प्रधानाध्यापक के संरक्षण में चर्च संचालन और ईसाई धर्म प्रचार का आरोप

छत्तीसगढ़ के बतौली क्षेत्र की ग्राम पंचायत तेलाईधार में मिशन प्राथमिक/माध्यमिक शाला में स्कूल की आड़ में हर रविवार चर्च का संचालन हो रहा है। आरोप है कि स्कूल में शिक्षा के नाम पर ईसाई धर्म का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।

author-image
Krishna Kumar Sikander
New Update
Accusations of running a church and preaching Christianity under the protection of the headmaster the sootr
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

छत्तीसगढ़ के बतौली क्षेत्र की ग्राम पंचायत तेलाईधार में एक गंभीर मामला सामने आया है, जहां मिशन प्राथमिक/माध्यमिक शाला में स्कूल की आड़ में हर रविवार चर्च का संचालन हो रहा है। आरोप है कि स्कूल में शिक्षा के नाम पर ईसाई धर्म का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है, और इस कार्य में प्रधानाध्यापक शनिलाल तिग्गा की सहभागिता है। हैरानी की बात यह है कि स्थानीय अधिकारियों को इसकी जानकारी तक नहीं है।

ये खबर भी पढ़ें... विधायक निधि पर अब सरकार की नजर, तीसरी आंख देखेगी कहां किस पर फंड लुटा रहे माननीय

50 वर्षों से संचालित है मिशन स्कूल

बतौली विकासखंड के तेलाईधार कोरकोटपारा में यह मिशन स्कूल करीब 50 साल से संचालित है। यह क्षेत्र का एकमात्र स्कूल है, जहां कक्षा 1 से 8 तक की पढ़ाई होती है। यह स्कूल अर्धशासकीय है और ग्राम पंचायत द्वारा दी गई शासकीय भूमि पर चल रहा है। इसके बावजूद, स्कूल परिसर में ही वर्षों से चर्च का आयोजन किया जा रहा है, जो नियमों के उल्लंघन का गंभीर मामला माना जा रहा है।

ये खबर भी पढ़ें... राजिम में अवैध मुरुम खनन का खेल, प्रशासन खामोश

प्रधानाध्यापक पर संरक्षण का आरोप

स्थानीय लोगों का आरोप है कि स्कूल में चर्च का संचालन प्रधानाध्यापक शनिलाल तिग्गा के संरक्षण में हो रहा है। उनका कहना है कि यह धार्मिक गतिविधियां शिक्षा के माहौल को प्रभावित कर रही हैं। इस मामले की जानकारी विकासखंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) शरदचंद्र मेषपाल को भी नहीं थी। उन्होंने कहा कि स्कूल में चर्च संचालन गलत है और प्रधानाध्यापक से जानकारी लेकर उचित कार्रवाई की जाएगी।

ये खबर भी पढ़ें... 4456 शिक्षकों की नई तैनाती, 166 स्कूलों का होगा समायोजन

प्रधानाध्यापक का दावा, मंत्रालय से मिली अनुमति

वहीं, प्रधानाध्यापक शनिलाल तिग्गा ने दावा किया कि चर्च का संचालन छत्तीसगढ़ मंत्रालय से अनुमति प्राप्त होने के बाद किया जा रहा है। हालांकि, इस दावे की पुष्टि अभी बाकी है, और यह मामला अब जांच के दायरे में है।

ये खबर भी पढ़ें... आदिवासियों में पैठ बढ़ाने संघ की ट्राइबल लीडर्स पर नजर, बस्तर के नेता का नागपुर बुलावा

जांच और कार्रवाई की मांग

इस मामले ने स्थानीय समुदाय में चर्चा का विषय बना दिया है। लोगों का कहना है कि शासकीय भूमि पर बने स्कूल का उपयोग धार्मिक गतिविधियों के लिए नहीं होना चाहिए। अब यह देखना बाकी है कि शिक्षा विभाग इस मामले में क्या कदम उठाता है और क्या इस अनियमितता पर कोई ठोस कार्रवाई होगी।

 

Church | christianity | protection

Chhattisgarh protection christianity Church