News Strike : अपने ही पायलट प्रोजेक्ट देखने नहीं पहुंचे कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी? क्या ऐसे मजबूत होगा कांग्रेस का संगठन?

मध्यप्रदेश कांग्रेस संगठन कमजोर है। जीतू पटवारी और हरीश चौधरी जैसे नेता पायलट प्रोजेक्ट विदिशा नहीं संभाल पाए। राहुल गांधी भोपाल आकर संगठन मजबूती की बात करेंगे। सवाल है क्या नेता जिम्मेदारी निभाएंगे।

author-image
Harish Divekar
New Update
News-Strike

Photograph: (THESOOTR)

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

NEWS STRIKE : क्या मध्यप्रदेश, गुजरात बन चुका है। ये सवाल इसलिए नहीं पूछ रहे हैं क्योंकि यहां लगातार बीजेपी ही जीत रही है। इस सवाल का सबब है कांग्रेस का हाल। जो सत्ता में वापसी के लिए छटपटा तो रही है, लेकिन जतन कुछ नहीं कर रही। ले देकर जो कुछ प्लान करती है उसमें बाकी नेता तो छोड़िए खुद प्रदेशाध्यक्ष अपने हंड्रेड परसेंट योगदान देने से या कोशिश करने से चूक जाते हैं। 

आपको पता ही होगा कि राहुल गांधी खुद भोपाल आने वाले हैं। वो संगठन को मजबूत करने का मंत्र दें उससे पहले कांग्रेस को खुद से ही ये पूछना होगा कि क्या वो अपनी प्लानिंग को लेकर खुद ईमानदार है। मुझे इस मंशा पर शक हैं क्योंकि कांग्रेस ने पिछले एक साल में जितनी प्लानिंग की वो बहुत कामयाब साबित नहीं हुआ। अब तो कांग्रेस के ही एक वरिष्ठ नेता ये मान चुके हैं कि पार्टी में ऐसे स्लीपर सेल्स हैं जो कांग्रेस को ही नुकसान पहुंचा रहे हैं।

क्या नए चेहरों को मौका देना फायदेमंद रहा? 

लगातार हार का मुंह देख रही कांग्रेस को अब जाकर ये समझ में आया है कि संगठन को मजबूत करना ज्यादा जरूरी है। नेता चाहें लाख बड़े हो जाएं, लेकिन संगठन कमजोर हुआ तो सत्ता में वापसी मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है। इसी आस पर कांग्रेस ने इस बार बड़े बदलाव की हिम्मत जुटाई। कमलनाथ और दिग्विजय सिंह जैसे कद्दावर नेताओं को पीछे किया और नए चेहरों को मौका दिया। लेकिन क्या ये बदलाव क्या वाकई कांग्रेस के लिए अब तक फायदेमंद साबित हुआ है।

राहुल गांधी भोपाल आएं उससे पहले मैं कांग्रेस के स्थानीय नेताओं से ये सवाल पूछना चाहता हूं कि उन्होंने संगठन में बदलाव के बाद कितनी रणनीतियां तैयार की। पार्टी को आगे बढ़ाने के लिए जो भी योजनाएं बनाईं क्या उन पर पूरी मेहनत के साथ अमल किया। अगर किया तो उनका नतीजा क्या रहा।

ये खबर भी पढ़ें...

