Gen Z Relationships: क्या कहती है नई पीढ़ी के लिए प्यार और कमिटमेंट की नई रिलेशनशिप डिक्शनरी

आज की Gen Z पीढ़ी मोनोगैमी को चुनौती देते हुए पॉलीमोरी और ओपन रिलेशनशिप्स जैसे नए मॉडल अपना रही है। इन रिश्तों की सफलता का आधार पर्सनल फ्रीडम और ऑथेंटिसिटी को प्राथमिकता देते हुए कमिटमेंट के अर्थ को बदल रहा है।

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Kaushiki
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Gen Z Relationships: आजकल Gen-Z रिलेशनशिप्स को लेकर एकदम आउट-ऑफ-द-बॉक्स तरीके से सोच रही है। अब वह पुराने मोनोगैमी यानी एक-संबंध के ट्रेडिशनल ढांचे को तोड़ने में लगी हुई है। 

पहले रिलेशनशिप्स का मतलब सिर्फ एक पार्टनर के साथ ही प्यार और कमिटमेंट होता था। लेकिन, अब चीजें तेजी से बदल रही हैं। पॉलीमोरी और ओपन रिलेशनशिप्स जैसे कॉन्सेप्ट्स यंगस्टर्स के बीच पॉपुलर हो रहे हैं।

ये बदलाव ट्रांसपेरेंसी और खुली बातचीत पर बेस्ड है। Gen Z का मानना है कि प्यार और कमिटमेंट सिर्फ एक इंसान तक सीमित नहीं रहना चाहिए। यूथ अब अपने इमोशनल और रोमांटिक नीड्स को ज्यादा खुलकर एक्सप्रेस कर रहा है।

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पॉलीअमोरी vs ओपन रिलेशनशिप्स

ये दोनों टर्म्स सुनने में एक जैसे लग सकते हैं, पर इनमें कुछ बड़ा फर्क है। पॉलीमोरी का मतलब होता है एक साथ एक से ज्यादा लोगों के साथ रोमांटिक और इमोशनल रिलेशनशिप में होना। इसमें सभी पार्टनर्स की मर्जी और सहमति शामिल होती है। इसमें कमिटमेंट और प्यार एक से ज्यादा लोगों के लिए गहरा होता है।

दूसरी ओर, ओपन रिलेशनशिप्स का मतलब है कि मेन पार्टनरशिप में रहते हुए भी दोनों पार्टनर्स को सेक्सुअल फ्रीडम होती है। वे दूसरे लोगों के साथ फिजिकल इंटिमेसी कर सकते हैं।

उनका इमोशनल और कमिटेड बॉन्ड अपने प्राइमरी पार्टनर के साथ ही बना रहता है। Gen Z इन मॉडल्स को इसलिए अपना रहा है क्योंकि वे ईमानदारी और खुद की पर्सनल फ्रीडम को बहुत वैल्यू देते हैं।

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खुलकर बातचीत और सहमति है जरूरी

इन नॉन-मोनोगैमस रिलेशनशिप्स की सफलता के लिए एक चीज सबसे ज्यााद जरूरी है- खुली बातचीत और सहमति। बिना किसी पार्टनर को धोखा दिए या अंधेरे में रखे, हर नियम और सीमा को तय किया जाता है।

Gen Z इस बात को समझता है कि ट्रांसपेरेंसी  ही इन जटिल रिलेशनशिप्स को चला सकती है। अंडरस्टैंडिंग और विश्वास इन रिश्तों की नींव होते हैं।

ये एक तरह से ट्रेडिशनल रूल्स (communication) को चैलेंज करना है। एक्सपर्ट्स भी मानते हैं कि युवा अब रिलेशनशिप्स में ज्यादा ऑथेंटिक होना चाहते हैं। वे सिर्फ सामाजिक दबाव में आकर किसी एक ढांचे में फिट नहीं होना चाहते हैं।

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आगे क्या

इस बदलाव (healthy lifestyle) से रिलेशनशिप्स का फ्यूचर अब सिर्फ एक तरह का नहीं रहेगा। Gen Z (change in lifestyle) ने रिलेशनशिप्स के नियमों को रीराइट करना शुरू कर दिया है। ये नए मॉडल उन्हें इमोशनल फुलफिलमेंट और आजादी देते हैं।

हालांकि, मोनोगैमी आज भी ज्यादातर लोगों के बीच पॉपुलर है। लेकिन पॉलीमोरी और ओपन रिलेशनशिप्स अब समाज में नॉर्मल होते जा रहे हैं। Gen Z रिलेशनशिप डाइवर्सिटी को स्वीकार कर रहा है। ये एक बड़ा कल्चरल शिफ्ट है जो कमिटमेंट के मतलब को ही बदल रहा है।

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