बच्चों के पोस्टमॉर्टम के लिए 10-10 हजार मांगने का आरोप, डूबने से हुई थी दो भाइयों की मौत

छत्तीसगढ़ में चल रहे सुशासन तिहार के बीच सरगुजा के सिलसिला में दो बच्चों की सोखता गड्ढे में डूबने से मौत हो गई। परिजन बच्चों का पोस्टमॉर्टम कराने रघुनाथपुर हॉस्पिटल पहुंचे तो पोस्टमॉर्टम के लिए उनसे 10-10 हजार रुपए मांगे गए।

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Krishna Kumar Sikander
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Accused of demanding Rs. 10,000 each for postmortem of children two brothers had died due to drowning the sootr
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छत्तीसगढ़ में चल रहे सुशासन तिहार के बीच सरगुजा में स्वास्थ्य विभाग के बड़ी लापरवाही की तस्वीर सामने आई है। सरगुजा के सिलसिला में दो बच्चों की सोखता गड्ढे में डूबने से मौत हो गई। परिजन बच्चों का पोस्टमॉर्टम कराने रघुनाथपुर हॉस्पिटल पहुंचे तो पोस्टमॉर्टम के लिए उनसे 10-10 हजार रुपए मांगे गए। बाद में स्थानीय विधायक के हस्तक्षेप के बाद डॉक्टरों में पोस्टमार्टम किया।

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सोखता गड्ढे में गिरकर डूब गए दोनों भाई

सरगुजा के रघुनाथपुर पुलिस चौकी क्षेत्र अंतर्गत ग्राम सिलसिला में दो बच्चे सूरज गिरी पिता विनोद गिरी (5 वर्ष) और जुगनू गिरी पिता शिवा गिरी वर्ष (5 वर्ष) घर से कुछ दूरी पर ट्यूबवेल के पास खेल रहे थे। दोनों बच्चे खेलते हुए ट्यूबवेल के सोखता गड्ढे में गिर गए और डूब गए। करीब दो घंटे बाद परिजन उन्हें खोजते हुए मौके पर पहुंचे, तब तक दोनों बच्चों की मौत हो गई थी। दोनों बच्चों को बाइक से लेकर परिजन रघुनाथपुर हॉस्पिटल पहुंचे। हॉस्पिटल में दोनों बच्चों को मृत घोषित कर दिया गया। बच्चों के परिजनों ने शवों का पोस्टमॉर्टम करने से मना कर दिया और बाइक से ही शव लेकर वापस घर चले गए।

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डॉक्टर बोले कल आते तो नहीं लगते पैसे

पंचायत के सरपंच और पटवारी ने परिजनों को समझाइश दी तो दोनों बच्चों के परिजन शवों को बाइक से लेकर हॉस्पिटल पहुंचे। मृत बच्चों के परिजनों ने आरोप लगाया कि रघुनाथपुर हॉस्पिटल में पदस्थ चिकित्सक डा. अमन जायसवाल ने दोनों बच्चों के पोस्टमॉर्टम के लिए यह कहते हुए 10-10 हजार मांगे कि कल पोस्टमॉर्टम कराते तो पैसे नहीं लगते। इसकी जानकारी स्थानीय लोगों ने लुण्ड्रा विधायक प्रबोध मिंज को भी दी। विधायक की सूचना पर जनप्रतिनिधि भी मौके पर पहुंच गए। विधायक की सूचना पर लुण्ड्रा बीएमओ डा. राघवेंद्र चौबे भी मौके पर पहुंचे और दोनों बच्चों को पोस्टमॉर्टम कराया गया। बच्चों के शवों को घर ले जाने के लिए वाहन नहीं मिला तो परिजन फिर से बाइक में दोनों बच्चों के शवों को लेकर वापस घर पहुंचे और उनका अंतिम संस्कार किया।

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BMO बोले-डॉक्टर ने नहीं मांगे पैसे 

इस संबंध में बीएमओ डा. राघवेंद्र चौबे ने बताया कि उन्होंने परिजनों से बात की तो किसी ने भी डॉक्टर द्वारा पैसे मांगने की जानकारी नहीं दी। परिजनों ने बताया कि किसी बिचौलिए के माध्यम से यह बात आई थी। बिचौलिए ने डॉक्टर से कहा था कि बच्चों का चीर फाड़ न करें और रिपोर्ट दे दें। इसके लिए वे पांच हजार, 10 हजार जो खर्च लगेगा, देने को तैयार हैं। डा. चौबे ने बताया कि वे रघुनाथपुर में करीब 3 घंटे तक रहे और बिचौलिए को बुलाया लेकिन वह नहीं आया। शव को ले जाने के लिए लुण्ड्रा से वाहन मंगाने के लिए परिजनों को कहा गया था, लेकिन घर पास होने के कारण वे यह कहते हुए बाइक से शव ले गए कि गाड़ी जब तक पहुंचेगी, इससे पहले वे घर पहुंच जाएंगे।

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CMHO बोले- टीम बनाकर कराएंगे 

जांच सरगुजा CMHO डा. पीएस मार्को ने कहा कि बीएमओ ने मौके पर जाकर पूछताछ की है। डॉक्टर ने पैसे नहीं मांगे, बल्कि उनके द्वारा कहा गया कि बिना चीर फाड़ के पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट दे दीजिए। हम कुछ पैसे आपको दे देंगे। वे पहले पीएम नहीं कराना चाहते थे। जब उन्हें पता चला कि पानी में डूबने से कुछ मुआवजा दिया जाता है तो वे पोस्टमॉर्टम कराने आए थे। CMHO ने कहा कि आरोप लगे हैं तो टीम गठित कर इसकी जांच कराई जाएगी। शव वाहन के लिए भी परिजनों ने ही मना किया था।