छत्तीसगढ़ में 2000 पाकिस्तानियों का बसेरा है, इनमें से 1800 केवल राजधानी रायपुर में बसे हुए हैं। दरअसल, पहलगाम हमले के बाद केंद्र सरकार ने पाकिस्तान से भारत आए लोगों को 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने का निर्देश दिया था। इसके बाद छत्तीसगढ़ समेत देशभर में पाकिस्तानियों की तलाश जारी हो गई। मामले में पुलिस ने जानकारी दी कि छत्तीसगढ़ में 2000 पाकिस्तानी बसे हुए हैं।
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2000 पाकिस्तानियों में 95% सिंधी बाकी मुस्लिम
पुलिस ने जानकारी दी कि 2000 पाकिस्तानियों में 95 प्रतिशत लोग सिंधी हैं बाकी अन्य बचे लोग मुस्लिम हैं। पुलिस की जांच के बाद रायपुर आए 11 पाकिस्तानी नागरिकों ने भारत छोड़ दिया। वे अपने देश लौट चुके हैं। ये नागरिक विजिटर वीजा पर रायपुर आए थे। अधिकांश अपने रिश्तेदार से मिलने आए थे। चार लोग इलाज के लिए आए थे। इनका वीजा 45 दिनों के लिए था।
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पाकिस्तानियों ने भारत की नागरिकता के लिए अर्जी लगाई
सरकार के निर्देश के बाद ये लोग भी लौट गए हैं, जबकि 105 नागरियों के दस्तावेज की अभी जांच चल रही है। 1000 से ज्यादा ने नागरिकता के लिए अर्जी दी है। पुलिस ने बताया कि विजिटर वीजा पर आए 105 पाकिस्तानियों के दस्तावेज की जांच चल रही है, जो 45 दिनों के लिए आएं हैं। सभी गैर-मुस्लिम हैं। इनका वीजा अभी खत्म नहीं हुआ है, जबकि 1000 लोग दीर्घकालिक बीजा (एलटीबी) पर हैं जो लगातार अपने वीजा का समय बढ़वाते जा रहे हैं। हर बार दो साल के लिए इनका वीजा बढ़ जाता है। इन लोगों ने भारत की नागरिकता के लिए अर्जी लगाई है।
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अब तक भारत सरकार से इन्हें वीजा नहीं मिल पाया है। पाकिस्तान से आए करीब 600 लोगों को देश की नागरिकता मिल गई है। वे अब रायपुर में रहकर अपना कारोबार कर रहे हैं। इन्होंने रायपुर और इसके आसपास अपना घर भी बना लिया है। अधिकारियों के मुताबिक हिंदू पाकिस्तानी नागरिकों को पहले से जारी दीर्घकालिक वीजा (एलटीवी) को रद नहीं किया जाएगा और न ही इन्हें देश छोड़ना पड़ेगा।
रायपुर में 1800 पाकिस्तानी
छत्तीसगढ़ में पाकिस्तान से आए करीब 2000 लोग रह रहे हैं। इनमें तकरीबन 1800 रायपुर में ही हैं। दुर्ग, राजनांदगांव, बस्तर समेत अन्य जगहों पर भी पाकिस्तान से आए लोग रह रहे हैं। पाकिस्तान से छत्तीसगढ़ आने वाले 95 फीसदी लोग सिंधी समाज के हैं। बाकी मुस्लिम हैं।
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