अरुण तिवारी, BHAOPAL. मामा का घर यानी पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का सरकारी बंगला 1100 वर्ग मीटर में फैला है। इस बंगले पर पिछले दो साल में तीन करोड़ से ज्यादा खर्च किए गए हैं। यह जानकारी कांग्रेस विधायक देवेंद्र सखवार के सवाल के लिखित जवाब में पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह ने दी। जो पैसा खर्च किया गया है वो अतिरिक्त निर्माण, साज सज्जा और बिजली पर खर्च किए गए हैं। यहां पर सवाल उठता है कि बच्चों के मामा और लाड़ली बहनों के भाई उनके टैक्स के पैसे को अपनी सुविधा पर इस तरह क्यों उड़ा रहे हैं।
सबसे बड़ा मामा का घर
सरकारी नियम के मुताबिक पूर्व मुख्यमंत्री को सरकारी बंगला मिलता है, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दो बंगलों को एक बनाकर अपना आवास बनाया। इसका इंतजाम उन्होंने अपने मुख्यमंत्री रहते ही कर लिया। 74 बंगले स्थित बी-8 उनको आवंटित था। उन्होंने पास के बंगले बी-9 को भी मिला लिया। यह बंगला पहले पूर्व उप मुख्यमंत्री और पूर्व नेता प्रतिपक्ष जमुना देवी का रहा है। यह दो बंगले मर्ज हुए और उन पर खूब पैसा खर्च हुआ। शिवराज सिंह चौहान जब सीएम पद से हटे तो इसी सरकारी आवास में रहने लगे। बी-8 का एरिया 774 वर्ग मीटर है और बी 9 का क्षेत्रफल 371 वर्ग मीटर है। इस तरह इस बंगले का कुल एरिया 1145 वर्ग मीटर हो गया। यानी सरकारी बंगलों में सबसे शिवराज सिंह चौहान यानी मामा का घर हो गया।
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बंगले को आलीशान बनाने बेतहाशा खर्च
दो बंगलों को एक कर उसे आलीशान बनाने में शिवराज सिंह चौहान ने बेतहाशा पैसा खर्च किया। यह सरकारी पैसा उन टैक्स पेयर का था जिनको शिवराज, भाई-बहन और भांजे-भांजी कहते हैं। विधानसभा से मिली जानकारी के अनुसार पिछले दो साल में इस बंगले के अतिरिक्त निर्माण, साज सज्जा और बिजली पर 3 करोड़ 10 लाख रुपए खर्च किए गए। इन दो साल से पहले के दो सालों में सीएम हाउस पर 26 करोड़ और 74 बंगले के इस सरकारी आवास पर 1 करोड़ 64 लाख रुपए खर्च किए गए।
बंगले का बिजली बिल सवा लाख रुपए महीना
जब शिवराज सिंह चौहान सीएम हाउस में रहते थे तब इस बंगले का दो साल का बिजली बिल 28 लाख रुपए आया यानी सवा लाख रुपए महीने। ऐसा है मामा का घर। मामा का ये आलीशान घर आम आदमी के टैक्स के पैसे खर्च कर बना है। यहां पर सवाल यह उठता है कि यह कैसी आम आदमी की सरकार है जो अपने बंगले की साज सज्जा पर आम आदमी के टैक्स के करोड़ों रुपए बेतकल्लुफी से उड़ाए जा रहे हैं।