इंदौर विकास प्राधिकरण की सीएम से शिकायत, अयोध्यापुरी, स्कीम 171 और तुलसीनगर के रहवासी पहुंचे थे मिलने, मिला आश्वासन

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Rahul Garhwal
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इंदौर विकास प्राधिकरण की सीएम से शिकायत, अयोध्यापुरी, स्कीम 171 और तुलसीनगर के रहवासी पहुंचे थे मिलने, मिला आश्वासन

संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर विकास प्राधिकरण (IDA) पर शहर के सबसे बड़े भूमाफिया के आरोप पहले ही लगते रहे हैं। अब इससे परेशान रहवासियों ने जन आशीर्वाद यात्रा के बाद बुधवार रात को रेसीडेंसी में सीएम शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात कर IDA के रवैये की शिकायत की।

'हम इंदौर-भोपाल के बीच में दौड़ते रहते हैं'

पीड़ितों ने कहा कि जो काम आईडीए को करना है वो शासन के पास भेज देता है। शासन से कहा जाता है कि इंदौर से ही होगा, हम इंदौर-भोपाल के बीच में दौड़ते रहते हैं। सीएम ने तीनों ही मामले में कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी से कहा है कि वे उन्हें जानकारी दें, ताकि इस मामले में आगे हल निकाला जा सके।

तीनों जगह ये आ रहे विवाद

तुलसीनगर

ये अवैध कॉलोनी है, क्योंकि इसके हिस्से में शासकीय सीलिंग जमीन आ रही है। यही कॉलोनी के रहवासियों ने सबसे पहले वैध का मुद्दा उठाया था, लेकिन अभी तक वैध का दर्जा नहीं मिला है। रहवारी संघ की ओर से राजेश तोमर ने बात रखी। वहीं महापौर ने कहा कि धारा 19, 20 के चलते समस्या आ रही है।

अयोध्यापुरी

ये देवी अहिल्या सोसाइटी की कॉलोनी है जहां करीब 400 प्लॉटधारक है। इसे भी वैध होने के लिए आईडीए की एनओसी चाहिए जो नहीं मिल रही है। बीच में एनओसी दी फिर उसे रोक दिया गया, कुछ साल पहले भी एनओसी जारी कर चुके हैं, लेकिन उसे भी रोक दिया गया था। अब इसमें शासन स्तर पर प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई से मार्गदर्शन आना है। यहां पर भूमाफिया दीपक मद्दा, सुरेंद्र संघवी के बेटे प्रतीक संघवी की कंपनी सिम्पलेक्स मेगा फाइनेंस ने संस्था की जमीन भी खरीद रखी है और उन्होंने भी इस कॉलोनी के वैध करने को लेकर निगम में आपत्ति ली हुई है। इनकी कंपनी की रजिस्ट्री शून्य का भी केस चल रहा है।

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पुष्प विहार, श्री महालक्ष्मी नगर

मजदूर पंचायत की इन कॉलोनियों में करीब डेढ़ हजार प्लॉटधारक है। ये सभी आईडीए की स्कीम 171 में आती है। सालों पहले ही प्रस्ताव पास हो चुका है कि इस स्कीम को लैप्स कर दिया जाए और यहां विकास के लिए लगे 5.84 करोड़ रुपए संस्था से लिए जाएं। इसके लिए शासन से नियम भी जारी हो चुके हैं जिसके अनुसार आईडीए को केवल विज्ञप्ति जारी कर ये राशि लेना है और 2 माह में ही उसे स्कीम से मुक्त करना है, जिसके बाद निगम इसे वैध का दर्जा दे सकेगा। लेकिन ये मामला भी सालों से फाइलों और आईडीए के प्रस्ताव, पत्राचार में ही धूल खा रहा है।

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सीएम शिवराज ने ये दिया आश्वासन

सीएम शिवराज ने तुलसीनगर को लेकर कहा कि धारा-20 को लेकर सोचते हैं कैसे इसे शिथिल कर राहत दी जा सकती है। वहीं अयोध्यापुरी और स्कीम 171 को लेकर सीएम ने आईडीए के मुद्दे पर कहा कि पीएस से बात करता हूं इसमें भोपाल स्तर पर क्या हो सकता है? कलेक्टर को भी सीएम ने 3 दिन में इन तीनों मामले की जानकारी देने के लिए कहा।

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रहवासी 7 दिन और करेंगे इंतजार

इस बैठक का समय विधायक महेंद्र हार्डिया ने तय कराया, लेकिन वे खुद जाम में फंस गए और बैठक में नहीं पहुंच सके। वहीं रहवासियों ने सीएम के आश्वासन के बाद 7 दिन और इंतजार करने का फैसला लिया है। इसके बाद भोपाल में जाकर मुलाकात की फिर कोशिश होगी ताकि फाइल आगे बढ़ सकें। उल्लेखनीय है कि ये सभी पीड़ित प्लॉटधारक पहले भी आईडीए के बाहर प्रदर्शन कर चुके हैं और यहां तक कहा कि हमारी पीड़ा नहीं सुनी गई तो अब बीजेपी को हराने के लिए काम करेंगे और वोट नहीं देंगे।

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