मध्यप्रदेश में महज 2 सीटों पर कांग्रेस ने उतारे मुस्लिम प्रत्याशी, पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी की चेतावनी को भी किया नजरअंदाज

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Chandresh Sharma
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मध्यप्रदेश में महज 2 सीटों पर कांग्रेस ने उतारे मुस्लिम प्रत्याशी, पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी की चेतावनी को भी किया नजरअंदाज

BHOPAL. मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं, नतीजा 3 दिसंबर को आना है, लेकिन नतीजे से पहले ही एक बात तो तय है कि मध्यप्रदेश में मुसलमानों को उनका वाजिब प्रतिनिधित्व मिलना असंभव है। कांग्रेस ने 230 विधानसभा सीटों में महज दो सीटों पर मुस्लिम प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतारा है, वहीं बीजेपी ने अपनी तय रणनीति के अनुसार एक भी मुसलमान को टिकट नहीं दिया है। मध्यप्रदेश में मुस्लिम आबादी 7 फीसदी है, बावजूद इसके विधानसभा सीटों में कांग्रेस ने महज उन्हें दो ही सीटें दी हैं।

अजीज कुरैशी की चेतावनी का भी असर नहीं

बता दें कि पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी ने राजीव गांधी की जयंती के मौके पर बेबाक बयान देते हुए कह दिया था कि कांग्रेस समेत हर राजनैतिक दल को यह समझ लेना चाहिए कि मुसलमान उनके गुलाम नहीं हैं। बकौल अजीज कुरैशी मध्यप्रदेश में मुस्लिम समुदाय न केवल असंतुष्ट है बल्कि अपमानित और उपेक्षित भी महसूस कर रहा है। उन्हें लगने लगा है कि राष्ट्र और इसके निर्माण में उनका कोई महत्व ही नहीं है। अजीज कुरैशी ने इस बात पर भी रजामंदी जताई कि बीजेपी की बढ़त ने ही कांग्रेस को भी मुस्लिम प्रत्याशी उतारने से परहेज करने पर मजबूर किया है।

यह है कांग्रेस की टिकटों का गणित

ओबीसी के हित की बात करने वाली कांग्रेस भले ही जातिगत जनगणना का मुद्दा उठा रही हो लेकिन टिकट वितरण में उसने ओबीसी वर्ग के साथ भी दोयम व्यवहार किया है। 230 विधानसभा सीटों में से महज 62 टिकट ओबीसी वर्ग को दिए गए हैं जबकि राजपूत और ब्राम्हणों के हिस्से 80 टिकट आई हैं। अनुसूचित जाति और जनजाति की सुरक्षित सीटों के चलते उसने एसट को 48 और एससी को 34 टिकटें दी हैं। इस बीच मुस्लिम प्रत्याशियों को महज दो सीटों पर उतारा गया है। जिसमें भोपाल उत्तर और भोपाल मध्य की सीटें हैं।

लगातार घटते गए मुस्लिम प्रत्याशी

बीते चुनावों पर नजर डाली जाए तो साल 2013 में कांग्रेस ने 5 मुस्लिम उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा था, साल 2018 में मुस्लिम प्रत्याशियों की संख्या घटकर 3 पर आ गई और इस मर्तबा के विधानसभा चुनावों में आंकड़ा 2 तक सिमट गया है। वहीं बीजेपी की बात करें तो उसने 2013 और 2018 में एक-एक मुस्लिम उम्मीदवार मैदान में उतारा था, जबकि इस मर्तबा किसी भी मुस्लिम को प्रत्याशी नहीं बनाया गया है।





मुसलमान प्रत्याशी से परहेज बीजेपी ही नहीं कांग्रेस को भी परहेज मुसलमानों को टिकट नहीं MP News Avoiding Muslim candidates not only BJP but Congress also avoiding Muslim candidates No tickets to Muslims एमपी न्यूज़
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