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News Strike MP BJP State President Face Photograph: (thesootr)
मध्यप्रदेश में बीजेपी का अगला प्रदेशाध्यक्ष कौन होगा। इस सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अपनी पसंद का संकेत दे दिया है। इसके बाद भी प्रदेशाध्यक्ष पद को लेकर खींचतान जारी है। ये सवाल जितनी बार होता है। उतनी बार इस लिस्ट में दावेदारों के कई नए नाम शामिल हो जाते हैं। एक बार फिर ये चर्चा जोरों पर है कि बस चंद दिन में नए बीजेपी अध्यक्ष के नाम का ऐलान होगा। कौन इस रेस में सबसे आगे है चलिए जानते हैं और ऐलान होने में देरी क्यों संभव है। वो भी समझने की कोशिश करते हैं।
प्रदेशाध्यक्ष पर जल्दी फैसले की वजह निकाय चुनाव भी
बीजेपी बहुत तेजी से अपने संगठन को रिवाइव करने के मोड में आ गई है। जिलाध्यक्षों की नियुक्ति से ये शुरुआत हो चुकी है, लेकिन इस पद के लिए जो खींचतान मची है उसे देखते हुए बीजेपी अब प्रदेशाध्यक्ष पद पर भी जल्दी अहम फैसला ले सकती है। उसकी एक वजह आने वाले नगरीय निकाय चुनाव भी माने जा रहे हैं। इनमें हालांकि, अभी करीब दो साल का वक्त है।
पर पार्टी मान के चल रही है कि थोड़ा पहले बड़े बदलाव हो जाएं तो उसको लेकर हो रहे विरोध और गुटबाजी को सेटल किया जा सकता है। साथ ही नए प्रदेशाध्यक्ष और पूरे नए संगठन का तालमेल सत्ता के साथ पूरी तरह बैठ सकता है। इसलिए अब एक बार फिर वीडी शर्मा के बदलने की संभावनाएं तेज हो गई हैं।
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सामान्य या ब्राह्मण वर्ग से हो सकता है प्रदेशाध्यक्ष
प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा के कार्यकाल को काफी लंबा एक्सटेंशन मिल चुका है। सियासी गलियारों में ये अटकलें भी तेज हैं कि एक बार फिर उनके कार्यकाल का विस्तार होगा। क्योंकि अब तक उनका रिकॉर्ड बेहद शानदार रहा है। इसके बाद भी अलग बदलाव पर बात होती है तो कुछ नामों पर खासतौर से चर्चा हो सकती है। सबसे पहले बीजेपी को ये तय करना है कि वो किस वर्ग से अपना प्रदेशाध्यक्ष तय करे। प्रदेश में सीएम मोहन यादव पिछड़ा वर्ग से आते हैं।
इसलिए ये संभावनाएं जताई जा रही हैं कि प्रदेशाध्यक्ष सामान्य या ब्राह्मण वर्ग से ही हो सकता है। एक चर्चा ये है कि अंबेडकर के मुद्दे के गर्माने के बाद अब इसी को ध्यान में रखते हुए प्रदेशाध्यक्ष चुना जाएगा। मौजूदा जातिगत समीकरण देखें तो सीएम खुद पिछड़ा वर्ग से हैं। डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला, ब्राह्मण वर्ग से हैं। जगदीश देवड़ा एससी हैं और प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ब्राह्मण वर्ग से हैं। अब नया प्रदेशाध्यक्ष इस हिसाब से तय होगा जो इस जातिगत समीकरण को और भी ज्यादा मजबूत बनाएं।
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सामान्य वर्ग से नरोत्तम मिश्रा पड़ सकते हैं भारी
