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Photograph: (the sootr)
RAIPUR.छत्तीसगढ़ की खाकी इन दिनों विवादों में है। खाकी पर आरोपों के गंभीर दाग लगे हैं। आरोप सही हैं या गलत यह तो जांच के बाद पता चलेगा लेकिन जांच कमेटी की साख पर ही सवाल खड़े हो रहे हैं। जांच कमेटी के सदस्य खुद ही सीबीआई के निशाने पर आ चुके हैं। यह पूरा खेल रायपुर की कमिश्नरी से जोड़कर देखा जा रहा है।
वहीं एक आईपीएस को मंत्रीजी के पीए की पत्नी से अदावत भारी पड़ गई और उनसे कप्तानी छिन गई। पीसीसी में जल्द ही बम फूटने वाला है। दीवाली भले ही निकल गई हो लेकिन गई हो लेकिन जिला अध्यक्ष पद के दावेदारों ने बम संभाल कर रखे हैं। छत्तीसगढ़ के राजीनीतिक और प्रशासनिक गलियारों की ऐसी ही अनसुनी खबरों के लिए पढ़िए द सूत्र का साप्ताहिक कॉलम सिंहासन छत्तीसी।
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खाकी पर बवाल,साख पर सवाल :
छत्तीसगढ़ पुलिस मुख्यालय में यौन उत्पीड़न के एक मामले की जांच को लेकर बवाल मचा है। एक वरिष्ठ आईपीएस और एक महिला सब इंस्पेक्टर दंपत्ति के बीच आरोप – प्रत्यारोप और ब्लैकमेलिंग मामले की जांच का ज़िम्मा जिस कमेटी को सौंपा गया है, उस दो सदस्यीय कमेटी की निष्ठा को लेकर सवालिया निशान लग रहे हैं।
इस कमेटी में शामिल एक अधिकारी की कार्यप्रणाली संदेह के दायरे में बताई जाती है। वो इसलिए क्योंकि उन पर सीबीआई की नजर पड़ चुकी है। यह पूरा मामला पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू किए जाने की क़वायदों से जोड़कर भी देखा जा रहा है। यह भी बताया जा रहा है, कि यौन उत्पीड़न मामले की जांच को लेकर पुलिस मुख्यालय का दरवाज़ा खटखटाने वाले IG का नाम रायपुर के नए पुलिस कमिश्नर की फेहरिस्त में शामिल था।
कुछ तो यह भी कह रहे हैं कि इसीलिए इस समय यह बम फोड़ा गया है। आरोप, ब्लैकमेलिंग और जांच की पूरी स्क्रिप्ट इसी को ध्यान में रखकर लिखी गई है। कहा तो ये भी जा रहा है कि पर्दे के पीछे पिछले मुखिया के करीबी लोग शामिल हैं जो प्रशासन में मुख्य पदों पर बैठे हुए हैं।
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मंत्री के पीए की पत्नी पर तिरछी नजर पड़ी भारी :
छत्तीसगढ़ सरकार ने हाल ही में पुलिस विभाग में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल किया है। गृह विभाग ने 4 जिलों के पुलिस अधीक्षकों समेत 7 IPS अधिकारियों का ट्रांसफर आदेश जारी किया। खबर यह है कि इस ट्रांसफर ऑर्डर एक आईपीएस की पुलिस कप्तानी छिन गई है। उसके पीछे का कारण मंत्रीजी के पीए की पत्नी पर उनका तिरछी नजर डालना है।
चर्चा है कि मंत्रीजी के गृह जिले के पुलिस कप्तान को मंत्री के पीए पर एफआईआर के लिए हटाया है। पीए की पत्नी का सड़क पर केक काटते हुए वीडियो वायरल हुआ था। हाईकोर्ट के आदेश की वजह से एफआईआर दर्ज की गई। इसी से मंत्री एसपी से नाराज थे। यही ट्रांसफर की वजह बनी। अब वजह क्या है ये तो ट्रांसफर करने वाले ही जानें लेकिन यह चर्चा तो गलियारों में तेजी से घूम रही है।
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छत्तीसगढ़ कांग्रेस में बड़ा फेरबदल: नए जिलाध्यक्षों की नियुक्ति में लागू होगा उदयपुर फॉर्मूला
जिला अध्यक्षों की होगी छमाही परीक्षा :
अब कांग्रेस के जिला अध्यक्षों की भी छमाही परीक्षा होगी। यानी हर छह महीने में उनको टेस्ट से गुजरना होगा। कांग्रेस ने नए जिला अध्यक्षों की तैनाती के पहले यह फरमान जारी कर दिया है। जो परीक्षा में पास वो आगे काम करेगा वरना आउट। छत्तीसगढ़ कांग्रेस संगठन में इस बार बड़े बदलाव की तैयारी है।
पार्टी के 41 जिलाध्यक्षों में से 5 पदाधिकारियों को दोबारा मौका मिल सकता है। ये वही नेता हैं, जिनकी नियुक्ति करीब छह महीने पहले की गई थी। हालांकि, उस समय कुल 11 जिलाध्यक्ष बनाए गए थे, लेकिन कुछ जिलों का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं रहने के कारण उनमें फेरबदल की संभावना है।
वहीं, बाकी 33 जिलों में नए अध्यक्षों की नियुक्ति की जाएगी। संगठन को मजबूत और सक्रिय बनाने के लिए कांग्रेस इस बार ‘परफॉर्मेंस बेस्ड सिस्टम’ अपना रही है, जिसके तहत हर छह महीने में जिलाध्यक्षों के कामकाज की समीक्षा की जाएगी।
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पीसीसी में फूटेगा बम :
दीवाली भले ही निकल गई हो लेकिन कांग्रेस के नेताओं ने बम संभाल कर रखे हैं। यह बम तब फूटेंगे जब जिला अध्यक्षों की सूची जारी होगी। जो बन जाएंगे वे खुशी में बम फोड़ेंगे जो नहीं बन पाएंगे वे गुस्से में बम फोड़ेगे। पीसीसी में जिला अध्यक्षों को लेकर जमकर घमसान मचा हुआ है।
कांग्रेस के कुनबे में एक बार फिर कलह मच गई है। जिला अध्यक्ष पद को लेकर घमासान मचा है। कांग्रेस की कलह अब सतह पर आने लगी है। दावेदार सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। धोखा और गद्दार, पीट में छुरा और ना जाने कैसे कैसे शब्दों का इस्तेमाल हो रहा है। अब जब दावेदारों में इतनी नाराजगी है तो फिर बम तो फूटने ही वाले है।
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