कांग्रेस के नगरीय निकाय चुनाव का समीकरण बागी नेताओं ने बिगाड़ दिया है। ऐसे नेताओं व कार्यकर्ताओं के खिलाफ कांग्रेस ने भी सख्त रूख अपनाया है। कांग्रेस ने बिलासपुर के 50 कांग्रेसियों को पार्टी से 6 साल के निष्कासित कर दिया है। इसमें शहर कांग्रेस कमेटी के वार्डों के 14 तो ग्रामीण कांग्रेस कमेटी के वार्डों के 8 नेता शामिल हैं, जो नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत में बागी होकर निर्दयलीय चुनाव लड़ रहे हैं।
दरअसल, टिकट की दावेदारी करने के बाद भी भाजपा के साथ ही कांग्रेस ने नेता व कार्यकर्ताओं को टिकट नहीं दी। इसके चलते कांग्रेस में बवाल मच गया। पार्टी से टिकट नहीं मिली तो 18 वार्डों से 21 कांग्रेसी निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में कूद गए। वहीं, वार्ड क्रमांक 13 के कांग्रेस प्रत्याशी श्याम पटेल ने बीजेपी से सेटिंग कर अपना नामांकन पत्र ही निरस्त करवा दिया।
जनपद सदस्य व पूर्व ब्लॉक अध्यक्ष पटेल ने जाति प्रमाण पत्र ही जमा नहीं किया। इस वजह से उस वार्ड में बीजेपी प्रत्याशी बिना लड़े ही पार्षद बन गया। उसे पार्टी ने पहले ही 6 साल के लिए निकाल दिया है।
इधर, बुधवार को वार्ड 32 से चुनाव लड़ रहे तैयब हुसैन, वार्ड 21 से लड़ रहे रेखा काशी रात्रे, सुशीला खजुरिया, गिरिजा देवी सोनी, वार्ड 22 से अमर यादव, वार्ड 24 से अब्दुल शाहिद कुरैशी, वार्ड 24 से सरोजनी लहरे, वार्ड 26 से जस्सास की पत्नी शमा सिद्दीकी, वार्ड 29 से एसडी कार्टर उर्फ रेड्डू, इसी वार्ड से एडवर्ड मसीह, वार्ड 35 से नीलेश मांडेवार, वार्ड 60 से राकेश कैवर्त, वार्ड 61 से तृप्ति चंद्रा, पूर्व पार्षद अजय यादव को पार्टी से 6 साल के लिए निकाल दिया है।
कांग्रेस ने बिलासपुर में कितने नेताओं को पार्टी से निष्कासित किया और क्यों?
कांग्रेस ने बिलासपुर में 50 नेताओं को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया। ये सभी नेता नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत चुनाव में बागी होकर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरे थे, जिससे पार्टी का समीकरण बिगड़ गया।
कांग्रेस के नेताओं ने बागी रुख क्यों अपनाया?
कांग्रेस के कई नेताओं ने टिकट की दावेदारी की थी, लेकिन जब उन्हें पार्टी से टिकट नहीं मिला, तो वे नाराज होकर निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए उतरे। इससे पार्टी में असंतोष बढ़ गया और कई वार्डों में कांग्रेस के नेता पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल हो गए।
वार्ड क्रमांक 13 के कांग्रेस प्रत्याशी श्याम पटेल ने क्या किया जिससे बीजेपी को फायदा हुआ?
वार्ड क्रमांक 13 के कांग्रेस प्रत्याशी श्याम पटेल ने बीजेपी से सेटिंग कर अपना नामांकन पत्र ही निरस्त करवा दिया। इसके अलावा, जनपद सदस्य व पूर्व ब्लॉक अध्यक्ष पटेल ने अपना जाति प्रमाण पत्र जमा नहीं किया, जिससे वहां बीजेपी प्रत्याशी बिना चुनाव लड़े ही पार्षद बन गया।