विजय शाह की राय कुछ और है। विजय शाह ने चंद घंटों पहले सोफिया कुरैशी पर बयान दिया कि जिन्होंने हमारी बेटियों के सिंदूर उजाड़े, उन कटे पिटे लोगों को उनकी ही बहन भेजकर नंगा कराया। मोदीजी तो नहीं उतर सकते थे, इसलिए उनके समाज की बहन को भेजा।

यह भी पढ़ें... News Strike: कांग्रेस फिर करेगी पचमढ़ी में मंथन, विधानसभा चुनाव से पहले जीत के अमृत की तलाश ?

डैमेज कंट्रोल में जुटी बीजेपी

अपने इस घटिया बयान की गंभीरता कुंवर विजय शाह को शायद न समझ आई हो, लेकिन बीजेपी को समझ आ गई। बयान के वायरल होते ही पूरी बीजेपी डैमेज कंट्रोल में जुट गई। मंत्रीजी को बयान पर माफी मांगने की हिदायत दी गई और प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने फटकार भी लगाई। इतने पर ही काफी नहीं हुआ तो कुछ बीजेपी नेता छतरपुर स्थित सोफिया कुरैशी के घर भी पहुंचे। मंत्रीजी ने पार्टी के कहने में आकर माफी तो मांगी लेकिन उसके बाद हंसने में भी देर नहीं लगाई। क्या आपको उन्हें इस तरह हंसते देखकर लगता है कि मंत्रीजी को अपनी गलती का जरा भी अहसास हुआ है।

मंत्रीजी की इस हंसी को भूलिएगा नहीं क्योंकि ये मंत्री अक्सर ऐसे ही बेसिरपैर के बयान देते हैं और फिर इसी तरह हंसते हुए नजर आते हैं। ये तो हम आपको बता ही चुके हैं कि वो पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान की पत्नी को लेकर भी विवादित बयान दे चुके हैं। एक कार्यक्रम में लड़कियों को टीशर्ट बांटते हुए उन्होंने कहा था कि इनको दो-दो दे दो। मुझे नहीं पता ये नीचे क्या पहनती हैं।

यह भी पढ़ें... News Strike: प्रमोशन में आरक्षण की Puzzle, कार्य-दक्षता की आड़ में SC-ST पर चलेगी तलवार

विद्या बालन को लेकर भी आए थे सुर्खियों में

मध्य प्रदेश में विद्या बालन की फिल्म शेरनी की शूटिंग के दौरान भी मंत्री जी सुर्खियों में रहे। तब विजय शाह वन मंत्री ही हुआ करते थे। उनका मन हुआ कि एक्ट्रेस विद्या बालन उनके साथ डिनर करें। विद्या बालन ने उनका ऑफर ठुकराया तो मंत्रीजी ने शूटिंग तक रुकवा दी। हालांकि बाद में परमिशन देनी पड़ी। सारे नियमों को ताक पर रखकर मंत्रीजी अपने दोस्तों के साथ सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के प्रतिबंधित क्षेत्र में पार्टी करते भी देखे जा चुके हैं।

सवाल ये है कि ऐसे मंत्री या नेता के सामने बीजेपी मजबूर क्यों है और उसे ढोने के लिए बेबस क्यों नजर आती है। साधना सिंह पर विवादित टिप्पणी के बाद उनसे मंत्री पद छीना गया। फिर क्या मजबूरी रही कि उन्हीं शिवराज सिंह चौहान को चंद महीने बाद ही अपने मंत्रिमंडल में विजय शाह की वापसी करानी पड़ी। शिवराज सिंह चौहान को ये तक कहना पड़ा कि उनकी बातों को सिर्फ हास परिहास समझें। ये कोई निजी मजबूरी तो हो नहीं सकती। एक ऐसे नेता को ढोने के पीछे बीजेपी की कोई बड़ी राजनीतिक मजबूरी जरूर है।

देशभर में है नाराजगी

विजय शाह ने ये बयान मध्य प्रदेश में दिया है, लेकिन इसके खिलाफ नाराजगी पूरे देश में है। कांग्रेस ने उनके बयान पर नाराजगी जताई है। कांग्रेस के राष्ट्रीय स्तर के नेताओं ने भी बयान के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। खबर तो ये भी है कि जेपी नड्डा और बीएल संतोष भी इस बयान से नाराज हैं। उसके बाद भी विजय शाह पर बीजेपी कोई भी ठोस कार्रवाई करने में बेबस क्यों नजर आती है। ये बयान अगर कांग्रेस के किसी नेता की तरफ से आता तो क्या देश में इतना ही सन्नाटा पसरा रहता। क्या महिलावादी संगठन, सोशल मीडिया आर्मी इस बयान की खिलाफत करते सड़कों पर नजर नहीं आते। तो बीजेपी के एक नेता के बयान पर इतना सन्नाटा क्यों है।

क्या आदिवासी वोटबैंक पर मजबूत पकड़ के चलते बेशर्म और वाहियात बयान देने वाले विजय शाह बीजेपी की मजबूरी बन चुके हैं। आपका इस बारे में क्या सोचना है। हमें कमेंट बॉक्स में कमेंट करके जरूर बताएं।

न्यूज स्ट्राइक | न्यूज स्ट्राइक हरीश दिवेकर | News Strike | News Strike Harish Divekar

News Strike न्यूज स्ट्राइक न्यूज स्ट्राइक हरीश दिवेकर News Strike Harish Divekar विजय शाह