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Raipur. छत्तीसगढ़ कांग्रेस अब अपने संगठनात्मक ढांचे में बड़ा फेरबदल करने जा रही है। पार्टी इस बार उदयपुर चिंतन शिविर में तय किए गए ‘एक व्यक्ति, एक पद’ फॉर्मूले को पूरी तरह लागू करेगी। यानी अब किसी भी नेता को दो पद नहीं मिलेंगे और पुराने पदाधिकारियों को रिपीट नहीं किया जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक, नए जिलाध्यक्षों की नियुक्ति में इस फॉर्मूले का सख्ती से पालन किया जाएगा। पार्टी का फोकस अब युवाओं, महिलाओं और पिछड़ा वर्ग के नेताओं को प्रमुख जिम्मेदारियां देने पर है।
नए संगठन की रूपरेखा
उदयपुर सम्मेलन में कांग्रेस ने तय किया था कि 50% टिकट 50 साल से कम उम्र वालों को दिया जाएगा, 40% पदों पर महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी, और पिछड़े वर्ग व सामाजिक नेतृत्व को प्राथमिकता दी जाएगी। पार्टी के सूत्रों के अनुसार, इस बार चेहरों का पूरा बदलाव देखने को मिल सकता है। कई जिलों में लंबे समय से बैठे पदाधिकारियों को हटाया जा सकता है।
नेताओं के साथ समाज की राय भी ली जा रही
रायपुर ग्रामीण में कांग्रेस (CG Congress) के पर्यवेक्षक प्रफुल्ल गुडाधे ने न केवल दावेदारों से वन-टू-वन चर्चा की, बल्कि सामाजिक संगठनों, मंदिर-मठों के पुजारियों, व्यापारियों और पत्रकारों से भी फीडबैक लिया। कांग्रेस इस बार गुटबाजी या सीनियारिटी के बजाय जनता में लोकप्रियता और जमीनी पकड़ को प्राथमिकता दे रही है। हर जिले से 6-6 नामों का पैनल तैयार कर AICC को भेजा जाएगा, और वहीं से अंतिम नाम तय किए जाएंगे।
बिहार चुनाव के बाद होगी घोषणा
जानकारी के अनुसार, बिहार विधानसभा चुनाव के बाद छत्तीसगढ़ के नए जिलाध्यक्षों की सूची जारी हो सकती है। जहां आम सहमति नहीं बनेगी, वहां AICC तीन नामों पर विचार करेगी और सबसे उपयुक्त व्यक्ति को चुनेगी।
चेहरों की अदला-बदली या संगठन की सर्जरी?
पार्टी के अंदर से यह चर्चा भी उठ रही है कि क्या यह सिर्फ चेहरों की अदला-बदली होगी या संगठन की वास्तविक सर्जरी। कुछ पुराने चेहरों के नाम फिर से चर्चा में हैं, जिससे सवाल उठने लगे हैं कि क्या पार्टी अपने ही उदयपुर फॉर्मूले पर खरी उतरेगी।
महिलाओं की भागीदारी पर सबकी नजर
कांग्रेस ने यूपी चुनाव में 40% टिकट महिलाओं को देने का वादा किया था। अब सभी की निगाहें इस बात पर हैं कि छत्तीसगढ़ में जिलाध्यक्षों की लिस्ट में महिलाओं को कितना प्रतिनिधित्व मिलेगा। अगर पार्टी ने सच में युवाओं और महिलाओं को आगे लाया, तो यह संगठन के इतिहास में अहम और साहसिक फैसला होगा।
उदयपुर अधिवेशन बनेगा नियुक्ति की अहम कड़ी
कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि - “कांग्रेस के उदयपुर सम्मेलन में जो फैसले हुए थे, जिलाध्यक्षों की नियुक्ति में उनका ध्यान रखा जाएगा। मंडल अध्यक्षों के क्राइटेरिया की तरह, यह नियुक्तियां भी उसी लाइन पर होंगी। उदयपुर अधिवेशन इन नियुक्तियों की अहम कड़ी साबित होगा।”