अरुण तिवारी, BHOPAL. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का मन अब एमपी से भर गया है। कमलनाथ अब मध्यप्रदेश छोड़ने का मन बना रहे हैं। सूत्रों की मानें तो कमलनाथ अब फिर से दिल्ली की राजनीति में सक्रिय होना चाहते हैं। ये अटकलें इसलिए लगाई जा रही हैं क्योंकि कमलनाथ ने एक डिनर पार्टी बुलाई है। इस पार्टी में कांग्रेस के सभी विधायकों और वरिष्ठ नेताओं को बुलाया गया है। इस डिनर पार्टी ने राजनीतिक गलियारों का पारा बढ़ा दिया है। सवाल ये भी उठने लगे हैं कि क्या डिनर पार्टी के जरिए कमलनाथ अपने विधायकों को अलविदा पार्टी देने जा रहे हैं। क्या है इस डिनर पार्टी और राज्यसभा का कनेक्शन। आइए समझने की कोशिश करते हैं।
क्या राज्यसभा जाना चाहते हैं कमलनाथ
कमलनाथ ने 13 फरवरी को अपने निवास पर डिनर पार्टी का आयोजन किया है। इस डिनर पार्टी में खासतौर पर विधायकों को बुलाया गया है। सूत्रों की मानें तो कमलनाथ अब राज्यसभा जाना चाहते हैं। मध्यप्रदेश से उनका मोहभंग हो गया है। यही कारण है कि उन्होंने विधायकों को अपने यहां डिनर पर बुलाया है। प्रदेश में राज्यसभा की पांच सीटें खाली हो रही हैं। विधायकों की संख्या के हिसाब से एक सीट कांग्रेस का मिलेगी। यह सीट राजमणि पटेल का कार्यकाल पूरा होने के बाद खाली हो रही है। कमलनाथ इस सीट पर उम्मीदवार बन राज्यसभा जाना चाहते हैं। विधायकों की सहमति और समर्थन हासिल करने के लिए ही इस डिनर पार्टी का आयोजन किया गया है।
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कमलनाथ की सोनिया से मुलाकात
हाल ही में दिल्ली में कमलनाथ की कांग्रेस की पूर्व प्रमुख सोनिया गांधी से मुलाकात हुई। सूत्रों के मुताबिक इस मुलाकात में कमलनाथ ने सोनिया गांधी से राज्यसभा जाने के संबंध में बातचीत की। उन्होंने छिंदवाड़ा से नकुलनाथ की उम्मीदवारी और राज्यसभा से खुद के जाने की इच्छा जताई।
कांग्रेस में एक अनार सौ बीमार की स्थिति
कांग्रेस में एक अनार सौ बीमार की स्थिति है। राज्यसभा की एक सीट के लिए प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी, पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव, पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराजन, पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल दावेदार हैं। कमलनाथ ने अपनी डिनर पार्टी में इन नेताओं के साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और अन्य वरिष्ठ नेताओं को भी बुलाया है।
अल्पसंख्यक वर्ग ने मांगे लोकसभा के चार टिकट
वहीं पीसीसी में अल्पसंख्यक विभाग की बैठक हुई। इस बैठक में अल्पसंख्यक विभाग के नेताओं ने कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी से लोकसभा में प्रतिनिधित्व की मांग की है। अल्पसंख्यकों ने अपने नेताओं के लिए भोपाल, सागर, सतना और खंडवा की टिकट मांगी है। कांग्रेस की तरफ से लोकसभा जाने वाले आखिरी अल्पसंख्यक नेता असलम शेरखान थे जो बैतूल से चुनाव लड़े थे।