News Strike: कांग्रेस फिर करेगी पचमढ़ी में मंथन, विधानसभा चुनाव से पहले जीत के अमृत की तलाश ?

कांग्रेस एक बार फिर पचमढ़ी का रुख करने जा रही है, जहां उसने मुश्किलों में हमेशा नई ऊर्जा पाई है। प्रदेश कांग्रेस ने पचमढ़ी में मंथन करने का फैसला किया है। पार्टी अब सत्ता की रणनीति पर विचार करेगी।

author-image
Harish Divekar
एडिट
New Update
news strike 7 may
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

कांग्रेस को एक बार फिर पचमढ़ी बुला रहा है या यूं कहें कि कांग्रेस को एक बार फिर पचमढ़ी याद आ रहा है। राष्ट्रीय लेवल की बात करें या प्रदेश के लेवल की बात करें। कांग्रेस जब-जब मुश्किल में घिरती है, तब-तब पचमढ़ी का रुख कर लेती है। पचमढ़ी की वादियों में न जाने कौन सी संजीवनी बूटी है जिसे लेकर कांग्रेस में नई जान आ जाती है। एक बार फिर नई जान और नई ऊर्जा की उम्मीद में प्रदेश कांग्रेस ने पचमढ़ी का ही रुख करने का फैसला किया है। बहुत जल्द कांग्रेस का मंथन पचमढ़ी में होने जा रहा है। पहाड़ों की रानी की गोद में जाकर कांग्रेस सत्ता के सिंहासन के बारे में विचार करना चाहती है।

मध्य प्रदेश में सत्ता में वापसी के लिए कांग्रेस की तलब अब बढ़ती जा रही है जिसकी खातिर कांग्रेस लगातार फेरबदल कर रही है और नई-नई तैयारियों में भी जुटी है। हर तैयारी का मिशन सिर्फ एक है। मिशन 2028। इस मिशन को पूरा करने के लिए ही कांग्रेस के संगठन में बड़े बदलाव हुए हैं। पार्टी का फोकस खुद को मजबूत करने पर भी है क्योंकि अपना नेटवर्क स्ट्रॉन्ग करने के बाद ही पार्टी 2028 में होने वाले विधानसभा चुनाव में जीतने के बारे में सोच भी सकेगी।

ये अलग बात है कि कांग्रेस लगातार प्लानिंग तो कर रही है, लेकिन उस प्लानिंग पर अमल करने की रफ्तार इतनी धीमी है कि कई कई दिन और महीने बीत जाते हैं। मसलन आप जिलाध्यक्ष की नियुक्ति की ही बात ले लीजिए। कांग्रेस इस पर कब से मंथन कर रही है, लेकिन जिलों में टीम तैयार नहीं कर सकी है। एक प्लानिंग अभी पूरी हुई भी नहीं है कि कांग्रेस ने दूसरा कदम उठाने का फैसला कर लिया है।

यह भी पढ़ें... NEWS STRIKE: प्रमोशन में आरक्षण की Puzzle, कार्य-दक्षता की आड़ में SC-ST पर चलेगी तलवार

नेटवर्क को मजबूत करने की प्लानिंग

नेटवर्क को मजबूत करने के बाद कांग्रेस ने अधिवेशन की प्लानिंग की है। ये अधिवेशन पचमढ़ी में होगा। इस अधिवेशन में प्रदेशभर के नेता तो शामिल होंगे ही। इसके अलावा देश के बड़े नेता भी अधिवेशन का हिस्सा बनेंगे और प्रदेश के नेताओं को टिप्स भी देंगे। फिलहाल कांग्रेस इस अधिवेशन की रूपरेखा तय करने में व्यस्त है। अधिवेशन की तारीख तय करने से पहले ये तय किया जा रहा है कि इसे कितने दिन का रखना है। एक दिन या दो दिन। किसी भी राजनीतिक दल में बैठक होना आम बात है। इसमें भी कोई नई बात नहीं है कि कांग्रेस बैठक के लिए किसी खास जगह का चयन कर रही है। रणनीति बनाने के लिए अक्सर पार्टियां ऐसे फैसले लेती रही हैं, लेकिन पचमढ़ी और कांग्रेस का इतिहास हमेशा ही खास रहा है।

यह भी पढ़ें... News Strike: बीजेपी में मंत्री बनाम महापौर, विधायक भी निशाने पर, खुलकर सामने आई कोल्ड वॉर ?

