Relationship Tips: फाइनेंशियल इंडिपेंडेंस ने बदल दी कैसे बदल दी शादी की डेफिनिशन

आर्थिक स्वतंत्रता मिलने पर लड़कियों के लिए शादी का 'जरूरी टैग' खत्म हो जाता है। अब वे फाइनेंशियल सिक्योरिटी के लिए नहीं, बल्कि खुशी और पर्सनल चॉइस के लिए शादी करती हैं, जिससे उनके जीवन में बैलेंस आता है।

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Kaushiki
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Relationship Tips: पुराने समय में, भारतीय समाज में लड़कियों के लिए शादी को एक जरूरी टैग माना जाता था। अक्सर, यह इसलिए होता था क्योंकि लड़की के पास आर्थिक सुरक्षा का कोई और रास्ता नहीं होता था।

शादी को उनके जीवन की सबसे बड़ी सामाजिक और आर्थिक सीढ़ी माना जाता था। जैसे-जैसे महिलाएं फाइनेंशियल इंडिपेंडेंस हासिल कर रही हैं, शादी का यह पूरा मतलब ही बदल गया है। अब शादी एक जरूरत नहीं, बल्कि एक पसंद बन चुकी है। अब लड़कियां शादी को अपनी शर्तों पर देखती हैं।

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क्यों हट जाता है जरूरी टैग

  • सुरक्षा का स्रोत बदलना

    पहले लड़कियों की सुरक्षा और फ्यूचर की प्लानिंग पति या पिता पर निर्भर करती थी। आर्थिक रूप से स्वतंत्र होने के बाद, लड़कियां अपनी खुद की सिक्योरिटी खुद बना सकती हैं। वे अपने लिए घर खरीद सकती हैं, निवेश कर सकती हैं और भविष्य की चिंता खुद मैनेज कर सकती हैं। इसलिए, अब उन्हें आर्थिक कारणों से शादी करने की कोई मजबूरी महसूस नहीं होती।

  • सामाजिक दबाव में कमी

    जब एक लड़की कमाई करने लगती है, तो समाज और परिवार का दबाव कम हो जाता है। उसकी कमाई उसे फैसले लेने की आजादी देती है। अब परिवार भी 'बेटी की जिम्मेदारी' जल्दी खत्म करने के लिए जल्दबाजी नहीं करता है। आर्थिक स्वतंत्रता के कारण, वह लोगों के सवालों का जवाब आसानी से दे पाती है।

महिलाओं का आत्मनिर्भर होना क्यों है जरूरी?

  • बराबरी का रिश्ता

    फाइनेंशियल इंडिपेंडेंस एक रिश्ते में बराबरी लाती है। अब लड़की किसी पर निर्भर नहीं रहती है, बल्कि वह रिश्ते में बराबर की हिस्सेदार बनती है। ऐसे में, वह सिर्फ उसी इंसान से शादी करती है जिसके साथ वह इमोशनल और इंटेलेक्चुअल कनेक्शन महसूस करती है। यह बदलाव रिश्ते को मजबूत और बैलेंस बनाता है।

  • पर्सनल ग्रोथ पर फोकस

    आज की आर्थिक रूप से स्वतंत्र लड़कियां पहले अपने करियर (healthy lifestyle) और पर्सनल ग्रोथ पर फोकस करती हैं। वे तब तक शादी नहीं करती हैं जब तक वे पूरी तरह तैयार न हों। उनके पास अब लाइफ पार्टनर चुनने के लिए काफी समय होता है। वे अपनी शर्तों पर जीना पसंद करती हैं, न कि सामाजिक दबाव में।

महिलाओं में आर्थिक आत्मनिर्भरता का मानसिक स्वास्थ्य पर कैसे पड़ता है असर |  Role of Financial Conditions for Physical and Mental Health in Women in  Hindi | role of financial condition for

  • फाइनेंशियल फ्रीडम का सुख

    खुद की मेहनत से कमाई करने का एक अलग ही सुख होता है। जब लड़की के पास फाइनेंशियल फ्रीडम होती है, तो वह अपनी ज़रूरतों और शौक को खुद पूरा कर सकती है। वह अब शादी को फाइनेंशियल सपोर्ट का ज़रिया नहीं मानती। यह खुद पर भरोसा भी बढ़ाता है।

डिस्क्लेमर: इस आर्टिकल में दी गई जानकारी पूरी तरह से सही या सटीक होने का हम कोई दावा नहीं करते हैं। ज्यादा और सही डिटेल्स के लिए, हमेशा उस फील्ड के एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।

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