Abujhmad jungle naxalite police encounter : छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ में पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ में शहीद हेड कॉन्स्टेबल बीरेंद्र कुमार सोरी (36) का गुरुवार को बावालाड़ी में अंतिम संस्कार किया गया। शहीद जवान को उनकी बेटियों ने कंधा दिया। इससे पहले शहीद जवान के शव को लेकर पुलिस की एक टीम नारायणपुर आई। वहां बस्तर आईजी सुंदरराज पी. की मौजूदगी में शहीद को श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद पार्थिव शरीर को गृह ग्राम लाया गया।
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कांकेर के रहने वाले थे बीरेंद्र
बीरेंद्र कुमार सोरी 2010 में नारायणपुर जिला बल में कॉन्स्टेबल के पद पर भर्ती हुए थे। 2018 में नक्सल ऑपरेशन में वीरतापूर्ण कार्य के लिए उन्हें हेड कॉन्स्टेबल के पद पर पदोन्नत किया गया था। वे कांकेर के नरहरपुर के रहने वाले थे।
तिरंगे से लिपटा आरक्षक बीरेंद्र कुमार शोरी का पार्थिव शरीर गृह ग्राम मर्रामपानी के आश्रित ग्राम बावालाड़ी पहुंचा। जवान की अंतिम श्रद्धांजलि यात्रा के दौरान बेटियों ने कंधा दिया। इस दौरान अमर शहीद जवान अमर रहे के नारे लगते रहे। श्रद्धांजलि यात्रा के बाद तैनात पुलिस के जवानों द्वारा शहीद जवान को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
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बेटियां अब दादा और चाचाओं के भरोसे
जवान की तीन बेटियां निकिता, अराधना और झरना सोरी पिता के पार्थिव शरीर आते ही बिलख पड़ीं। तीनों पिता के जाने के बाद अब अपने दादा और चाचाओं के भरोसे रह गई हैं। ग्रामीणों के अनुसार दादा नारायण सोरी जनपद में बाबू, छोटे चाचा अजय नगर पंचायत में बाबू और मंझले चाचा हरिचन्द शिक्षाकर्मी हैं। शहीद की पत्नी शीतल शोरी और मां बिन्दाबाई का रो-रोकर बुरा हाल था।