सबसे पहले बात करते हैं उस चेहरे की जो लंबे समय से इस दौड़ में शामिल है। ये नाम है नरोत्तम मिश्रा का। अगर इस बार की तरह पार्टी सामान्य वर्ग पर ही दांव खेलती है तो नरोत्तम मिश्रा ही सब पर भारी पड़ सकते हैं। वो पार्टी के सीनियरमोस्ट और सबसे एक्टिव नेताओं में से एक हैं। इसके अलावा वो पार्टी के दूसरे मापदंडों पर खरे उतर चुके हैं। इसलिए इस नाम को तरजीह दी जा सकती है। अगर पार्टी अंबेडकर वाले मुद्दे पर ज्यादा फोकस करती है तो फग्गन सिंह कुलस्ते बाजी मार सकते हैं। वो भी इस रेस के मजबूत केंडिडेट हैं। केंद्रीय मंत्री रहे हैं साथ ही लगातार लोकसभा चुनाव जीत रहे हैं। वो ये साबित कर चुके हैं कि कम से कम एमपी में वो अफने वर्ग का एक लोकप्रिय चेहरा हैं।
आदिवासी समुदाय में पकड़ वाले सुमेर सिंह भी वजनदार
इसी फेहरिस्त में सुमेर सिंह सोलंकी का नाम भी शामिल है। आदिवासी समुदाय में उनकी पकड़ भी अच्छी है और उनकी गिनती सेंसिबल नेताओं में भी होती है। उनके साथ एक प्लस प्वाइंट ये है कि वो संघ के भी करीबी हैं। इस लिस्ट में अरविंद सिंह भदौरिया का नाम भी आता है। जो क्षत्रिय समाज से आते हैं। इसके अलावा अरविंद सिंह भदौरिया अजय जामवाल और शिवप्रकाश की भी पसंद बने हुए हैं। इस नाते उनका पलड़ा भी भारी है। पर जो नेता इन सब पर भारी पड़ सकता है वो हैं हेमंत खंडेलवाल। जो बैतूल से विधायक हैं और सांसद भी रहे हैं। उनका नाम इस लिस्ट में नया माना जा सकता है पर उनका वजन सबसे ज्यादा साबित हो सकता है। वो सीएम मोहन यादव की पसंद बताए जा रहे हैं।
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इधर... बृजेंद्र प्रताप को वीडी, तोमर और शिवराज का समर्थन
एक और नाम इस लिस्ट में वजनदारी से आगे आया है वो नाम है पूर्व मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह का। बृजेंद्र प्रताप सिंह के नाम पर खुद वीडी शर्मा और नरेंद्र सिंह तोमर सहमत बताए जा रहे हैं। इस नाम को शिवराज सिंह चौहान का भी समर्थन मिला है। अटकलें ये भी हैं कि उनके नाम पर दिल्ली में एक बार की चर्चा हो भी चुकी है। असल में नरेंद्र सिंह तोमर के हवाले से ये कहा जा रहा है कि वो अरविंद भदौरिया को प्रदेशाध्यक्ष नहीं बनने देना चाहते। इसलिए बृजेंद्र सिंह तोमर का फेवर कर रहे हैं। अगर बीजेपी महिला फेस को इस बार आगे बढ़ाती है तो हिमाद्री सिंह का नाम भी कंसिडर किया जा सकता है। हिमाद्री सिंह कम उम्र की सांसद है। लोकप्रिय महिला फेस हैं साथ ही आदिवासी समुदाय से भी आती हैं। इस नाते उन्हें आगे लाकर बीजेपी एक तीर से दो निशाने भी लगा सकती है।
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वीडी शर्मा को फिर एक्सटेंशन मिलेगा या होगा नया चेहरा...
इन सब नामों पर चर्चा का दौर जारी है। दिल्ली स्तर तक ये चर्चा होने लगी है। हालांकि, ये ऐलान होने में वक्त लगने की भी संभावना बहुत ज्यादा है। फिलहाल पार्टी का पूरा फोकस दिल्ली चुनाव पर केंद्रित है। यूपी में कुंभ पर भी नजरें जमी हुई हैं। ऐसे में ये भी हो सकता है कि प्रदेशाध्यक्ष के ऐलान के लिए कुछ समय और लगे। जिसके बाद तय होगा कि वीडी शर्मा को फिर एक्सटेंशन मिलेगा या नया चेहरा बीजेपी संगठन का जिम्मा संभालेगा।
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