RAIPUR. छत्तीसगढ़ से 10,862 लोग लापता हैं। ये कहां है? किस हाल में है, इसकी जानकारी न इनके परिजनों को ना ही पुलिस को। हाल ही में इस बात का खुलासा विधानसभा में डिप्टी सीएम और गृह मंत्री विजय शर्मा के जवाब से हुआ है। विजय शर्मा ने बीजेपी विधायक के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि 1 अप्रैल 2021 से 31 दिसंबर 2023 के बीच 48,675 लोग प्रदेश से लापता हुए। इनमें से 37,813 लोगों को पुलिस ने बरामद कर लिया है, लेकिन अभी भी 10,862 लोग लापता हैं। फिलहाल पुलिस इनकी तलाश में जुटी है।
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लोगों को तलाशने में रायपुर पुलिस सबसे पीछे
बता दें कि विधानसभा में सार्वजनिक किए गए आंकड़ों के अनुसार रायपुर पुलिस इन लापता लोगों को तलाशने में सबसे पीछे है। जानकारी के मुताबिक 1 अप्रैल 2021 से 31 दिसंबर 2023 के बीच रायपुर से 7337 लोग लापता हुए हैं। इनमें से 5602 लोगों को पुलिस ने बरामद कर लिया है, लेकिन अभी भी पुलिस 1735 लोगों का पता नहीं लगा पाई है। इसी तरह बिलासपुर पुलिस के अधिकारी भी अब तक 1397 और दुर्ग पुलिस 1212 लोगों का पता नहीं लगा पाई है।
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इन जिलों का आंकड़ा ज्यादा बेहतर
आंकड़ों के मुताबिक लापता लोगों का पता लगाने में रेल रायपुर, मोहला मानपुर, कोरिया, जगदलपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर और नारायणपुर में पदस्थ पुलिस अधिकारियों ने अच्छा काम किया है। इन जिलों में लापता लोगों का आंकड़ा अन्य जिलों की अपेक्षा बेहद कम है। बता दें कि पुलिस अधिकारियों के पास गुमशुदगी के कई मामले लंबे समय से पेंडिंग पड़े हैं। कुछ मामले ऐसे है, जिसमें सालों बीत गए हैं। परिजनों की मानें तो उन्होंने अपने स्तर पर पूरी कोशिश कर ली, लेकिन उनके घर से लापता हुए लोगों के बारे में अभी तक कुछ पता नहीं चला।
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क्या होता है कारण
अक्सर ऐसे में मामलों में घरवालों से नाराजगी सबसे बड़ा कारण बनता है, लेकिन ज्यादातर ऐसे मामले में व्यक्ति कुछ दिनों के बाद घल लौट आता है। इसी के साथ नाबालिगों के गायब होने के मामलों में मानव तस्करी की संभावना भी बनी रहती है। वहीं लड़कियों से जुड़े मामलों की बात करें तो अधिकतर मामला प्रेम प्रसंग की ही होती है। क्योंकि घरवालों के विरोध के डर से लोग अक्सर ऐसे कदम उठा लेते हैं।
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पुलिस का काम
- महिला या किसी अन्य के लापता होने पर उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करना।
- गुमशुदगी के बाद पुलिस उनके पोस्टर हर थाने पर भेजती है।
- डीसीआरबी (DCRB) के जरिए सभी को इसके बारे में जानकारी दी जाती है, ताकि गुमशुदा के बारे में आसानी से जाकारी जुटाया जा सके।
- पुलिस नजदीकी रिश्तेदारों और दोस्तों का एड्रेस और मोबाइल नंबर लेकर उनसे जानकारी लेती है।
- लापता व्यक्ति के मोबाइल को ट्रैक करते विवेचना अधिकारी उसकी लोकेशन तलाशते हैं।
- विवेचना अधिकारी क्रेडिट-डेबिट कार्ड से होने वाले ट्रांजेक्शन की जांच करते हैं, ताकि व्यक्ति के घर छोड़ने के कारण और वर्तमान लोकेशन का पता चल सके।