पहले भी होती रही हैं पचमढ़ी में बैठकें

ये पहला मौका नहीं है जब कांग्रेस पचमढ़ी में बैठक करने जा रही है। इससे पहले कांग्रेस का एक बड़ा चिंतन शिविर साल 1998 में पचमढ़ी में ही हो चुका है। ये एक नेशनल लेवल का चिंतन शिविर था। इसी चिंतिन शिविर में कांग्रेस ने ये तय किया था कि पार्टी किसी भी दल के साथ गठबंधन नहीं करेगी। ये वो साल था जब कांग्रेस अपनी जीत के लिए आश्वस्त थी।

पहाड़ों में हुई इस बैठक के बाद कांग्रेस ने एक बार फिर ऐसी ही जगह को चुना था। ये जगह थी शिमला जिसकी हसीन वादियों के बीच साल 2003 में कांग्रेस का शिविर लगा था। पचमढ़ी में हुए शिविर से उलट इस बार की बैठक में कांग्रेस ने गठबंधन में जाने का फैसला लिया था। इसी बैठक के बाद कांग्रेस लगातार दस साल तक देश की सत्ता पर राज कर सकी थी। शिमला में ही मनरेगा, खाद्य सुरक्षा, सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण और आरटीई जैसे मुद्दों विचार किया और उन्हें आगे लागू किया था। इसके बाद कांग्रेस का एक और शिविर हुआ जयपुर में। ये साल 2013 की बात है। इस बैठक में ही राहुल गांधी का कद पार्टी में बढ़ाने पर विचार हुआ। 

यह भी पढ़ें... News Strike: मध्य प्रदेश में BSP फिर तलाश करेगी सियासी जमीन, विंध्य से रीएंट्री के पीछे क्यों खास है रणनीति ?

कांग्रेस-बीजेपी दोनों ही करती रही हैं पचमढ़ी में बैठकें

कांग्रेस और बीजेपी दोनों में ही ऐसी बैठकें होती रही हैं। एक बार फिर जिक्र करें पचमढ़ी का तो शिवराज सिंह चौहान कैबिनेट की बैठकें भी पचमढ़ी में हुई हैं। साल 2003 का विधानसभा चुनाव हारने से पहले भी एक बार कांग्रेस ने पचमढ़ी में बड़ी बैठक की थी। अब प्रदेश में खुद को मजबूत करने के लिए फिर पचमढ़ी रुख करने की तैयारी है। माना जा रहा है कि इस बार बैठक में पार्टी बूथ लेवल तक खुद को मजबूत करने की रणनीति पर विचार करेगी। बूथ समितियों की निगरानी और फॉलोअप पर भी चर्चा होगी। कांग्रेस संविधान बचाओ अभियान के तहत प्रदेश में 40 दिन तक अलग अलग कार्यक्रम भी करने वाली है। ये कार्यक्रम पचमढ़ी के अधिवेशन से पहले होंगे या बाद में फिलहाल इस पर चर्चा जारी है।

यह भी पढ़ें... News Strike: अब मोहन सरकार के फैसले पर जताई आपत्ति! नर्मदा में क्रूजिंग पर उमा भारती का ट्वीट

इन सब फैसलों से ये तो साफ हो ही जाता है कि कांग्रेस खुद को एक्टिव दिखाने की पुरजोर कोशिश कर रही है। इन कोशिशों को ठोस अंजाम तक ले जाने में पचमढ़ी की बैठक कितनी मददगार हो सकती है। ये देखना भी दिलचस्प होगा।

News Strike Harish Divekar | न्यूज स्ट्राइक | न्यूज स्ट्राइक हरीश दिवेकर

News Strike News Strike Harish Divekar न्यूज स्ट्राइक न्यूज स्ट्राइक हरीश दिवेकर कांग्रेस बीजेपी पचमढ़ी