दुनिया के सबसे ऊंचे चिनाब रेलवे पुल को तैयार करने में भिलाई का बड़ा रोल, 12,432 टन लोहा दिया

जम्मू-कश्मीर के रियाजी जिले में बने दुनियां के सबसे ऊंचे रेलवे पुल को बनाने में 29 हजार मीट्रिक टन लोहा लगा है। इसमें सेल का हिस्सा करीब 16 हजार टन है।

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Kanak Durga Jha
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12,432 tonnes iron from Bhilai used worlds tallest Chenab railway bridge
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जम्मू-कश्मीर के रियाजी जिले में बने दुनियां के सबसे ऊंचे रेलवे पुल को बनाने में 29 हजार मीट्रिक टन लोहा लगा है। इसमें सेल का हिस्सा करीब 16 हजार टन है। इसमें भिलाई इस्पात संयंत्र ने 5922 टन टीएमटी, 6454 टन प्लेट्स और 56 टन स्ट्रक्चरल सहित कुल 12,432 टन इस्पात की आपूर्ति की है।

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जम्मू-कश्मीर में चिनाब नदी के ऊपर बना 1.3 किमी लंबा यह पुल नदी तल से 359 मीटर की ऊंचाई पर है और पेरिस के प्रतिष्ठित एफिल टॉवर से 35 मीटर ऊंचा है। यह पुल 266 किमी प्रति घंटे हवा की तेज रफ्तार और उच्चतम तीव्रता के भूकंपीय तरंगों का सामना करने में सक्षम है। 

बुलेट ट्रेन परियोजना में भी बीएसपी के स्टील का इस्तेमाल

बता दें कि बीएसपी द्वारा उत्पादित स्टील का उपयोग बांद्रा-वलों सी-लिंक के साथ ही मुंबई में अटल सेतु, अरुणाचल प्रदेश में सेला सुरंग, हिमाचल प्रदेश में अटल सुरंग और राष्ट्रीय महत्व की कई अन्य इन्फ्रास्ट्रक्बर प्रोजेक्ट्स के निर्माण में किया गया है। बुलेट ट्रेन परियोजना में बड़ी मात्रा में टीएमटी बार्स और देश की राजधानी में निर्मित सेंट्रल विस्टा परियोजना में उपयोग के लिए भी टीएमटी उत्पादों की आपूर्ति बीएसपी ने की है। 

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आईएनएस विक्रांत में भी बीएसपी का विशेष प्रकार का स्टील 

इसके अलावा भारत-पाक युद्ध के दौरान अरब सागर में तैनात आईएनएस विक्रांत में भी बीएसपी में बना विशेष प्रकार का स्टील लगा है। स्वदेशी तकनीक से निर्मित इस विमान वाहक पोत के निर्माण के लिए विशेष स्टील की जरूरत पड़ी थी। तब सेल ने भिलाई स्टील प्लांट से डीएमआर-240 ए ग्रेड विशेष प्लेटों का निर्माण करवाया।

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विशेष कठोरता बाला यह इस्पात माइनस 60 डिग्री टेंपरेचर पर भी अपनी दृढ़ता बनाए रखता है। पोत विमानों की लैंडिंग का झटका सह सके, इसके लिए पतली पर मजबूत स्टील प्लेटें लगाई गई हैं। इसके निर्माण में लगभग 30,000 टन विशेष स्टील का उपयोग हुआ है।

FAQ

चिनाब नदी पर बने दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल की क्या विशेषताएँ हैं और इसमें कितना इस्पात लगा है?
जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में चिनाब नदी पर बना यह रेलवे पुल 1.3 किमी लंबा है और नदी तल से 359 मीटर ऊंचा है, जो एफिल टॉवर से 35 मीटर अधिक ऊंचाई पर स्थित है। इसमें कुल 29,000 मीट्रिक टन इस्पात लगा है, जिसमें से भिलाई इस्पात संयंत्र (BSP) ने 12,432 टन स्टील की आपूर्ति की है।
भिलाई इस्पात संयंत्र (BSP) के स्टील का उपयोग किन-किन प्रमुख राष्ट्रीय परियोजनाओं में हुआ है?
बीएसपी के स्टील का उपयोग बुलेट ट्रेन परियोजना, मुंबई अटल सेतु, बांद्रा-वर्ली सी लिंक, अरुणाचल की सेला सुरंग, हिमाचल की अटल सुरंग, और दिल्ली की सेंट्रल विस्टा परियोजना में किया गया है।
आईएनएस विक्रांत में किस प्रकार के स्टील का प्रयोग हुआ और उसकी क्या विशेषता है?
आईएनएस विक्रांत के निर्माण में बीएसपी द्वारा निर्मित डीएमआर-240 A ग्रेड की विशेष स्टील प्लेट्स का उपयोग हुआ, जो -60 डिग्री तापमान में भी अपनी मजबूती बनाए रखती हैं। यह स्टील पोत पर विमानों की लैंडिंग के झटकों को सहने में सक्षम है और इसमें लगभग 30,000 टन विशेष स्टील लगा है।

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चिनाब रेलवे पुल | चिनाब रेलवे पुल में भिलाई का लोहा | छत्तीसगढ़ भिलाई

 

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