राजस्थान को रोशन करने अडानी की आरी से कटेंगे 5 लाख पेड़,भूपेश ने लगाई थी रोक,बीजेपी ने दे दी अनुमति

रायपुर : बीजेपी सरकार की अडानी से यारी हसदेव पर बहुत भारी पड़ रही है। यह मामला राजस्थान को रोशन करने का है। राजस्थान को रोशन करने के लिए हसदेव को उजाड़ा जा रहा है।

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Arun Tiwari
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रायपुर: बीजेपी सरकार की अडानी से यारी हसदेव पर बहुत भारी पड़ रही है। यह मामला राजस्थान को रोशन करने का है। राजस्थान को रोशन करने के लिए हसदेव को उजाड़ा जा रहा है। राजस्थान को जिस कोल ब्लॉक से कोयला दिया जाना है उसी पर बवाल मचा हुआ है। बीजेपी सरकार कहती है कि यह सब भूपेश बघेल का किया धरा है। 

लेकिन असलियत कुछ और है। इस कोल ब्लॉक पर 2021 में भूपेश सरकार ने यह कह कर आपत्ति लगा दी थी कि यह हाथियों का इलाका है। भूपेश सरकार चली गई और बीजेपी सरकार आ गई। इस सरकार ने एक महीने पहले राजस्थान सरकार को कोयला देने के लिए अडानी को हामी भर दी। अब इसके खिलाफ एक आंदोलन शुरु हो रहा है जिसका नाम है अडानी भगाओ - छत्तीसगढ़ बचाओ। 

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हसदेव पर आरी - अडानी से यारी :

हाल ही में चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी के समय एक मुद्दा और जोर शोर से उठा। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि वे विधानसभा में अडानी के पेड़ काटने का मुद्दा उठाने वाले थे इसीलिए ईडी के जरिए ये कार्यवाही की गई ताकि छत्तीसगढ़ को लूटने का मुद्दा न उठे। इसके बाद बीजेपी मैदान में आई और कहा कि कोल ब्लॉक के लिए अडानी को पेड़ काटने का भूपेश सरकार के समय ही हुआ। मामला है राजस्थान को रोशन करने के लिए उसकी पॉवर कंपनी को केते एक्सटेंशन कोल ब्लॉक से कोयला देने का।

हम आपको कागजों के जरिए ये बता रहे हैं कि कौन सच्चा-कौन झूठा। भूपेश सरकार के समय 13 अगस्त 2020 को सरगुजा के वन संरक्षक ने अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक को एक सरकारी पत्र भेजा जिसमें लिखा था कि केते एक्सटेंशन कोल ब्लॉक के पास हाथी कोरिडोर है इसलिए राजस्थान पॉवर कंपनी को इसके लिए अनापत्ति जारी नहीं की जा सकती।

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इसके बाद कोयला मंत्रालय,भारत सरकार को छत्तीसगढ़ के उर्जा सचिव ने जनवरी 2021 में पत्र लिखा कि हाथी रिजर्व के कारण इस कोल ब्लॉक की अनुमति पर सरकार की आपत्ति है इसलिए इस पर रोक लगाई जाए। इस कोल ब्लॉक का एमडीओ भी अडानी के पास था यानी अडानी ही यह कोयला राजस्थान पॉवर कंपनी का देने वाला था। भूपेश सरकार ने इस पर रोक लगा दी थी।

अब इसके आगे चुनाव हुए ओर सरकार बदल गई। प्रदेश में आई बीजेपी की सरकार ने 26 जून 2025 को यह प्रमाण पत्र जारी कर दिया कि इस खदान परियोजना के लिए वन भूमि के व्यपर्वतन प्रस्ताव की स्वीकृति की अनुशंसा की जाती है यानी अडानी साहब कोयला खोदिए और हसदेव के पेड़ काटिए,कहीं कोई आपत्ति नहीं है। 

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5 लाख पेड़ की बलि : 

यह केते एक्सटेंशन कोल ब्लॉक  है। यह खदान भी राजस्थान की है और एमडीओ अनुबंध अडानी का है। इस खदान का 95 प्रतिशत क्षेत्र जंगल है। और इसमें 1742 हेक्टेयर वन भूमि में 5 लाख से अधिक पेड़ काटे जाएँगे । यह खदान सरगुजा के प्रसिद्ध रामगढ़ पहाड़ का भी विनाश करेगा । यह वही खदान है जिसके लिए तमनार से पेड़ कटना चालू हो गए हैं।

और अडानी ने अड़ीबाजी कर आदिवासियों की जमीन पर भी बिना मुआवजा कब्जा कर लिया है। छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन के कार्यकर्ता कहते हैं कि सरकार ने तय कर लिया है कि अदानी की लूट के लिए छत्तीसगढ़ का विनाश करके ही छोड़ेंगे । क्या राजस्थान के मुख्यमंत्री सार्वजनिक रूप से यह बता सकते हैं कि हसदेव की वर्तमान संचालित खदानों का कितना कोयला राजस्थान के प्लांटों में और कितना अदानी के प्लांटों में जा रहा है। इस खदान की स्वीकृति निरस्त की जानी चाहिए। 

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अडानी हटाओ,छत्तीसगढ़ बचाओ : 

हसदेव के जंगल को कटने से बचाने और कोयला खदानों के आवंटन को रद्द करवाने के लिए छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन,संयुक्त किसान मोर्चा समेत दो दर्जन सामाजिक संगठन बड़ा आंदोलन करने जा रहे हैं। भारत छोड़ो आंदोलन की वर्षगांठ पर 13 अगस्त को ये सामाजिक संगठन अडानी भगाओ,छत्तीसगढ़ बचाओ दिवस मनाने जा रहे हैं।

इसके तहत पूरे प्रदेश में धरना प्रदर्शन होगा इन संगठनों के लोगों ने कहा कि छत्तीसगढ़ को अदानी कंपनी की लूट का चारागाह बना दिया गया है। पेसा और वनाधिकार अधिनियम और सभी संवैधानिक प्रावधानों का खुला उल्लंघन करते हुए यहां जल, जंगल, जमीन और पर्यावरण का विनाश किया जा रहा है। इसलिए छत्तीसगढ़ बचाने के लिए अडानी और अन्य कॉर्पोरेट कंपनियों को छत्तीसगढ़ से भगाने की जरूरत है। प्रदेश के सभी तबकों के लोगों और विशेषकर ग्रामीण गरीबों को लामबंद करके अपने कॉरपोरेट विरोधी अभियान को तेज करेंगे।

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