News Strike: बयान देने से पहले बोलना सीखेंगे BJP नेता, एक्सपर्ट देंगे नई टिप्स

कांग्रेस एमपी में भी अलाप रही स्लीपर सेल का राग 

आप यकीन मानिए खुद कांग्रेस के नेता भी कॉन्फिडेंटली ये नहीं कह सकते कि वो बीजेपी की जड़ें हिलाना तो दूर उन जड़ों में छोटा सा होल भी कर पाएं हैं या नहीं। ये बात सिर्फ हम नहीं कह रहे कांग्रेस के नेता भी ये मानते हैं कि खुद पार्टी ही इस प्रदेश में अपनी दुश्मन बनी हुई है। ठीक वैसे ही जैसे गुजरात कांग्रेस पर ये आरोप लगते हैं कि वो बीजेपी की कठपुतली बन गई है। वैसे ही इल्जाम कांग्रेस के ही नेता कांग्रेस पर लगा रहे हैं।
राहुल गांधी के दौरे के चंद घंटे पहले पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने बयान दिया कि कांग्रेस में मौजूद स्लीपर सेल को आईडेंटिफाई करने का मौका आ चुका है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में ऐसे कुछ नेता हैं जो बीजेपी को सारी इनफर्मेशन देते हैं और कांग्रेस का ही नुकसान करते हैं। अब ऐसे नेताओं को आइडेंटिफाई करने का वक्त आ चुका है। गुजरात कांग्रेस के लिए खुद राहुल गांधी स्लीपर सेल जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर चुके हैं। अब राहुल गांधी भोपाल आ रहे हैं तो कांग्रेस यहां भी स्लीपर सेल का राग अलाप रही है। पीसी शर्मा का इशारा किस तरफ है ये उन्होंने साफ नहीं किया।

ये खबर भी पढ़ें...

News Strike: चार नेताओं ने संभाली संगठन की कमान, नए प्रदेशाध्यक्ष की नियुक्ति तक करेंगे धुआंधार दौरे

संगठन महापर्व के मॉडल जिले विदिशा ही नहीं पहुंचे

हम बात कर रहे हैं प्रदेश के कुछ आला नेताओं की जिसमें जीतू पटवारी का नाम भी शामिल है। क्या वो वाकई कांग्रेस को आगे बढ़ाने या मजबूत बनाने का दृढ़ संकल्प रखते हैं। आपको याद होगा हमने कुछ दिन पहले अपने एक एपिसोड में बताया था कि संगठन महापर्व के तहत कांग्रेस संगठन मजबूत करने पर फोकस कर रही है। शुरुआत विदिशा जिले से होगी। जिसे मॉडल के तौर पर कांग्रेस तैयार रखेगी। इस बारे में आपको जरूरी डिटेल हमारे एपिसोड में मिल जाएगी। जिसकी लिंक डिस्क्रिप्शन बॉक्स में मौजूद है। इस जिले में कांग्रेस को सशक्त करने की जिम्मेदारी जिलाध्यक्ष को सौंपी गई थी। साथ ही जीतू पटवारी भी इसका हिस्सा बनने वाले थे।

मीनाक्षी नटराजन की पहल पर राजस्थान से विधायक हरीश चौधरी को भी इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई थी, लेकिन आपको ये जानकर हैरानी होगी कि अब तक न जीतू पटवारी और न हरीश चौधरी ने ये जरूरी समझा है कि वो विदिशा जाए और संगठन को मजबूत करने पर ध्यान दें या कुछ खास टिप्स देकर जाएं। क्या ऐसे में ये नेता हर लेवल के कार्यकर्ता को संगठन मजबूत करने का मैसेज दे सकते हैं।

ये खबर भी पढ़ें...

News Strike: शिवराज की पदयात्रा की टाइमिंग पर सवाल, प्रदेश से प्यार या कांग्रेस पर वार ?

अगस्त क्रांति मुहिम को एक-दो आंदोलन के बाद भूले

एक तरफ बीजेपी की सभाएं देखिए हर साल होने वाले प्रशिक्षण शिविरों में भी अमित शाह और जेपी नड्डा जैसे दिग्गज नेता आते हैं और कार्यकर्ताओं के बीच समय बिताते हैं औऱ टिप्स देते हैं। कांग्रेस में ठीक इसका उल्टा है। कांग्रेस ने खासतौर से संगठन को मजबूत करने की रणनीति बनाई और फिर उस पर अमल करना शुरू किया, लेकिन प्रदेश स्तर के दो जिम्मेदार नेताओं ने उसके लिए समय निकालना जरूरी नहीं समझा। ये एक ही उदाहरण ऐसा नहीं है। जिसके बाद हम ऐसे किसी नतीजे पर पहुंचे हैं। ऐसे और भी बहुत से उदाहरण हैं।

