महापौर बोले- लाड़ली बहना योजना के कारण समय पर और पूरी नहीं मिली राशि

छह माह में लाड़ली बहना योजना के कारण चुंगी का पैसा जो समय पर मिलना था वह नहीं मिला और कम मिला है। हालांकि, फिर इंदौर महापौर ने बात को संभाला और कहा कि निगम भी समाज के अंतिम व्यक्ति के लिए हैं और यह योजना भी सवा करोड़ महिलाओं के लिए है। राजनीति

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Jitendra Shrivastava
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इंदौर नगर निगम की बैठक में बोलते हुए महापौर।

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संजय गुप्ता, INDORE. पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान की लाड़ली बहना योजना को लेकर इंदौर महापौर का दुख सामने आया। वर्तमान सीएम डॉ. मोहन यादव की सरकार के गले की फांस तो बनी ही, इससे नगर निगम भी प्रभावित हो रहे हैं। इंदौर महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने खुद इस योजना को लेकर मेयर परिषद बैठक में कहा कि साल 2023 से जनवरी 2024 तक उन्हें चुंगी क्षतिपूर्ति योजना में 142 करोड़ रुपए कम मिले हैं। छह माह में लाड़ली बहना योजना के कारण चुंगी का पैसा जो समय पर मिलना था वह नहीं मिला और कम मिला है। हालांकि, फिर महापौर ने बात को संभाला और कहा कि निगम भी समाज के अंतिम व्यक्ति के लिए हैं और इस योजना भी सवा करोड़ महिलाओं के लिए है। महापौर ने यह जवाब नेता प्रतिपत्र चिंटू चौकसे द्वारा निगम की माली हालत खराब होने के सवाल पर दिया था। 

महापौर ने कहा BJP हो या कांग्रेस सरकार, समय पर नहीं दी राशि

महापौर ने यह भी खुले रूप से कहा कि बीजेपी सरकार रही हो या कमलनाथ की कांग्रेस सरकार, लेकिन जो इंदौर नगर निगम की हक की राशि थी वह हमें राज्य सरकार से नहीं मिली। कमलनाथ सरकार ने तो प्रतिमाह 45 करोड़ रुपए निगम को मिलते थे उसे घटाकर 37 करोड़ रुपए कर दिए। 

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हक के पैसे मांगने तीन बार सीएम शिवराज के पास गया

महापौर ने यह भी कहा कि हक मांगने में बुराई नहीं है। मैंने तीन बार पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के सामने निगम की राशि की मांग की और पत्र भी दिया। वर्तमान सीएम डॉ. मोहन यादवजी को भी ससम्मान इसकी मांग कर चुका हूं। 

महापौर का जोर यह मोहन यादव की सरकार है

मेयर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि यह मोहन यादव की सरकार है। टीडीआर पॉलिसी आई, हुकमचंद मिल का मसला सुलझा। हालांकि, नेता प्रतिपक्ष ने सीएम यादव के लिए आपत्तिजनक शब्द कहे। इस पर विरोध हुआ। फिर मेयर ने कहा कि मेरा ध्यान मांगने की जगह निगम को आत्मनिर्भर बनाने पर है। हुकमचंद मिल प्रोजेक्ट से लाभ में 50 फीसदी यानि करीब 600-700 करोड़ रुपए निगम को मिलेगा। इसके अलावा नल कनेक्शन वैध करने, टैक्स रिफार्म, हाल ही में सीएम नो जो टाउन प्लानिंग के अधिकार निगम को देने की बात कही है, उस पर काम हो रहा है। उससे इन सभी से निगम की हालत बेहतर होगी। जब मेरा कार्यकाल पूरा होगा तो निगम के खाते में राशि छोड़कर जाएंगे।

चार करोड़ का साउंड सिस्टम हो गया फेल

उधर परिषद का चार करोड़ का साउंड सिस्टम पहले ही दिन फेल हो गया। मेयर, नेता प्रतिपक्ष और पार्षदों को हाथ में माइक लेकर बोलना पड़ा। महापौर ने कहा कि उम्मीद है अगली बार साउंड सिस्टम बेहतर होगा। 

परिषद में मोदी-मोदी, जय श्रीराम के नारे के साथ 400 पार गूंजा

  • परिषद के दौरान बार-बार मोदी-मोदी के नारे भी लगे। साथ ही राम मंदिर पर धन्यवाद प्रस्ताव पर भी बहस हुई। इस दौरान जय श्रीराम के नारे गूंजते रहे। वहीं अबकी बार 400 पार के भी नारे बीजेपी पार्षद लगाते रहे। 
  • हंगामे के दौरान पार्षद निरंजन गुड्‌डू ने कहा कि चिंटू भाई आप बहुत ही शालीनता से बोल सकते हो, लेकिन हाथ हिला कर के आप बोलते हो यह ठीक नहीं है।
  • मेयर के जवाब देते समय फौजिया शेख अलीम मोबाइल पर बात कर रही थी, तो महापौर ने कहा कि सदन में मोबाइल पर बात नहीं की जाती है। यहां महत्वपूर्ण बात होती है। मोबाइल पर बात करना है तो बाहर चले जाएं। क्योंकि वहां नेटवर्क भी अच्छा मिलेगा। 
  • इस पर अलीम ने कहा कि- रूबीना इकबाल खान ने सवाल किए तो लगे मोदी-मोदी के नारे। इस पर खान ने कहा कि सवाल के जवाब नहीं देने आते तो मोदी-मोदी करने लगते हैं।
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