गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वालों को सरकार ने एकल बत्ती कनेक्शन दिया है। अब ऐसे घरों में भी जीनस कंपनी स्मार्ट मीटर लगा रही है। सामान्य उपभोक्ताओं की तरह इनको भी अनाप शनाप बिल भेजा जा रहा है। हर महीने 200-250 रुपए बिल भरने वालों को अब हजारों में बिल भेजा जा रहा है। किसी को 25 हजार को तो किसी को 57000 का बिल भेजा गया है। अब ये लोग परेशान हैं और बिजली विभाग के चक्कर लगा रहे हैं।
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बिजली विभाग का चक्कर लगा रहे उपभोक्ता
बता दें कि बिजली विभाग ने जीनस कंपनी को स्मार्ट मीटर लगाने की जिम्मेदारी दी है। कंपनी के कर्मचारी शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में पुराने मीटर को बदलकर स्मार्ट मीटर लगा रहे हैं। जब से स्मार्ट मीटर लगाया जा रहा है तब से उपभोक्ता परेशान हैं। कभी कर्मचारियों की मनमानी तो कभी बिल अधिक आने के कारण उपभोक्ता बिजली विभाग का चक्कर लगा रहे हैं।
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1 लाख घरों में लगे स्मार्ट मीटर के कनेक्शन
इतना ही नहीं स्मार्ट मीटर के चलते घरों में लगे विद्युत उपकरण भी खराब हो रहे हैं। हालांकि बिजली विभाग ने उपभोक्ताओं को यह सुविधा दी है कि स्मार्ट मीटर की वजह से बिजली उपकरण अगर खराब होता है तो बिजली कंपनी उसका हर्जाना भरेगी। सरकार की ये स्मार्ट बिजली मीटर लगाने की नीति को अभी तक 1 लाख के आंकड़े तक पूरा कर दिया गया है। बता दें कि स्मार्ट मीटर के चलते कई लोगों के घरों के बिजली उपकरण खराब हो रहे हैं।
हालत यह है कि बिजली बिल अधिक आने को लेकर शहरवासियों ने बिजली विभाग का घेराव किया था। अफसरों ने शिविर लगाकर उपभोक्ताओं की समस्याओं का निराकरण करने का भरोसा दिलाया था, लेकिन अब बिजली विभाग के अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। सरकंडा डबरीपारा, मोपका के बाद अब कुदुदंड में बिल अधिक देने की शिकायत आ रही है।
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