हम बात करते हैं पिछले साल में हुई अगस्त क्रांति की। जी हां, कांग्रेस ने अपनी मुहिम को यही पहचान दी थी। कांग्रेस की प्लानिंग थी कि वो इस क्रांति के तहत जनता से जुड़े मुद्दे उठाएगी और उन पर जमकर क्रांति करेगी ताकि लोगों की आवाज भी उठ सके और सही मुद्दे पर भी उठ सकें। आप खुद ही याददाश्त पर जोर देकर बताइए चंदा इक्का दुक्का आंदोलनों के अलावा आपको कोई क्रांतिकारी आंदोलन याद आता है जो कांग्रेस के जोश और साहस को दर्शाता हो।

ये खबर भी पढ़ें...

NEWS STRIKE: कुंवर विजय शाह के अभद्र बयान के बाद टला बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष के नाम का ऐलान ? क्या है बीजेपी की नई प्लानिंग

नेताओं को सोशल मीडिया फ्रेंडली होने के देंगे टिप्स

कांग्रेस ने इसके बाद हर जिले में संगठन मजबूत करने का ऐलान किया और जिलों पर टीम बनाने की बात भी की। ये बातें भी ठंडे बस्ते में ही पड़ी हुई हैं। बीच में खबर आई कि कांग्रेस के नेताओं को एआई की समझ बढ़ाने के लिए भी कहा गया है। इस बात का मतलब क्या है वो तो नहीं समझा जा सकता। पर ठीक है नई टेक्नॉलॉजी को समझ लेना चाहिए। अच्छी बात है। पर नेताओं को ये भी तो बताया जाना चाहिए कि उसके बाद करना क्या है। अब सुना है कि राहुल गांधी की क्लास के बाद कांग्रेस जून में ही एक और क्लास लगाने वाली है जिसमें नेताओं को सोशल मीडिया फ्रेंडली होने के टिप्स दिए जाएंगे। साथ ही एआई की समझ भी दी जाएगी। ये प्रयास भी कितना कारगर होता है देखते हैं। 

मजबूत विपक्ष का होना मजबूत लोकतंत्र का आधार 

अभी हमारा सवाल यही है कि भोपाल आ रहे राहुल गांधी संगठन सृजन अभियान के लिए भोपाल आ रहे हैं। संगठन को मजबूत करने की ये नई पहल है। क्या वो इस यात्रा में अपनी चुनी हुई टीम से ये सवाल कर पाएंगे कि संगठन की मजबूती के लिए वो कितने प्रतिबद्ध हैं। क्या वो सवाल पूछ पाएंगे कि खुद जीतू पटवारी और प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी को इस बात के लिए फटकार पाएंगे कि जिस जिले को मॉडल के रूप में चुना। वहां जाना उन्होंने अब तक जरूरी क्यों नहीं समझा। क्योंकि जब तक ये सवाल नहीं होंगे तब तक कांग्रेस शायद सशक्त नहीं होगी। एक मजबूत विपक्ष का होना एक मजबूत लोकतंत्र का आधार है। इसलिए इन सवालों का जवाब मिलना बेहद जरूरी है।

 News Strike Harish Divekar | न्यूज स्ट्राइक | न्यूज स्ट्राइक हरीश दिवेकर

अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃

🤝💬👩‍👦👨‍👩‍👧‍👧

जीतू पटवारी राहुल गांधी मध्यप्रदेश कांग्रेस न्यूज स्ट्राइक हरीश दिवेकर न्यूज स्ट्राइक News Strike Harish Divekar News Strike