अडानी ग्रुप पर अमेरिका में केस फाइल होने के बाद भारतीय शेयर बाजार में हाहाकार मचा हुआ है। ग्रुप की अडानी इंंटरप्राइज, अडानी पोर्ट्स सहित अन्य कंपनियों के शेयर गुरुवार को करीब 20 फीसदी नीचे ट्रेड कर रहे थे। न्यूयॉर्क में अडानी के खिलाफ केस फाइल होने के बाद यह सवाल उठ रहा है कि अगर अडानी ने भारत के राज्यों के अधिकारियों को रिश्वत दी थी तो अमेरिका में अपराध क्यों दर्ज किया गया ? दरअसल, अमेरिकी कानून के अनुसार विश्व की किसी भी कंपनी ने यदि अमेरिका से किसी भी प्रकार की फंडिंग ली है, तो अमेरिकी एजेंसियां उसकी जांच कर सकती हैं। इस संबंध में अमेरिकी कोर्ट में केस चलाया जा सकता है। अडानी के साथ भी यही हुआ है।
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ये है अमेरिका का कानून
अडानी ग्रुप ने सोलर ग्रीन प्रोजेक्ट के लिए अमेरिकी फंड्स से फंडिंग ली है। अमेरिकी कानून के अनुसार विश्व की किसी भी कंपनी ने यदि अमेरिका से किसी भी प्रकार की फंडिंग ली है, तो अमेरिकी एजेंसी उसकी जांच कर सकती है और उस संबंध में अमेरिकी कोर्ट में केस चलाया जा सकता है। चूंकि, अडानी ने अमेरिकी फंड्स से फंडिंग ली है, इसलिए अमेरिकी कोर्ट में केस फाइल किया गया है।
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अडानी के खिलाफ आपराधिक मामला क्यों दर्ज किया गया है?
अडानी पर आरोप लगा है कि अमेरिका में अपनी सोलर प्रोजेक्ट कॉन्ट्रैक्ट दिलाने के लिए भारत के सरकारी अधिकारियों को अडानी ने 265 मिलियन डॉलर (2200 करोड़ रुपए से अधिक) रिश्वत दिए। इस मामले में अडानी के खिलाफ न्यूयोर्क में आपराधिक मामला दर्ज किया गया है। गौतम अडानी समेत 8 लोगों पर धोखाधड़ी और रिश्वत के आरोप लगे हैं। बता दें कि अमेरिका के इस प्रोजेक्ट से अडानी ग्रुप को 20 साल में दो अरब डॉलर से अधिक का फायदा होने की उम्मीद थी।
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